ऑलिव पत्तियों वाली चाय दिलाए स्ट्रेस से राहत

आज स्ट्रेस हमारे जीवन का हिस्सा बन गई है, क्योंकि आज वर्क फ्रॉम होम का बढ़ता चलन, बच्चे घरों में रहने पर मजबूर हैं, महिलाओं पर काम की ज्यादा जिम्मेदारी है. साथ ही बहुत सारी खबरें हमारे चारों तरफ फैली हुई हैं. हम इस बात से भी अनजान हैं कि बढ़ते स्ट्रेस के कारण हमारी इम्युनिटी कमजोर हो रही है. जो बाल झड़ने व दिल की समस्या के साथ सिर दर्द व तनाव का भी कारण बन रही है. कोई नहीं चाहता कि स्ट्रेस उस पर हावी हो और उसका सुकून छिन जाए. यही नहीं बल्कि आज लोग पहले के मुकाबले में ज्यादा हैल्थ कॉन्सियस हो गए हैं. वे हर सूरत में खुद को व अपनों को स्ट्रेस से दूर रखना चाहते हैं. इस के लिए अपनी डाइट में उन सभी चीजों को शामिल करते हैं, जिससे उनकी इम्युनिटी बूस्ट हो. वे स्ट्रेस से दूर रहने के लिए दिन में कई कप चाय व कॉफी का सेवन कर लेते हैं. लेकिन हम आपको एक ऐसी खास चाय के बारे में बताते हैं, जो ऑलिव की पत्तियों से युक्त है. जो आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ आपके स्ट्रेस को भी कम करने में मददगार साबित हो सकती है.

क्यों है खास

आज के लाइफस्टाइल में स्ट्रेस से बचना शायद मुश्किल हो, लेकिन अगर आप रोजाना ऑलिव की पत्तियों से युक्त चाय का सेवन करेंगे, तो ये आपके दिमाग को रिलैक्स करने, नसों को शांत करने, आपके मूड को ठीक करने व आपकी स्लीप क्वालिटी को ठीक करने में मदद कर सकती है. यकीन मानिए आप खुद बदलाव महसूस करेंगे.

इम्युनिटी को बढ़ाए

हालिया अनेक अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि ऑलिव की पत्तियों में पोलीफेनोल एन्टिऑक्सीडेंट होता है, जिसमें बहुत ज्यादा फ्री रेडिकल्स से लड़ने की क्षमता होती है. इसमें मुख्य फेनोल तत्व ओलियूरोपियन होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करता है. साथ ही फेनोल के साथ फ्लेवोनोइड्स इसे और पावरफुल एन्टिऑक्सीडेंट बना देता है. इसमें ग्रीन टी की तुलना में दोगुने एन्टिऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इसे ग्रीन टी से खास बनाते हैं.

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ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में सहायक

इसमें ओलियूरोपियन तत्व होता है. जो नेचुरल तरीके से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है. बता दें कि ब्लड प्रेशर व स्ट्रेस सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जबकि ऑलिव की पत्तियों को स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए बहुत ही असरदार थेरेपी माना जाता है.

दिल को रखे सेहतमंद

अनेक अध्ययनों से यह पता चला है कि ऑलिव लीफ के नियमित सेवन से यह बैड कोलेस्ट्रॉल को आपकी रक्त धमनियों में जमने से रोक सकता है. जिससे शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. जिससे यह आपके दिल की सेहत का खास ध्यान रखने का काम करता है.

वजन का भी ध्यान

आज हमारे खराब लाइफस्टाइल की वजह से हम में से अधिकांश लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑलिव की पत्तियों में पाया जाने वाला ओलियूरोपियन तत्व बॉडी के फैट को कम करने में सहायक है, साथ ही मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है. जिससे धीरेधीरे शरीर फिगर में आने लगता है, क्योंकि ये हमारी बारबार की भूख को शांत करके हमें ओवरईटिंग की आदत से दूर जो रखता  है.

डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक

आज बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई डायबिटीज का शिकार हो रहा है. और इसके लिए हमारा खराब लाइफस्टाइल जिम्मेदार है. लेकिन ऑलिव की पत्तियों से युक्त चाय आपकी शुगर को भी कंट्रोल करने में मददगार हो सकती है. ये ब्लड में इंसुलिन के लेवल को रेगुलेट करता है, जिससे ब्लड शुगर को अच्छे से मैनेज कर पाता है.

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नो कैफीन ओरिजिनल फ्लेवर

हम खुद को स्ट्रेस से दूर रखने के लिए दिन में कईकई बार चाय, कॉफी व ग्रीन टी का सेवन करते हैं. जिससे भले ही आप खुद को तरोताजा और ऊर्जावान पाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अधिक सेवन से आपको बेचैनी, नींद में खलल, सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिर चाहे बात हो ग्रीन टी की, क्योंकि इसमें भी कैफीन होता है, जिससे आपको इसकी लत पड़ जाती है. लेकिन ऑलिव की पत्तियों से युक्त चाय आपके पूरे दिन को फ्रैश बनाने का तो काम करेगी ही, साथ ही आपको बीमारियों से दूर रखकर आपके स्ट्रेस को भी कम करेगी. इसमें कैफिन भी नहीं होता. तो फिर हो जाए दिन की शुरुआत ऑलिव की पत्तियों की खूबियों से भरपूर चाय से.

Health tips: तनाव दूर करने के 5 आसान टिप्स

आप वास्तव में स्वस्थ रहना चाहती हैं, तो शरीर के साथसाथ दिमाग को भी स्वस्थ रखें. कई दफा बीमारियां और शारीरिक पीड़ाएं मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पहलू से भी जुड़ी होती हैं, जिन पर आमतौर पर हम ध्यान नहीं देते. उदाहरण के लिए फाइब्रोसाइटिस को ही ले लें. यह ऐसी स्थिति है जिस से मांसपेशियों में दर्द, नींद और मूड से संबंधित समस्याएं हो सकती है. यह समस्या पुरुषों से कहीं ज्यादा महिलाओं में दिखती है और यह ताउम्र भी रह सकती हैं. इस की कई वजहें हो सकती हैं जैसे आर्थ्राइटिस, संक्रमण या फिर व्यायाम की कमी. ऐसे में जरूरी है कि शरीर के साथसाथ मानसिक सेहत का भी खयाल रखा जाए.

स्वास्थ्य पर असर

मानसिक बीमारियों की शुरुआत डिप्रैशन से होती है. एक व्यक्ति जब किसी बात को ले कर थोड़े समय के लिए उदास होता है, तो उस के खतरनाक नतीजे नहीं होते. मगर जब उदासी लंबे समय तक बनी रहे तो यह डिप्रैशन में बदल जाती है और व्यक्ति हमेशा उदास, परेशान, तनहा रहने लगता है, नकारात्मक बातें करता है और दूसरों से मिलने से कतराता है. इस का असर उस के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.

दिल्ली जैसे महानगरों में लोग डिप्रैशन के साथसाथ टैंशन के भी शिकार हो रहे हैं. एक तरफ अधिक से अधिक रुपए कमाने की जरूरत तो दूसरी ओर रिश्तों में बढ़ रहा तनाव और एकाकी जीवन लोगों में टैंशन यानी तनाव बढ़ा रहा है.

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वर्ल्ड हैल्थ और्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 35% से ज्यादा लोग ऐक्सरसाइज करने में आलस करते हैं. शारीरिक रूप से कम सक्रियता व्यक्ति के लिए दिल की बीमारियों, कैंसर, डायबिटीज और हड्डियों के रोगों के साथसाथ मानसिक रोगों का भी खतरा बढ़ाती है.

इन बातों का रखें खयाल

व्यायाम करें: व्यायाम करने से ऐंडोर्फिन हारमोन का संचार बढ़ता है. यह एक ऐसा हारमोन है जो दर्द और तनाव से लड़ता है और अच्छी नींद लाने में सहायक होता है. रोज स्ट्रैचिंग, वाकिंग, स्विमिंग, डांसिंग जैसे व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं.

सामाजिक बनें: अध्ययनों के मुताबिक जिन लोगों को सामाजिक सहयोग मिलता है वे तनाव, डिप्रैशन और दूसरे मानसिक रोगों से दूर रहते हैं. फिर अपनी समस्याओं को दूसरों से डिस्कस करने पर नए रास्ते भी मिलते हैं और तनाव भी घटता है.

पसंदीदा काम करें: अकसर लोग अपनी हौबी के लिए समय नहीं निकाल पाते, जो ठीक नहीं है. अपनी हौबी को अपनाएं. इस से जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है और सोच सकारात्मक होती है. अपने अंदर की रचनात्मकता को बाहर लाएं. यह कोई भी काम जैसे लेखन, बागबानी, कौमेडी, कुकिंग आदि कुछ भी हो सकता है.

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किसी के लिए कुछ कर के देखें: अपने लिए तो हम सभी जीते हैं, मगर कभीकभी दूसरों के लिए भी कुछ कर पाने की खुशी मन से मजबूत बनाती है. किसी की मदद करना, किसी अजनबी को कुछ देना या फिर अपनों के काम आना जैसे कार्य आप को आनंद से भर देंगे. यानी लोगों की तारीफ करें और उन्हें खुशी दें.

दूसरों की परवाह न करें: लोग क्या सोचेंगे, क्या कहेंगे जैसी बातें अकसर हमारे दिमाग के संतुलन को बिगाड़ देती हैं. इसलिए दूसरों की परवाह किए बगैर वह करें जो आप को सही लगे.

खुश रहें स्वस्थ रहें

आज के दौर में हर कोई किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहा है. ये परेशानी तब और ज्यादा बढ़ गयी जब से कोरोना महामारी ने अपनी दस्तक दी. ऐसे में तनाव, चिंता और मूड को सही रखना भी जरूरी है. हमारे अंदर इमोशन ही तो हैं जो समय समय पर बदलते रहते हैं. तमाम विशेषज्ञों और उनकी शोध के मुताबिक हमारा व्यवहार, तनाव को नियंत्रित करने के लिए काफी मददगार होता है.

हम जब भी परेशानी में होते हैं तो उसमें ख़ुशी ढूंढना काफी मुश्किल काम है. परेशानी तनाव का सबसे बड़ा सबब बन सकती है. हमें ऐसे समय में खुश रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है, जब चारों तरफ से नकारात्मकता हमारे ऊपर हावी हो रही हो. यकीन मानिये ये बिलकुल भी नामुमकिन नहीं है.
ये कैसे करना है, चलिए जानते हैं.

1. तनाव से रहें दूर-

तनाव हमारे लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. अगर हम खुद को इससे जितना हो सके दूर रखेंगे उतना ही फायदा हमें ही मिलेगा. कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच स्थितियां भी कुछ यूं हो गयी हैं कि तनाव पास ही आ रहा है. ऐसे में ब्लडप्रेशर को समान्य रखना भी काफी जरूरी है. इसलिए अच्छी हेल्थ और ख़ुशी के लिए डॉक्टर भी आपको तनाव से दूरी बनाने की अच्छी सलाह देंगे.

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2. कितना काम का ध्यान?-

काफी लोग होते हैं जो अपनी परेशानी के दौर में ध्यान लगाना पसंद करते हैं. लेकिन हर कोई ध्यान नहीं लगा सकता. कुछ लोग शांति का अभ्यास तो करते हैं लेकिन उनको सफलता नहीं मिलती. ऐसे में जरूरी है कि अगर आप भी ध्यान लगाने में अपना मन एकाग्र नहीं कर पाते तो कोई और रास्ता ढूंढें जो आपको शांति और ख़ुशी दे. आप उन बातों के बारे में ना सोचें जो आपको तनाव देती हैं.

3. ना छोड़ें उम्मीद-

उम्मीद ही तो मात्र एक ऐसी चीज होती है जिस पर पूरी दुनिया टिकी हुई है. उम्मीद के जरिये आप बड़ी से बड़ी मुश्किल परिस्थियों में खुद को ख़ुशी महसूस करा सकते हैं. अगर आपने नकारात्मक परिस्थिति में सब कुछ सकारात्मक बनाए की ठान लें तो आपको जीत जरुर मिलेगी.

4. कहीं ज्यादा सकारात्मकता ना पड़ जाए भार-

जी हां आगे आप हर वक्त सकारात्मकता के बारे में ज्यादा ध्यान देते हैं या खुश रहने के बारे में ही सोचते रहते हैं तो ये आर्टिफिशियल या बनावटी लग सकता है. कभी कभी इसका प्रभाव उल्टा भी पड़ सकता है. क्योंकि हम जितना ध्यान अपनी ख़ुशी की ओर केन्द्रित करते हैं उतना ही मन उदास होता है. और आप कभी कभी खुद के बारे में बुरा भी महसूस कर सकते हैं.

5. छोटी-छोटी चीजों पर दें ध्यान-

ये विकल्प आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है. कभी कभी हमें छोटी से छोटी चीजें भी वो ख़ुशी देती हैं, जो बड़ी चीजें नहीं दे पाती. विशेषज्ञों की मानें तो सकारात्मकता मनोविज्ञान पर आधारित होती है. हमारा छोटी सी चीज भी मूड बेहतर बना सकती है तो फिर खुद सोचिये किसी बड़ी ख़ुशी के पीछे भागने से क्या फायदा?

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6. खुद को खोजिये-

परेशानी के बीच इंसान खुद के अस्तित्व को भुलाने लगता है. ऐसे में आपको खुद को खोजना चाहिए. आप अपना समय घर की साफ़ सफाई में लगाइए. इससे आपका मन केन्द्रित रहेगा. क्योंकि एक गंदा कमरा भी कहीं ना कहीं सकारात्मकता पर असर डालता है. साथ ही गंदा रसोई आपके स्वाश्थ्य को खराब करता है. इसलिए अगर आप घर में अपना समय बिताते हैं तो अपना समय साफ़ सफाई में लगाएं. इससे आप संक्रमण से भी बचे रहेंगे और आपकी हेल्थ भी सही रहेगी.

7. सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर हो कंट्रोल-

इस बात से ऐतराज नहीं किया जा सकता कि सोशल मीडिया बुरी खबरों से भरा हुआ है. हालांकि आप इसके जरिये खुद को अपडेट रखने के साथ अपने दूर दराज के दोस्तों और परिजनों के साथ जुड़े रहने का मौका भी मिलता है. आप सोते वक्त सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करें. आप अपने परिवार वालों के साथ या उन लोगों के साथ समय बिताएं जो आपके अपने हैं और आपके करीब हैं. इससे आपको ख़ुशी मिलेगी.

तो ये कुछ ऐसी टिप्स हैं, जिनकी मदद से आप बड़ी से बड़ी परेशानी को हराकर अपने लिए ख़ुशी के दो पलों को चुरा सकते हैं. इस वक्त पूरा विश्व ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां चारों ओर नकारात्मकता ही है. ऐसे में आपको अपना ख़ास ख्याल खुद ही रखना है. आप खुद को तनाव मुक्त तभी बना पाएंगे जब आप परेशानी से दूर रहेंगे. और आपको परेशानी से दूर कैसे रहना है उसके लिए आपकी मदद हमारा ये लेख करेगा.

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