बौडी शेमिंग बना बड़ा सिरदर्द : डौली सिंह

एक पतलीदुबली सांवली सी लड़की जब बौलीवुड की एक्ट्रैस के साथ काम करती है तो जरूर उस में कोई न कोई बात तो होती ही है. हम बात कर रहे हैं एक्ट्रैस, फैशन व्लौगर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर डौली सिंह की. जिस ने ‘थैंक यू फौर कमिंग’ से बौलीवुड में डैब्यू किया था. उस की यहां तक पहुंचने की जर्नी आसान नहीं रही है, क्योंकि उसे अकसर बौडी शेमिंग का सामना करना पड़ा है. इस का जिक्र उस ने कुछ महीने पहले ही अपने इंस्टाग्राम पर किया है.

 

15 मई, 2024 को डौली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लंबीचौड़ी पोस्ट शेयर की और बताया कि कैसे उसे अपने वजन को ले कर शर्मिंदा होना पड़ता है. पोस्ट के कैप्शन में डौली ने लिखा, ‘‘मु?ो आशा है कि मैं किसी के लिए सेफ प्लेस हूं’’ वहीं बात करें उस के नोट की तो उस ने अपने नोट में लिखा, ‘‘हर किसी की तरह मेरा वजन भी बढ़ताघटता रहता है, लेकिन मैं आसानी से अपना वजन कम कर लेती हूं, जो वापस बढ़ना मुश्किल होता है. पिछले कुछ महीनों में बढ़ती उम्र और स्ट्रैस की वजह से मेरा वजन कम हुआ है, लेकिन मु?ो इस की कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि मु?ो पता है कि अपनी हैल्दी डाइट और वर्क आउट से मैं दोबारा वजन बढ़ा लूंगी. मु?ो यकीन है कि लोगों के पास मेरे वजन के बारे में कहने के लिए बहुतकुछ होगा, साथ ही वे मु?ो विश्वास दिलाने की कोशिश करेंगे कि मैं ने अपनी चमक खो दी है और मैं अपना ध्यान नहीं रखती हूं.’’

डौली ने अपने इस नोट में अपने बचपन के बौडी शेमिंग के भयानक और भावनात्मक अनुभव का भी जिक्र किया है. उस ने बताया कि 13 साल की उम्र में अपने वजन को ले कर उसे बौडी शेमिंग का दर्द ?ोलना पड़ा. उस ने कहा कि भले ही 30 की उम्र में लोगों के कमैंट्स का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन 13 साल की उम्र में उसे इस तरह की बातों से चोट पहुंचती थी. डौली सिंह ने आगे बताते हुए कहा, ‘‘शुक्र है, इंस्टाग्राम पर मेरे दर्शक मुझे स्वीकार कर रहे हैं. मु?ो अब उतनी ट्रोलिंग नहीं मिलती जितनी पहले मिलती थी. लेकिन, अगर आप का वजन कम हुआ है या बढ़ा है तो आप को दूसरों को बताने की जरूरत नहीं है.’’

इतनी नैगेटिव बातों के बाद डौली ने इस नोट में अपने हैप्पी प्लेस का भी जिक्र किया है और बताया है कि लोगों को भी बिना वजन के बढ़नेघटने की चिंता किए बगैर कंफर्टेबल महसूस करने की जरूरत है.

डौली सिंह काफी क्रिएटिव भी है. उस का ह्यूमर काबिल ए तारीफ है. यही वजह है कि उस के कौमेडी वीडियोज दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद आते हैं. वह सोशल मीडिया पर अपने फनी किरदारों के लिए हमेशा ही छाई रहती है. जैसे ही वह कोई कौमेडी वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर पोस्ट करती है वैसे ही उस के व्यूज लाखों में आ जाते हैं.

सोशल मीडिया पर डौली के कुछ फनी कैरेक्टर हैं जो लोगों के बीच काफी पौपुलर हैं- गुड्डी भाभी, राजू की मम्मी,  श्री, साउथ दिल्ली बहू जैसे अलगअलग किरदारों   में वह कंटैंट क्रिएट करती है.

कैसे की शुरुआत?

23 सितंबर, 1993 को जन्मी डौली उत्तराखंड के नैनीताल से है. उस ने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय और नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन टैक्नोलौजी से पूरी की है. इस के बाद उस ने ‘स्श्चद्बद्यद्य ह्लद्धद्ग ह्यड्डह्यह्य’ के साथ व्लौगिंग स्टार्ट की. इस के अलावा वह ‘द्बष्ठद्ब1ड्ड’ की पौपुलर कंटैंट डेवलपर भी है.

इस के अलावा, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफौर्म्स जैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती है. इंस्टाग्राम पर उसे 1.4 मिलियन लोग फौलो करते हैं और यूट्यूब पर उस के 6 लाख के करीब सब्सक्राइबर्स हैं.

डौली जिस तेजी से बौलीवुड इंडस्ट्री और सोशल मीडिया में अपनी जगह बना रही है उस से यह कहा जा सकता है कि उस ने बौडी शेमिंग की नैगेटिव अवधारणा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और वह इस से उभरने में कामयाब रही है.

बौडी शेमिंग से हो सकती है यह परेशानी

वैसे इस बात से बिलकुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि बौडी शेमिंग एक सीरियस मुद्दा है, जो किसी की भी मैंटल हैल्थ को खराब कर सकता है. कभीकभी इस तरह की चीजें लोगों के डिप्रैशन का कारण तक बन जाती हैं और डिप्रैशन हैल्थ के लिए कितना बुरा है यह तो सभी जानते हैं. इस के अलावा भी बौडी शेमिंग का हमारी हैल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

बौडी शेमिंग की मार झेल रहा इंसान अकेलापन महसूस कर सकता है, उसे अंदर ही अंदर घुटन महसूस हो सकती है, वह शर्मिंदगी और इन्फिरीओरिटी कौम्प्लैक्स महसूस कर सकता है, लगातार बौडी शेमिंग से वह स्ट्रैस या डिप्रैशन का शिकार हो सकता है, वह खुद को फ्रैंड्स और फैमिली से अलग करना शुरू कर देता है. उसे पैनिक अटैक आने के चांसेस होते हैं.

लड़कियां हैं बड़ा शिकार

कुछ महीनों पहले हुमा कुरैशी और सोनाक्षी सिन्हा की एक फिल्म आई थी, जिस का नाम था ‘डबल एक्स एल.’ इस फिल्म में बहुत अच्छे से यह दिखाया गया था कि, कैसे लड़कियों को कदमकदम पर बौडी शेमिंग का शिकार होना पड़ता है.

बौडी शेमिंग एक बड़ा मुद्दा रहा है. बौडी शेमिंग का शिकार लड़कों के मुकाबले ज्यादा लड़कियां होती हैं. इन्हें अकसर अलगअलग नामों जैसे काली, नाटी, मोटी से पुकारा जाता है. कई रिसर्च में भी यह बात सामने आई है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों को अपने वजन के आधार पर अधिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और इस वजह से उन के साथ ज्यादा छेड़छाड़ की जाती है.

क्या कहता है सर्वे

एक बौडी शेमिंग के सर्वे में कई चौंका देने वाले तथ्य सामने आए. जैसे 84 प्रतिशत महिलाओं के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं की बौडी शेमिंग ज्यादा होती है. 90प्रतिशत महिलाओं ने माना कि बौडी शेमिंग एक आम व्यवहार है. 47.5 प्रतिशत महिलाओं को स्कूल और वर्कप्लेस पर बौडी शेमिंग का सामना करना पड़ा. 32.5 प्रतिशत  महिलाओं ने कहा कि दोस्त उन के वजन, शेप, रंग और बालों पर नैगेटिव कमैंट करते हैं. 3 प्रतिशत महिलाओं का मानना था कि आत्मविश्वास के लिए अच्छा दिखना जरूरी है.

चाहे कोई कुछ भी कहे, हमेशा खुद से प्यार करें. चाहे आप का रंग, रूप, हाइट कैसी भी हो, खुद को वैसे ही स्वीकारें. किसी की बातों को खुद पर हावी न होने दें. न ही अपनी तुलना कभी किसी से करें. वहीं आप का फ्रैंड सर्कल कैसा है इस का प्रभाव भी आप की मैंटल हैल्थ पर पड़ता है. इसलिए हमेशा ऐसे लोगों से दोस्ती करें जो आप के टैलेंट से आप को आंकें न कि आप की बौडी से, क्योंकि दोस्तों के द्वारा बौडी शेमिंग करना ज्यादा अखरता है.

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