टौनिक: पायल के अंदर क्यों थी हीन भावना

पायलबालकनी में खड़ी बारिश की बूंदों को निहार रही थी. मन ही मन खुद को कोस रही थी कि आज भी वह जयंत को ठीक से नाश्ता नही करा पाई. पायल बचपन से ही हर काम को परफैक्ट करना चाहती थी. अगर कोई काम उस से गलत हो जाता तो खुद को कोसना शुरू कर देती थी. पायल 42 वर्ष की सामान्य शक्ल सूरत की महिला थी. उसे अपनी बहुत सारी बातों से प्रौब्लम थी. उसे अपने रंग से ले कर बालों तक से प्रौब्लम थी.

आज पायल की सोसाइटी में तीज का फंक्शन था. सभी लेडीज बनठन कर गई थी. पायल ने भी अवसर के हिसाब से हरे रंग की शिफौन की साड़ी पहन रखी थी. मगर पायल खुद से संतुष्ट नहीं थी. उस ने देखा निधि 50 वर्ष की उम्र में भी 30 वर्ष की दिख रही हैं, वहीं पूजा की त्वचा एकदम कांच की तरह दमक रही है. चारू की आंखों के नीचे कोई काला घेरा नहीं है तो अंशु अपनी अदाओं से पूरी महफिल की जान बनी हुई हैं. उधर ऊर्जा अपनी जुल्फों को इधरउधर लहरा रही थी तो पायल अपने बालों पर शर्मिंदा हो रही थी.

कितने घने, मुलायम बाल थे उस के, मगर कुछ बच्चों के जन्म के बाद, कुछ मुंबई के पानी ने और रहीसही कसर हाइपोथायरायडिज्म ने पूरी कर दी थी. अपने झड़ू जैसे रूखे बालों को वह आइने में देखना ही नहीं चाहती थी. क्या कुसूर था उस का कि कुदरत ने सारी प्रौब्लम्स उस के ही नाम कर दी थीं.

तभी म्यूजिक आरंभ हो गया और सभी ब्यूटी स्टेज पर थिरकने लगी. पायल भी साड़ी संभालते हुए स्टेज पर थिरकने लगी, तभी पूजा उस के करीब आ कर बोली, ‘‘अरे पायल यह साड़ी पहन कर क्यों आई हो? कोई इंडोवैस्टर्न ड्रैस पहन कर आती तो तुम्हें नाचते हुए बिलकुल असुविधा नहीं होती.’’

पायल फीकी हंसी हंसते हुए बोली, ‘‘हां तुम इस क्रौपटौप और प्लाजो में बेहद स्मार्ट लग रही हो.’’

अचानक पायल की नजर सामने लगे आईने पर पड़ी. बिखरे बाल

और आंखों के नीचे काले घेरे, एकदम से पायल का मूड खराब हो गया.

नीचे आ कर उस ने जैसे ही कोल्डड्रिंक का गिलास उठाया कि तभी अंशु थिरकते हुए उस के करीब आई और बोली, ‘‘अरे पायल अगली बार साड़ी थोड़ी नीचे बांधना जैसे निधि ने बांधी हुई हैं, मगर थोड़ा सा पेट कम करो यार तुम अपना,’’ कह कर अंशु चली गई.

उस के बाद पायल वहां पर कुछ देर और बैठी रही, मगर उस का मन उड़ाउड़ा रहा.

घर आ कर सब से पहले उस ने अपने पति जयंत से पूछा, ‘‘कैसी लग रही हूं मैं?’’

जयंत उड़ती नजर उस पर डालते हुए बोला, ‘‘जैसी रोज लगती हो.’’

पायल बोली, ‘‘क्या तुम्हें लगता है मैं समय से पहले बूड़ी हो गई हूं?’’

जयंत चिढ़ते हुए बोला, ‘‘42 वर्ष की औरत बूढ़ी नहीं तो क्या जवान लगेगी?’’

‘‘अजीब हो तुम भी,’’ पायल रोतेरोते बोली और फिर उसी मनोस्थिति में उस ने खाना बनाया जो बेहद बेस्वाद था.

जयंत और बच्चों ने बड़ा बुरा मुंह बना कर खाना खाया. बेटी रिद्धिमा बोली, ‘‘निधि आंटी तो इतना अच्छा खाना बनाती है कि बस पूछो मत. एक आप हैं कि दाल भी ठीक से नहीं बना पाती हैं.’’

जयंत रूखे स्वर में बोला, ‘‘तुम्हारी मम्मी को रोने से ही फुरसत मिले तो ध्यान लगाए न खाने पर.’’

पायल बाथरूम में बंद हो गई और जोरजोर रोने लगी. जब कुछ मन हलका हुआ तो बाथरूम से बाहर निकली. जयंत पायल की लाललाल आंखें देख कर समझ गया कि आज वह फिर रोई है, मगर यह कोई नई बात नही है. जयंत पायल के करीब आ कर बोला, ‘‘आखिर कब तक पायल ये सब करती रहोगी? तुम जैसी हो, मुझे ठीक लगती हो.’’

पायल बोली, ‘‘बस ठीक ही लगती हूं न… जानती हूं औरों की तरह मैं खूबसूरत नही हूं और न ही स्मार्ट.’’

जयंत बिना कोई जवाब दिए अपने कमरे में चला गया.

पायल को बेहद घुटन हो रही थी. उसे लग रहा था कि वह खुल कर सांस नहीं ले पा रही है. उस ने चप्पलें डालीं और नीचे घूमने चली गई, घूमतेघूमते पायल बाहर निकल गई और सामने वाले पार्क में चली गई. हंसतेखिलखिलाते लोगों की भीड़ जमा थी पार्क में. कुछ दौड़ रहे थे, कुछ योगा कर रहे थे तो कुछ लोग घूम रहे थे. पायल ने खुद के कपड़े देखे, शायद ऐसे कपड़े पहन कर पार्क में आ गई थी बाकी सब लोग ट्रैक सूट या पैंट में थे.

पायल फिर से खुद को भलाबुरा कहने लगी. चलतेचलते पैरों में दर्द हो गया तो पायल बैठ गई. तभी एक 26-27 वर्ष का आकर्षक नौजवान आ कर पायल के बराबर में बैठ गया और बोला, ‘‘आप लगता है आज पहली बार घूमने आई हैं.’’

पायल को लगा कि उस ने अटपटे कपड़े पहन रखे हैं, इसलिए शायद यह लड़का ऐसे उस की खिल्ली उड़ा रहा है. फिर भी उस ने पूछा, ‘‘मेरे कपड़े देख कर पूछ रहे हो?’’

लड़का बोला, ‘‘अरे यह सूट तो आप पर एकदम फब रहा है. मैं तो यहां पर आने वाले हर खूबसूरत चेहरे की खबर रखता हूं. आप पहली बार दिखीं, इसलिए पूछ लिया.’’

पायल के होंठों पर बरबस मुसकान आ गई, ‘‘मेरे बारे में कह रहे हो?’’

लड़का बोला, ‘‘बाई दा वे मेरा नाम अकुल है, सामने वाले गुलमोहर गार्डन में रहता हूं्.’’

पायल बोली, ‘‘अरे मैं भी वहीं रहती हूं, मेरा नाम पायल है.’’

उस के बाद पायल वहां से उठ कर घूमने लगी. उस का मन फूल की तरह हलका हो उठा था. एक आकर्षक नौजवान ने आज उसे खूबसूरत बोला था. गुनगुनाते हुए वह घर पहुंची और सब के लिए मिल्क शेक बनाया.

जयंत हंसते हुए बोला, ‘‘ऐसे ही खुश रहा करो, बहुत अच्छी लगती हो.’’

अगले दिन पायल ने खुद ही जल्दीजल्दी डिनर बनाया और रात के डिनर के

बाद कदम खुदबखुद पार्क की ओर चल पड़े. अकुल अपने दोस्तों के साथ ऐक्सरसाइज कर रहा था. पायल ने भी घूमना शुरू कर दिया. तभी पीछे से अकुल की आवाज आई, ‘‘पायल एक मिनट रुको.’’

पायल को अकुल का पायल कहना थोड़ा अजीब, मगर अच्छा लगा.

अकुल पायल से बोला, ‘‘आप भी फिटनैस बैंड ले लीजिए, इस से आप को अपने गोल सैट करने आसान पड़ जाएंगे.’’

दोनों चलतेचलते बात कर रहे थे. देखते ही देखते 1 घंटा बीत गया. पायल को तब होश आया, जब उस के घर से बेटी का फोन आया, ‘‘मम्मी कितना घूमोगी? हम सब आप का वेट कर रहे हैं.’’

पायल और अकुल एकसाथ ही सोसाइटी

में वापस आ गए थे. अब यह रोज का नियम

हो गया था. पायल के आते ही अकुल अपने दोस्तों के गु्रप को बाय कह कर पायल के साथ घूमने लगता.

पायल और अकुल दोनों के बीच कुछ भी समान नहीं था इसलिए उन के पास ढेरों बातें होती थीं. अकुल बात करतेकरते पायल की कुछ ऐसी तारीफ कर देता कि पायल का अगला दिन बेहद अच्छा जाता.

पायल को जो तारीफ अपने पति से चाहिए होती थी वह उसे अब अकुल से मिल रही थी. अकुल पायल की जिंदगी में टौनिक का काम कर रहा था.

एक दिन अकुल पार्क नहीं आया, तो पायल बेहद

अनमनी सी रही. अगले दिन भी अकुल पार्क में नहीं आया तो पायल उस रात बिना घूमे ही घर लौट आई. घर आते ही पायल बिना किसी बात के अपने पति से उलझ पड़ी.

पायल रोज घूमने पार्क में जाती परंतु घूमने  से अधिक पायल की आंखें अकुल को ढूंढ़ती थीं. उस ने मन को समझ लिया था कि अब अकुल नहीं आएगा. दोनों ने ही एकदूसरे का नंबर भी नहीं लिया था. पायल और अकुल के बीच कोई गहरा रिश्ता न था, परंतु अकुल पायल के लिए टौनिक समान था. वह टौनिक जो उस की रुकीरुकी सी जिंदगी को चलाने में सहायक था.

पायल को फिर लगने लगा कि शायद उस से ही कुछ गलती हो गई होगी. कभी वह सोचती कि क्या पता अकुल उस से मजाक करता हो और वह बेवकूफ उसे सच मान बैठी. परंतु फिर भी रोज पायल न जाने क्यों पार्क जाती. उसे अब घूमने में मजा आने लगा था. उस ने अपने लिए ट्रैक सूट खरीद लिया था. अकुल को अब वह भूलने लगी थी.

एक दिन पायल घूम रही थी कि अचानक पीछे से आवाज आई, ‘‘हाय यंग लेडी.’’

पायल एकाएक मुड़ी तो देखा, अकुल खड़ा मुसकरा रहा था.

पायल रुखे स्वर में बोली, ‘‘कहां गायब हो गए थे.’’

अकुल बोला, ‘‘अपने होमटाउन चला

गया था.’’

पायल के मुंह से अचानक निकल गया, ‘‘पता है कितना मिस किया तुम्हें मैं ने.’’

अकुल शरारत से हंसता हुआ बोला, ‘‘वह क्यों भला? आखिर हम आप के हैं कौन?’’

पायल शरमा गई और बिना कुछ बोले वहां से चली गई. अब फिर से पायल की जिंदगी गुलजार हो गई थी.

एक दिन पायल का मूड बेहद खराब लग रहा था. अकुल बोला, ‘‘क्या हुआ पायल?’’

पायल रोनी सूरत बनाते हुए बोली, ‘‘पिछले

2 माह से मैं कितनी मेहनत कर रही हूं, मगर फिर भी मेरी स्किन, वेट पर कोई असर नहीं हो रहा है.’’

‘‘ठीक तो लग रही हैं आप, जैसे एक 40 वर्ष की महिला दिखती हैं?’’

पायल अकुल की तरफ देख कर मायूसी से बोली, ‘‘क्या मैं सच में 40 वर्ष की लगती हूं?’’

अकुल हैरान होते हुए बोला, ‘‘आप कितने वर्ष की दिखना चाहती हैं?’’

पायल बोली, ‘‘मगर तुम तो मुझे हमेशा यंग लेडी और ब्यूटीफुल और भी न जाने क्याक्या बोलते. सभी लड़के ऐसे ही होते हैं, पहले जयंत भी तुम्हारी तरह मेरी तारीफ करते थे और अब उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.’’

अकुल हंसते हुए बोला, ‘‘आप को मेरी या जयंत की तारीफ की क्यों जरूरत है? अगर मैं कहूं आप 50 साल की लग रही हैं तो आप मान लेंगी और अगर मैं कहूं आप 20 वर्ष की लग रही हैं तो भी आप मान लेंगी?’’ आप की क्या अपनी कोई पहचान नहीं है या आप का अस्तित्व बस बाहरी खूबसूरती पर टिका हुआ है?’’

पायल कड़वे स्वर में बोली, ‘‘ये ज्ञान की बातें रहने दो, मगर जब दुनियाभर की कमियां तुम्हारे अंदर हों न तो तुम्हें मेरी बात समझ आएगी.’’

अकुल बोला, ‘‘आप गलत हैं पायल, आप कैसा दिखती हैं, यह इस बात

पर निर्भर करता है कि आप अंदर से कैसा महसूस करती हैं… ये बालों का रूखापन, थोड़ा सा वजन बढ़ना या चेहरे पर पिगमैंटेशन एक उम्र के साथ आम बात है… इन चीजों से खुद की पहचान मत बनाइए. सब से पहले खुद को प्यार करना सीखिए, अपने अंदर की औरत को दुलार करें, आप ने उस का बहुत तिरस्कार किया है… मेरी या जयंत की तारीफ की आप को जरूरत नहीं है. आप को जरूरत है खुद की तारीफ करने की… अगर कुछ कमी भी है तो उसे दिल से स्वीकार करें और उस पर काम करें और अगर कुछ न कर पाएं तो आगे बढ़ें… आप जैसी हैं अच्छी हैं, आप के पति या मेरी तारीफ के टौनिक की आप को जरूरत नहीं है…

‘‘कभी खुद की तारीफ खुद ही कीजिए, यकीन मानिए आप को किसी भी टौनिक की ताउम्र जरूरत नहीं पड़ेगी. खुद को प्यार करें, कोई गलती हो जाए तो खुद को माफ करें. जिंदगी बेहद खुशनुमा और प्यारी हो जाएगी… जिंदगी को खुल कर जीने के लिए अपने से बेहतर और कोई साथी नहीं होता है क्योंकि एक वही होता है जो बचपन से ले कर बुढ़ापे तक आप के साथ होता है. बाकी लोग तो आप की जीवन की रेलगाड़ी में आएंगे और जाएंगे, कुछ तारीफ करेंगे तो कुछ आलोचना. कब तक आप अपनी जिंदगी का रिमोट कंट्रोल दूसरों के हाथ में रखोगी… आज से नई शुरुआत करो और खुद से ही खुद का नया परिचय कराओ.’’

पायल हंसते हुए बोली, ‘‘ठीक है मेरे ज्ञानी बाबा… अब इस पायल को किसी और की तारीफों के टौनिक की जरूरत नहीं रहेगी, मगर तुम्हारी दोस्ती की अवश्य पड़ेगी.’’

अकुल अदा से सिर झकाते हुए बोला, ‘‘औलवेज ऐट योर सर्विस.’’

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें