10 सदाबहार साड़ियां जिन्हें पहन कर खिल उठेंगी

साड़ी पहन कर कोई भी स्त्री बेहद खूबसूरत नजर आती है. भले ही स्त्री मोटी हो या पतली साड़ी हर किसी पर सूट करती है. किसी भी मौके के हिसाब से आप अपने लिए एक खास साड़ी का चयन कर सकती हैं. साड़ी अलग अलग फैब्रिक और रंगों में मिलती हैं. कुछ साड़ियां जिन पर हेवी वर्क किया होता है काफी महँगी बिकती हैं तो वहीँ कुछ साड़ियां बेहद कम्फर्टेबल होती हैं. आप को कैसी साड़ी चाहिए यह अपनी जरुरत, मौका या व्यक्तित्व के आधार पर तय करें.

साड़ी पहन कर आप न सिर्फ ट्रेडिशनल दिखती हैं बल्कि साड़ी एक फैशनेबल अटायर भी है जिस में कोई भी लड़की या महिला खूबसूरत नजर आ सकती है. हालांकि इस बदलते हुए दौर में साड़ियों का फैशन लगातार इन और आउट होता रहता है. ऐसे में आप कैसी साड़ी का चुनाव करती हैं ये ज्यादा मायने रखता है. आजकल मार्केट में कई तरह की डिजाइनर साड़ियों का चलन हैं. लेकिन बात कुछ ऐसी साड़ियों की हो जो हर मौसम और हर मौके में पहनी जा सके तो कहने ही क्या. हम बात कर रहे हैं कुछ ऐसी सदाबहार साड़ियों की जिन्हें पहन कर आप कहीं भी खड़ी हो जाएं तो सिर्फ आप ही आप नजर आएं.

आइए जानते हैं विकास भंसाली ( सेलिब्रिटी फैशन डिज़ाइनर, असोपालव ) से कुछ ऐसी ही साड़ियों के बारे में ;

• आर्गेंजा साड़ी

आर्गेंजा साड़ी भले ही आजकल काफी ट्रेंड में हो लेकिन यह काफी पुराने समय से पहनी जा रही है. आर्गेंजा साड़ी काफी आकर्षक, चमकदार और हल्के कपड़े वाली होती है. इसकावजन भी काफी हल्का होता है. इसका फैब्रिक भले ही फिसलने वाला हो लेकिन ये साड़ी सदाबहार साड़ियों की लिस्ट में शुमार है. आपकी वार्डरोप में अगर आर्गेंजा की साड़ी है तो आपको इसे खरीदने पर बिलकुल भी पछतावा महसूस नहीं होगा.

नेट साड़ी

शायद ही कोई ऐसी लड़की या महिला होगी जो नेट की साड़ी की दीवानी नहीं होगी. कॉकटेल पार्टी हो या शादी आप ऐसे किसी भी मौके पर नेट की साड़ी पहन कर जलवे बिखेर सकती हैं. खासकर डार्क कलर या फिर ब्लैक कलर में नेट की साड़ी बेहद खूबसूरत लगती है. इसे खरीदने के बाद आपको बिलकुल भी पछतावा नहीं होगा.

• फ्लोरल एंब्रॉयडरी साड़ी

फ्लोरल एंब्रॉयडरी वाली साड़ी किसी मास्टर पीस से कम नहीं होती. अलग अलग तरह के डिजाइन पैटर्न में मार्केट में आसानी से मिल सकती है. आप इस साड़ी को किसी भी फंक्शन में पहन कर फ्लोंट कर सकती हैं. वैसे देखा जाए तो साड़ियों में आने वाली नई डिजाइंस की दौड़ में भी फ्लोरल एंब्रॉयडरी साड़ी सब से आगे है. अगर आप भी किसी फंक्शन के लिए साड़ी खरीदने की सोच रही हैं तो फ्लोरल एंब्रॉयडरी साड़ी का चयन कर सकती हैं. यह सदाबहार साड़ियों में से एक है.

• लहरिया साड़ी

चाहे कितन ही समय क्यों न बीत जाएं कुछ चीजें कभी भी आउट ऑफ़ फैशन नहीं होती. इसी में से एक है लहरिया साड़ी का आकर्षण. खूबसूरत गोटा पट्टी के काम से उकेरी गयी एक क्लासी जयपुरी लहरिया साड़ी के आकर्षण से कोई नहीं जीत सकता.

पतले बॉर्डर वाली साड़ी

मोटे और भारी बॉर्डर से ऊब चुकी हैं तो अपनी लमारी में से पतले बॉर्डर वाली साड़ी का चयन करें. इस डिजाइन की साड़ियों का फैशन कभी आउट नहीं होता. इस के अलावा ज्यादातर सेलेब्रिटी और मॉडल्स भी पतले बॉर्डर वाली साड़ियों को कैरी करना पसंद करती हैं. आप इन में जरी वर्क, मिरर वर्क, कढ़ाई जैसे पैटर्न चुन सकती हैं जिन का फैशन हमेशा रहता है.

• डबल फैब्रिक साड़ी

काफी पुराने समय से महिलाएं डबल फैब्रिक साड़ी को पहनना पसंद कर रही हैं. हालांकि आज के समय में इसे फ्यूजन टच का नाम दे दिया गया है. आज के दौर में इस फैशन को खूब पसंद किया जा रहा है. आप साटन या फिर जार्जेट को नेट, वेलवेट या किसी और तरह के कपड़े के साथ पेयर कर सकती हैं.

• सिल्क साड़ी

सिल्क की साड़ी हर उम्र की महिला पर जंचती है. हालांकि पेस्टल रंग की सिल्क की साड़ी महिलाओं को सब से ज्यादा पसंद होती है. इस के अलसा सिल्क की साड़ी हर तरह के फिगर वाली महिलाएं आराम से पहन सकती हैं. सिल्क की साड़ी सदाबहार साड़ियों में से एक है और हर महिला के पास एक ऐसी साड़ी तो होनी बनती ही है.

• वेलवेट साड़ी

वेलवेट की साड़ियों की अपनी अलग ही पहचान होती है. कई सालों से इस का ट्रेंड लगातार बरकरार है. इस के फैब्रिक की चमक ही इस साड़ी को क्लासी बनाने के लिए काफी है. आप ये साड़ियां शादी या किसी ऐसे ही दुसरे अवसर पर पहन कर गौर्जियस दिख सकती हैं. वाइन पर्लपल, मरून और बाटल ग्रीन कलर की वेलवेट की साड़ियां कभी आउट ऑफ सीजन नहीं होती.

• मल्टी कलर साड़ी

मल्टी कलर की साड़ी हमेशा से ही चलन में रही है. इस तरह की साड़ी किसी भी कलर टोन स्किन की महिला के ऊपर जंचती है. मल्टी कलर की साड़ी का फैशन कभी आउट नहीं होता. अगर आप ने एक बार मल्टी कलर की साड़ी खरीद ली तो आप को इस में किसी तरह का कोई भी पछतावा नहीं होगा.

• टिश्यू साड़ी

टिश्यू की साड़ी को ज्यादातर कांस्य, गोल्ड और सिल्वर जैसी धातु के साथ डिजाइन किया जाता है. टिश्यू की साड़ियों का फैब्रिक बेहद नाजुक होता है. हल्के वजन वाली ये साड़ी पहनने में खूब फबती है. जिस पर आप इन्वेस्ट कर सकती हैं.

Trends और Fashion के बारें में बता रहे है सेलेब्रिटी डिज़ाइनर राहुल मिश्रा

हर दुल्हन सुंदर होती है, हर दुल्हन अपनी वेडिंग ऑउटफिट देखकर खिल उठती है, इसमें किसी रंग, रूप, का कोई महत्व नहीं होता. कुछ ऐसा ही सोच रखते है प्रसिद्ध सेलेब्रिटी डिज़ाइनर राहुल मिश्रा, जिन्होंने डिजनी प्लस पर ब्राइडल क्लोदिंग इन ए न्यू लेंथ में शामिल होकर किसी लड़की के ड्रीम में योगदान देने को बहुत ही एक्साईटिंग मानते है.उनकी पत्नी दिव्या भी फैशन जगत से है, दोनों ने साथ पढाई की, प्यार हुआ और शादी की. दोनों की एक बेटी आरना, 6 साल की है. राहुल के अनुसार फैशन एक सुपर मैजिकल पॉवर है, जो किसी खराब दिन को भी अच्छे में बदल सकता है. इसे एक लाइफ भी कहा जा सकता है, जो हर उम्र में जीने का मकसद बताती है.

मिली प्रेरणा आर्टिस्ट बनने की

 

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फैशन की इंडस्ट्री में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर डिज़ाइनर राहुल कहते है कि मेरी रूचि हमेशा से आर्ट में जाने की थी, लेकिन मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर या इंजीनियर के लिए आईआईटी जाऊं, पर मैं डिज़ाइनर नहीं, बल्कि आर्टिस्ट बनना चाहता था. मैने साइंस से पढाई की उसके बाद एनआईडी अहमदाबाद में डिज़ाइनर के रूप सेलेक्ट हुआ और वहां मैंने डिजाईनिंग की पढाई पूरी करते ही तुरंत मिलान में स्कॉलरशिप मिलने की वजह से वहां भी पढाई करने का मौका मिला. साल 2009-10 में मैंने अपना ब्रांड खोला और कई फैशन शो में भाग लेने लगा, करीब 4 से 5 साल में मुझे अवार्ड भी मिल गया. साल 2014 में मुझे ग्लोबल अवार्ड मिला. इसके बाद पेरिस में पेरिस फैशन वीक, इंडिया की फैशन वीक आदि कई करता रहा. उस दौरान मुझे बड़े-बड़े डिज़ाइनर्स भारत और विदेश के सभी के साथ काम करने का मौका मिला. इससे सीखने को बहुत मिला और ब्रांड का ग्रोथ बहुत जल्दी हुआ. मैं स्वीकारता हूं कि मुझे बहुत जल्दी अपनी ब्रांड को स्थापित करने का मौका मिल गया. मार्केट वाइज भी और बिजनेस ग्रोथ बहुत अच्छी रही. इस समय मेरी टीम में काफी लोग है और करीब 1000 लोगों को मैंने नौकरी दी है.

 

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दुनिया है खुबसूरत

 

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केवल डिजाइनिंग ही नहीं, कला से जुडी सबकुछकरने का शौक राहुल को है, जिसमें फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, फर्नीचर बनाने, इंटीरियर करने आदि सब पसंद करते है और धीरे-धीरे सभी फील्ड को वे एक्सप्लोर करना चाहते है. फैशन को अपडेट करने के बारें में राहुल मिश्रा कहते है कि कभी गार्डन में बैठकर भी आईडिया आ जाता है. इतनी सुंदर दुनिया और उसकी नेचर होने की वजह से फ्रेश आईडिया सोचने में समय नहीं लगता. आईडिया को एक्सीक्यूट करने में समय लगता है, जिसकी कमी हमेशा रहती है. इनदिनों कोविड की वजह से सारे कारीगर प्रोडक्शन में लगे है,क्योंकि मेरे कपड़ो की डिमांड बहुत अधिक है. ये लोग एक टीम की तरह काम करते है. क्रिएटिव सोच के अलावा मल्टीप्ल चीजों पर ध्यान देना पड़ता है, जिसमें कपडे को नम्बर वन बनाने के लिए एक लम्बे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है और ये काम किसी अकेले की बस की नहीं होती.

 

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हो धीमा फैशन

 

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फैशन इंडस्ट्री में सबसे अधिक वेस्ट प्रोडक्ट निकलता है और क्लाइमेट चेंज की दिशा में इसे  कम करने की कोशिश में जुटेडिज़ाइनर राहुल कहते है कि मेरा काम सस्टेनेबल फैशन की दिशा में हो रहा है, क्योंकि मैं स्लो फैशन में विश्वास करता हूं,कपडे जितना धीरे बनाई जाय, उतना ही पृथ्वी के लिए लाभदायक होता है . बाहर मिलने वाले कपडे 20 से 25 मिनट की टेलरिंग में बनते है,ऐसी फ़ास्ट फैशन प्लेनेट के लिए अच्छा नहीं है, जो जरुरत से अधिक आज बन रही है. मैं कपडे स्लो माध्यम से बनाता हूं, जिसमें सारा काम हाथ से बनता है. मेरा एक ड्रेस बनने में एक महिना लगता है, ऐसे में नेचर को काफी समय खुद को उसी रिसोर्स में बहाल करने का मिल जाता है, क्योंकि हाथ से इतनी सारी कढाई करने में काफी समय लगता है. 5 मीटर सिल्क को प्रयोग करने  में मुझे एक महीने का समय लगता है,क्योंकि उसपर अलग-अलग तरीके की कढाई होती है और प्रकृति को काफी समय खुद के लिए मिल जाता है. जबकि मशीनों पर बनने वाले सिल्क बहुत जल्दी बन जाते है. मेरी कोशिश होती है कि साल दर साल मेरे ऑउटफिट फैशन में रहे और नेक्स्ट जेनरेशन को पासऑन किया जाय. सस्ते कपडे खरीदने पर व्यक्ति आसानी से फेंक देता है और वह लैंड फिल में जाता है. महंगे और अच्छे कपडे कोई भी आसानी से नहीं फेंक पाता. इसके अलावा मैं गारमेंट तब बनाता हूं, जब मुझे आर्डर मिलता है, लेकिन मॉल में बने हुए सभी कपडे अलग-अलग साइज़ में पहले से ही बना दिए जाते है.

 

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सस्टेनेबल फैशन

 

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राहुल किसी अवसर या वेडिंग पर ही किसी को आमंत्रित करते है,ताकि प्यार से ख़रीदे गए कपड़ों को कोई ऐसे ही नहीं फेंक सकता, क्योंकि कभी भी पहन लेंगे, सोचकर ख़रीदा गया कपडा पहनने का समय कभी भी नहीं मिलता. डिज़ाइनर का कहना है कि मेहनत और प्यार से खरीदी गयी कोईभी चीज व्यक्ति सावधानी से रखता है. सस्टेनेबल कोई भी चीज जो ह्यूमन रिदम ऑफ़ कॉनजम्पशन एंड प्रोडक्शन में चलेगी, वह सस्टेनेबल होगी. जबकि कोई भी चीज मशीन से बनाने पर जल्दी बनती है और वह सस्टेनेबल नहीं हो सकती.

 

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बचाना है कारीगर और कारीगरी

कई सारी ऐसी कला है, जो मृत प्राय हो चुकी है, उसे बचाना जरुरी है, इसके लिए क्या करना जरुरी है?राहुल कहते है कि बिना सही पारिश्रमिक के मैं सारी बोझ कारीगरों पर नहीं डाल सकता. मेरे कारीगर अधिकतर औसतन 30 साल के है, क्योंकि उन्हें पैसा अच्छा मिलता है. कारीगर को कारीगरी का एक अच्छा मेहनताना देना पड़ता है, ताकि वह अपने घर परिवार की देखभाल कर सकें. उस क्राफ्ट की कोई महत्व नहीं अगर कारीगर भूखा रहे.हमारी 70 प्रतिशत काम महिलाएं अच्छी वेतन के साथ करती है. आगे पैरिस में शो है, जिसे कोविड के चलते अटेंड नहीं कर रहा हूं. उसमे  बेस्ट और अलग कारीगरी को दिखाना है. कोरोना ने सभी को किसी न किसी रूप में काम करने से रोका है,लेकिन फैशन की इंडस्ट्री में कारीगरी अधिक करनेवाली टीमअच्छा कर रही है. जो मशीन से पोशाक बनाते है, उन लोगों ने काफी नुकसान भुगता है.कोरोना के बाद सबको समझ में आया है कि जरुरत के बिना सामान न ख़रीदे. विंडो शोपिंग में थोड़ी कमी आई है. पहले शोपिंग बैग बिना जरुरत के भर रहे थे.

स्मार्ट है ब्राइड्स

ब्राइडल ट्रेंड्स के बारें में राहुल का कहना है कि इस बार ब्राइडल पोशाक में ट्रेंड पेस्टल कलर का है. आज की ब्राइड अपना सही चुनाव करने में एकदम स्मार्ट है, उन्हें पता है कि लाल लहंगा अधिक दिनों तक पहना नहीं जा सकता है. इसलिए दुपट्टा, ब्लाउज और लहंगा को बाद में पहनने का आप्शन पहले देखती है. जान्हवी कपूर , कैटरिना कैफ सभी ने मेरे कपड़ों को पहना है. मैं फिल्म से थोड़ी दूरी बनाकर चलता हूं, क्योंकि फिल्म में निर्देशक के लिए काम करना पड़ता है, इससे क्रिएटिविटी की आज़ादी चली जाती है. मेरे कपडे हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड के सभी कलाकार पहनते है. अभी मैं मॉस में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मेरा काम सस्टेनेबल ही रहेगा.

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