Winter Skin Care Tips : सर्दियों में चाहती हैं ग्लोइंग स्किन, तो फौलो करें ये टिप्स

 Winter Skin Care Tips : सर्दियों का मौसम फिर से दस्तक दे रहा है और इस मौसम में जरूरी है हम अपनी त्वचा की देखभाल अच्छी तरह से करें. सर्दियों में त्वचा को चमकदार बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है. हम आप को कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जो आप की त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं:

मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें

सर्दियों में हमें क्रीम बेस्ड थिक मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. इस के साथसाथ ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, जो त्वचा की नमी को भी बरकरार रखें.

ऐलोवेरा युक्त स्किन क्रीम लगायें

ऐलोवेरा युक्त स्किन क्रीम का प्रयोग आप की त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है. देश विदेश के कई शाही परिवारों में सदियों से ऐलो वेरा का इस्तेमाल खूबसूरती के लिए किया जाता रहा है. माना जाता है कि क्लियोपैट्रा अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए हर दिन ऐलो वेरा का इस्तेमाल करती थीं. इस में ऐसे गुण हैं, जो आप की त्वचा को प्राकृतिक चमक देते हैं.

कई सौंदर्य उत्पादों में ऐलो वेरा का इस्तेमाल किया जाता है. यह सनबर्न को ठीक करने में मदद करता है, त्वचा में रक्तप्रवाह बढ़ाता है, मृत एवं पुरानी त्वचा को निकाल कर प्राकृतिक खूबसूरती देता है. इस का कूलिंग प्रभाव सनबर्न के लिए सब से अच्छा इलाज है.

चैरी का प्रयोग

चैरी का रस त्वचा को गोरा बनाने एवं दागधब्बे हटाने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इस के ऐंटीइनफ्लेमेटरी गुणों के चलते यह मुंहासों पर भी कारगर है.

तेल से मालिश करें

सुबह उठने के बाद खुद को 15 मिनट दें और पूरे शरीर की त्वचा, चेहरे और सिर पर कुनकुने तेल से मालिश करें. एक घंटे बाद नहा लें. इस से पूरे दिन ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक के लिए आप की त्वचा स्वस्थ बनी रहेगी.

ऐक्सफौलिएट करें और भाप लें

क्योंकि हम इस मौसम में त्वचा पर ज्यादा क्रीम, तेल एवं अन्य उत्पाद लगाते हैं. ऐसे में त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं. इस के लिए त्वचा को हर दस दिन में एक या दो बार ऐक्सफौलिएट करने की सलाह दी जाती है. इस से त्वचा से मृत कोशिकाएं निकल जाएंगी और त्वचा साफ हो जाएगी.

त्वचा को पोषण दें

सर्दियां शुरू होने से पहले डर्मैटोलौजिस्ट से मिलें और त्वचा के रूखेपन के लिए अच्छा समाधान पूछें. महीने में एक बार डीप मौइश्चराइजिंग हाईड्रा फेशियल लें. इस से आप की त्वचा को पोषण मिलता है और यह शुष्क नहीं होती. इस के अलावा त्वचा जवां और चमकदार बनी रहती है और सर्दियों में होने वाली आम समस्याएं जैसे सूखी त्वचा से भी छुटकारा मिलता है.

Winter Special : रूखे हाथ बन जाएंगे मक्खन से मुलायम, फौलो करें ये टिप्स एंड ट्रिक्स

हम अपने हर छोटेबड़े काम को करने के लिए सबसे पहले हाथ ही बढ़ाते हैं. पर क्या हम अपने हाथों का उतना ध्यान रख पाते हैं जितना रखना चाहिए? शायद नहीं.

हाथ अक्सर उपेक्षित ही रह जाते हैं और इस वजह से ये रूखा और भद्दा नजर आने लगता है. रूखे और बेजान हाथों के लिए कई कारक उत्तरदायी हो सकते हैं. कई बार शुष्क हवा, ठंडा मौसम, सूरज की तेज रोशनी, पानी से अत्यधिक संपर्क, केमिकल्स और कठोर साबुन के इस्तेमाल से भी हाथ बेकार हो जाते हैं.

इसके अलावा कई मेडिकल कंडिशन्स भी हाथों को रूखा बना देती हैं. अगर आपके हाथ भी रूखे और बदसूरत हो गए हैं तो इन घरेलू उपायों का अपनाकर आप एकबार फिर मक्खन जैसे हाथ पा सकती हैं:

1. औलिव औयल के इस्तेमाल से हाथ कोमल बनते हैं. इसमें पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, हेल्दी फैटी एसिड्स पाए जाते हैं जो रूखे हाथों को कोमल और मुलायम बनाने का काम करते हैं. इससे हाथों में मॉइश्चर बना रहता है.

2. ओटमील के इस्तेमाल से भी हाथों का रूखापन और खुरदुरापन ठीक हो जाता है. ये एक नेचुरल क्लींजिंग की तरह काम करता है. इसमें मौजूद प्रोटीन हाथों की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा मुलायम बनी रहती है.

3. नारियल तेल में फैटी एसिड्स का एक अनोखा मिश्रण मौजूद होता है, जो ड्राई स्किन के लिए बेहतरीन होता है. इसके अलावा ये सूरज की रोशनी में झुलस गए हाथों को निखारने का काम भी करता है.

4. मिल्क क्रीम का इस्तेमाल करके भी आप अपने हाथों को मक्खन की तरह बना सकती हैं. मिल्क क्रीम में हाई फैट होता है और ये एक नेचुरल मॉइश्चराइजर है. इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा के pH लेवल को भी मेंटेन करने में मदद करता है.

5. शहद भी एक नेचुरल मॉइश्चराइजर है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पर्यापत मात्रा में होता है. ये त्वचा की नमी को त्वचा में लॉक करने का काम करता है, जिससे त्वचा मुलायम बनी रहती है.

6. एलोवेरा का इस्तेमाल भी काफी कारगर है. ये त्वचा की नमी को बनाए रखने के साथ ही हाथों पर एक लेयर बना देता है जिससे हाथ बाहरी कारकों से प्रभावित होने से बचे रहते हैं.

7. इसके अलावा दही और केले को भी हाथों पर मलने से हाथ मुलायम बने रहते हैं. दही के इस्तेमाल से हाथों की टैनिंग भी दूर हो जाती है.

Winter Special: सर्दियों में बीमारियों से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

खुशगवार सर्दी का मौसम अपने साथ हैल्थ से संबंधित समस्याएं भी लाता है. इस का सब से बड़ा कारण बदलते मौसम की अनदेखी करना है. बदलते मौसम की वजह से वायरल, गले का इन्फैक्शन, जोड़ों में दर्द, डेंगू, मलेरिया, निमोनिया, अस्थमा, आर्थ्राइटिस, दिल व त्वचा से संबंधित समस्याएं अधिक बढ़ जाती हैं. अगर इस मौसम का लुत्फ उठाना है, तो अपनी दिनचर्या को मौसम के अनुरूप ढालना बेहद जरूरी है.

सर्दियों में किसी भी तरह के बुखार को अनदेखा न करें. छाती का संक्रमण हो या टाइफाइड अथवा वायरल, इस की जांच जरूर कराएं. मलेरिया का शक हो तो पीएच टैस्ट करवाएं. ये सभी जांचें बेहद सामान्य हैं तथा किसी भी अस्पताल में आसानी से हो जाती हैं.

सर्दी के शुरू होते ही आर्थ्राइटिस यानी जोड़ों के दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है. इस के मरीज कुनकुने पानी से नहाना शुरू कर दें. हाथपैरों को ठंड से बचा कर रखें. सुबह के समय धूप में बैठें. इस से शरीर को विटामिन डी मिलता है. प्रोटीन और कैल्सियमयुक्त डाइट लें और ठंडी चीजों का सेवन न करें.

गरमी के बाद एकदम सर्दी आने पर हड्डियों, साइनस और दिल से संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ जाती हैं. हाई ब्लडप्रैशर और दिल के रोगियों के लिए यह मौसम अनुकूल नहीं होता. ऐसे में बेहद जरूरी है कि बाहर के बदलते तापमान के अनुसार शरीर के तापमान को नियंत्रित रखा जाए. जरूरत से ज्यादा खाने से भी बचें, क्योंकि सर्दियों में फिजिकल वर्क कम हो जाता है, जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है. सादा और संतुलित भोजन लें और नमक का कम प्रयोग करें. तनाव व डिप्रैशन से दूर रहने के लिए खुद को अन्य कामों में व्यस्त रखें. छाती में किसी भी कारण दर्द महसूस हो या जलन बनी रहे तो इसे हलके में न लें. डाक्टर को जरूर दिखाएं.

सांस से संबंधित बीमारियां भी इस मौसम में अपना असर दिखाने लगती हैं. एहतियात के तौर पर सांस की बीमारियों के मरीजों को बंद कमरे में हीटर आदि नहीं चलाना चाहिए, इस से हवा में औक्सीजन कम हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है. तेज स्प्रे, कीटनाशक, धुआं या कोई गंध जिस से सांस में तकलीफ हो, उस से भी दूर रहें. परेशानी ज्यादा बढ़ने पर डाक्टर की सलाह लें.

त्वचा और केशों से जुड़ी समस्याएं भी सर्दियों से अछूती नहीं हैं. हथेलियों और एडि़यों में दरारें पड़ना, नाखूनों का कमजोर पड़ना, होंठों के फटने और सूखने की समस्या, सिर में खुश्की और रूखापन तथा केशों के झड़ने की समस्या सर्दियों में हो सकती है.

बीमारियों से बचाव के टिप्स

बच्चों के कपड़ों आदि का पूरा ध्यान रखें. उन के हाथपैरों और सिर को ढक कर रखें. उन्हें गीले कपड़ों में न रहने दें. ठंडी चीजें न खिलाएं और ठंडी हवा में बाहर न जाने दें. बच्चों के लिए थोड़ी सी भी सर्दी हानिकारक हो सकती है.

अस्थमा से पीडि़त और बुजुर्ग धुंध छंटने के बाद ही बाहर निकलें. दवाएं और इनहेलर वक्त पर लेते रहें.

हाथपैरों को फटने और नाखूनों को टूटने से बचाने के लिए उन्हें रात को हलके गरम पानी में नमक डाल कर धोएं, फिर अच्छी तरह सुखा कर कोई कोल्ड क्रीम लगाएं. होंठों पर ग्लिसरीन लगाएं.

ऐलर्जी से पीडि़त लोग साबुन, डिटर्जैंट और ऊनी कपड़ों के सीधे संपर्क से बचें.

कभी खाली पेट घर से बाहर न निकलें, क्योंकि खाली पेट शरीर को कमजोर करता है. ऐसे में वायरल इन्फैक्शन का डर ज्यादा रहता है.

मौसमी फलसब्जियां जरूर खाएं. बासी खाना या पहले से कटी हुई फलसब्जियां न खाएं.

अगर मौर्निंग वाक की आदत है तो हलकी धूप निकलने के बाद ही बाहर टहलने निकलें.

जिन्हें ऐंजाइना या स्ट्रोक हो चुका हो, उन्हें इस मौसम में नियमित रूप से दवा लेनी चाहिए और सर्दियां शुरू होते ही एक बार चैकअप करा लेना चाहिए. डाक्टर की सलाह से जरूरी दवा साथ रखें.

ठंडे, खट्टे, तले व प्रिजर्वेटिव खाने के सेवन से इस मौसम में संक्रमण की आशंका कहीं अधिक बढ़ जाती है. इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फलों एवं ताजा दही का सेवन करें. हरी पत्तेदार सब्जियों के साथसाथ फाइबरयुक्त भोजन को भी अहमियत दें.

इस मौसम में त्वचा पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है. इसलिए अधिक मसालेदार और तलाभुना खाना न खाएं, क्योंकि यह त्वचा को खुश्क बनाता है.

सब से महत्त्वपूर्ण बात यह है कि पानी पीना कम न करें. इस मौसम में आमतौर पर लोग पानी कम पीते हैं, जो सही नहीं है. इस से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिस कारण कई दिक्कतें आती हैं.

Winter Special: सर्दियों में Dry Skin की समस्या से हैं परेशान, तो इन घरेलू चीजों की मदद से पाएं राहत

आप रोज नहाते हैं और रोज मुंह भी धोते हैं, जिससे आप हमेशा साफ और सुंदर नज़र आएं. आप में से कुछ लोगों की स्किन जन्म से ही ड्राय होती है, जिसका रखरखाव और देखभाल थोड़ी मुश्किल होती है. इसके अलावा आप अपना चेहरा साफ करने के लिए कभी फेसवॉश तो कभी साबुन का इस्तेमाल करते हैं, और क्या आप ये बात जानते हैं कि साबुन और फेसवॉश में कई तरह के रासायनिक तत्व मौजूद होते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं. यह उस समय के लिए तो आपकी स्किन को साफ तो कर देते हैं, लेकिन इनके लगातार इस्तेमाल से आपकी त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है.

अनुवांशिक कारणों से भी आपके शरीर और चेहरे की त्वचा शुष्क होती है या फेसवॉश और साबुन से धीरे-धीरे आपके स्किन से नेचुरल ऑयल खोने लगता है और त्वचा बेजान नजर आने लगती है.

अब ऐसे में चेहरे को साफ करने के लिए और हर मौसंम में रूखी रहने वाली अपनी त्वचा से निजात पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं. इनके उपायों की मदद से चेहरे की सफाई तो होती ही है और साथ ही त्वचा से जुड़ी कई अनिय समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.

चीनी आपके स्किन को बहुत अच्छे से साफ कर देता है. आपके घर में रखी हुई चीनी को एक दम बारीक पीस कर इससे चेहरे की सफाई करनी चाहिए. चीनी या शक्कर आपके चेहरे की डैड स्किन को साफ करने में सहायता करता है. इसके अलावा अगर आप चाहें तो चीनी में एलोवेरा को मिलाकर भी चेहरे पर लगाकर सफाई करें. शुष्क त्वचा को तैलीय बनाने में ये उपाय बहुत कारगर है.

पपीते में मौजूद कैरोटेनॉएड्स और विटामिन्स, स्किन के लिए नेचुरल क्लींजर की तरह काम करते हैं. इसको लगाने से स्किन में निखार भी आता है. पपीते के फल के कुछ टुकड़ों को शहद के साथ मिलाकर एक दम हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करने से चेहरा साफ होता है और तेहरे में तेल की कमी भी नहीं हो पाती. इसके इस्तेमाल से झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ती

कच्चा दूध आपके स्किन में मौजूद डेड स्किन को साफ तो करता ही है, साथ ही ये आपकी त्वचा की नमी को भी बरकरार रखने में मदद करता है. यह एक नेचुरल क्लींजर की तरह बखूबी काम करता है. क्या आप जानते हैं कि स्किन की सफाई के लिए कच्चे दूध का इस्तेमाल करना बहुत ही लाभकारी होता है.

Wedding Special: 4 फेवरेट लुक्स बाय मेकअप आर्टिस्ट

शायद ही कोई महिला ऐसी हो , जिसे मेकअप करना पसंद न हो. खासकर के जब बात हो वेडिंग
सीजन की. ऐसे में हमेशा एक जैसा मेकअप या फिर एक जैसा लुक जहां उबाऊ लगने लगता है, वहीं
इससे हमारे डिज़ाइनर आउटफिट्स की भी गेटअप नहीं बढ़ पाती है. ऐसे में जरूरी है हर ओकेजन
पर आउटफिट्स के साथसाथ खुद को मेकअप से अपटूडेट रखने की, ताकि देखने वाले बस आपको ही
देखते रह जाएं. तो आइए जानते हैं इस संबंध में  मेकअप आर्टिस्ट एंड एंटरप्रेन्योर वीनी धमिजा से.
जो मेकअप में एक्सपर्ट होने के साथसाथ वे अब तक कई सेलेब्रिट्रीज़ का मेकअप कर चुकी हैं. साथ ही
कई मूवीज व नेटफ्लिक्स सीरीज में मेकअप आर्टिस्ट की भूमिका भी निभा चुकी हैं. यही नहीं बल्कि
कई लोकल फैशन शोज में सेलिब्रिटी जज भी बन चुकी हैं. ऐसे में खास दिन के लिए मेकअप आर्टिस्ट
के टिप्स से आप भी खास दिख सकते हैं.

– मेहंदी एंड हलदी लुक

 
अगर आप एक्सपेरिमेंट करना पसंद करती हैं और आप खास दिन पर लोगों को अपने चकाचौंध
करने वाले कट क्रीज़ मेकअप लुक से हैरान करना चाहती हैं तो ये लुक आपको बहुत पसंद आएगा.
कट क्रीज़ एक तरह का आई मेकअप होता है. इसमें डबल शेड्स यूज़ किए जाते हैं, ताकि आईज की
क्रीज़ को ज्यादा हाईलाइट किया जा सके. इस मेकअप में आईज पर आईशैडो की अलगअलग लेयर्स
अलग से हाईलाइट होती है. अकसर आपने देखा होगा कि ब्राइडल या फिर फैमिली की और गर्ल्स या
लेडीज इस दिन पिंक, ग्रीन, ऑरेंज या फिर येलो आउटफिट्स पहनना ही पसंद करती हैं. क्योंकि ये
आउटफिट्स इस दिन कलर के हिसाब से परफेक्ट होने के साथसाथ काफी ऐलीगैनस लुक भी देते हैं.
लेकिन अगर आप इस दिन मैचिंग एक्सेसरीज के साथ कट क्रीज़ मेकअप लुक करवा लें तो आपका
दिन बनने के साथसाथ आपके चांद से चेहरे पर से किसी की नजर ही नहीं हटेगी. फिर चाहे आप
होने वाली ब्राइडल हो या फिर उसकी फ्रेंड या फिर फैमिली मेंबर. ये लुक देखकरआप भी खुद को
निहारती रह जाएंगी.

– शिमर लुक


चाहे हलदी फंक्शन हो या फिर मेहंदी की रात, सजना तो बनता है. अब वो दिन गए जब आप हलदी
व मेहंदी में जैसे मर्जी कपड़े पहन कर बैठ जाएं. अब तो इनका प्रोपर फंक्शन होने के साथसाथ सभी
इन फंक्शंस के लिए भी खास आउटफिट्स पहनने के साथसाथ खास मेकअप करवाना पसंद करते हैं ,
ताकि हर फंक्शन में अलग दिख सकें. ऐसे में जब दिन इतना खास है तो आउटफिट के साथसाथ
मेकअप भी खास होना चाहिए. ऐसे में इस दिन के लिए शिमरी ट्विस्ट के साथ मिनिमम मेकअप
लुक देने की कोशिश की जाती है. इसमें पिंक, पीच या फिर गोल्ड मेकअप लुक के साथ आपके दिन
को अलग , अट्रैक्टिव व खास बनाने की कोशिश की जाती है. आउटफिट्स के साथ में मैचिंग की गोटा
पट्टी वाली फ्लोरल ज्वेलरी आपकी ब्यूटी में और चारचांद लगाने का काम करती है. तो फिर है न
रेडी फोर शिमर लुक.

– पार्टी लुक


पार्टी के लिए पीच आउटफिट तो रेडी हो गए, जिस की होट सी स्लीव्स और चोली पर हैवी वर्क है,
साथ में गोल्डन कलर की मैचिंग एक्सेसरीज़ के साथ मांगटिक्का आपको पार्टी के लिए रेडी कर रहा
है. लेकिन अगर ओसम सी ड्रेस व एक्सेसरीज़ के साथ मेकअप बढ़िया न हो, तो सारी मेहनत पर
पानी फिरने के साथसाथ न तो आपका दिन खास बन पाता है, साथ ही लुक भी फीकाफीका सा
लगता है. लेकिन अगर इस कलर के आउटफिट के साथ लाइट मेकअप के साथ रोजी चीक्स या फिर
पिंक वाइब चीक्स के साथ मेकअप को फाइनल टच दिया जाए , साथ में कम से कम शिमर का यूज़
करने के साथ न्यूड लिप्स रखे जाए तो पार्टी लुक रेडी होने के साथ इस खूबसूरत से लुक के सब
कायल हो जाएंगे. और यकीन मानिए ये लुक आपको पूरी पार्टी में कॉम्प्लिमेंट्स दिलवाने का काम
करेगा. और यही तो हर लड़की या हर महिला की चाहा होती है कि उसके लुक की सब तारीफ करते
न थकें.

–  ब्राइडल लुक


शादी का दिन हर लड़की के लिए खास होता है. क्योंकि इस दिन के लिए हर लड़की ढेरों सपने
संजोए रहती है कि ऐसा लहंगा पहनेंगी, उसके साथ यूनिक ज्वेलरी और साथ में परफेक्ट मेकअप.
आजकल ब्राइडल ज्यादातर रेड से हटकर इस दिन अलग व खास दिखने के लिए पिंक, डीप पर्पल
और ग्रीन कलर का लहंगा ज्यादा पहनना पसंद करती हैं , जिसके कारण इस कलर के ब्राइडल लहंगे
आजकल काफी ट्रेंड में हैं. ऐसे में अगर पिंक कलर के लहंगे के साथ स्मूथ बेस, शिमरी कलरफुल
आईलिड्स के साथ फ़्लटरी लैशेस से ब्राइडल लुक को कम्पलीट किया जाता है, तो लुक काफी
अट्रैक्टिव लगने के साथ हर किसी की निघाएं आपके मुखड़े पर टिकी की टिकी रह जाती हैं. आजकल
ब्राइडल के लुक को एन्हांस करने के लिए लाइट ज्वेलरी के साथ लाइट मेकअप का काफी ट्रेंड है. तो
फिर वेडिंग सीजन के लिए खुद को हटकर रेडी करें और बने सेंटर ओफ अट्रैक्शन

Winter Special: कड़कड़ाती ठंड में ये सुपरफूड्स बनेंगे आपका सुरक्षा कवच

सर्दियों का मौसम और कड़कड़ाती ठण्ड अपने साथ कई तरह की बिमारी साथ लेकर आती है. इस मौसम में अपना सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होता है. हाथपैर और पूरा शरीर ठण्ड की चपेट में आकर ठिठुरने लगता है ऐसे में आप गर्म कपड़ो का सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आप जानती है कि कुछ ऐसे फूड्स होते हैं जो सर्दियों की कड़कड़ाती ठंड में भी आपके शरीर को गर्म रखने का काम करते हैं.

ये फूड्स न सिर्फ शरीर का तापमान बढ़ाकर सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से हमारा बचाव करते हैं बल्कि इनका सेवन करने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ती है. इसलिए कड़कड़ाती ठण्ड में गर्म कपड़े ही नहीं बल्कि हरी भरी सब्जियां भी आपका सुरक्षा कवच है.

आज हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स की खासियत के बारें में बताने जा रहे हैं जिन्हें सर्दियों का सुपरफूड कहा जा सकता है.

बादाम

बादाम आपको सर्दियों में काफी गर्म रखते हैं. यह आपके इंसुलिन सेंसिटीविटी को सुधारने तथा आपके दिल को सेहतमंद रखने में भी मदद करता है. आप बादाम और अन्य नट्स जैसे अखरोट और खुबानी आदि का मिश्रण बनाकर स्नैक्स के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. रोजाना इसका सेवन आपको ठण्ड से बचाकर रखता है.

फूलगोभी

फूलगोभी सर्दियों के लिए बेहतर फूड है और इसमें विटामिन K (के) भरपूर मात्रा में पाया जाता है. आप इसे उबालकर, तलकर या फिर सूप बनाकर इसका सेवन कर सकती हैं. यह आपको ठण्ड से बचाने के साथ हा आपकी सेहत का पूरा ध्यान रखता है.

हरा मटर

हरे ताजे मटर का सेवन सर्दियों में बेहद फायदेमंद होता है. यह विटामिन E (ई) , ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और बीटा कैरोटिन का बेहतरीन स्रोत होता है. इसमें कोमेस्ट्राल पाया जाता है जो पेट के कैंसर को रोकने में मदद करता है.

अनार

वैसे तो अनार खाना हर मौसम में अच्छा होता है पर सर्दियों में यह आपकी सेहत का खास ख्याल रखता है. अनार तमाम तरह के पोषक तत्वों और एंटी-आक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. अनार आपकी उम्र बढ़ाने की भी क्षमता रखता है. इसमें मौजूद एंटी-आक्सीडेंट्स दिल संबंधी बीमारियों और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करने का काम करते हैं. इसके अलावा यह दिल, बालों और त्वचा की सेहत के लिए भी बेहद लाभदायक फल होते हैं.

शकरकंद

इम्यूनिटी बढ़ाने, कब्ज दूर करने तथा सूजन संबंधी समस्याओं को दूर करने में शकरकंद बहुत लाभदायक है. पोटैशियम, विटामिन ए और फाइबर इसमें भरपूर मात्रा में उपलब्ध है. पोषक तत्वों से भरपूर शकरकंद में बहुत कम कैलोरी पाई जाती है और अपने इन्हीं गुणों की वजह से इसे सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है.

साइट्रस फल

सर्दियों में साइट्रस फल खाने के बड़े फायदे होते हैं. ये विटामिन सी और पोटैशियम के अच्छे स्रोत होते हैं. इनमें कैलोरी की माक्त्रा बेहद कम होती है. हमारे हार्मोन्स को दुरुस्त रखने में भी यह मदद करती है.

पैरों की खूबसूरती बढ़ाने के घरेलू टिप्स

पैरों को साफ और स्वस्थ रखना भी उतना ही जरूरी है, जितना शरीर के किसी दूसरे अंग को. पैरों की साफसफाई एक निश्चित अंतराल पर होती रहनी चाहिए. इस के लिए आप नियमित साफसफाई के अलावा पैडिक्योर का सहारा भी ले सकती हैं.

ऐसे करें पैडिक्योर

पैडिक्योर करने से पहले नाखूनों पर लगी नेल पौलिश को हटा दें. फिर टब या बालटी में कुनकुने पानी में अपना पसंदीदा साल्ट या क्रीम सोप डालें. अगर आप के पैरों की त्वचा ज्यादा रूखी है, तो उस में औलिव आयल भी डाल लें. साल्ट आप के पैरों की त्वचा को नरम बनाएगा, तो औलिव आयल उस के लिए माश्चराइजर का काम करेगा. पैरों का कम से कम 15 मिनट तक इस पानी में रखने के बाद बाहर निकाल कर बौडी स्क्रबर से स्क्रब करें. स्क्रब करने के बाद ठंडे पानी से पैरों को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि पैरों की उंगलियों के बीच में  कहीं सोप बचा न रहे. अब पैरों पर कोल्ड क्रीम से हलकी मालिश करें. रूई की सहायता से उंगलियों के बीच फंसी क्रीम को साफ करें. अब पैरों के नाखूनों पर नेल पौलिश का सिंगल कोट लगाएं और इसे सूखने दें. जब यह सूख जाए तो नेल पौलिश से फाइनल टच दें.

पैराफिन वैक्स के साथ पैडिक्योर

इस तरीके से पैडिक्योर करने के लिए सब से ज्यादा जरूरी चीज है वक्त. जब भी आप पैराफिन वैक्स से पैडिक्योर करें, इसे कम से कम सवा घंटे का समय दें. पैराफिन वैक्स से पैडिक्योर करते समय सब से पहले अपने पैरों को पैराफिन वैक्स से साफ कर लें. इस के लिए पैराफिन वैक्स को पिघला कर एक मिट्टी की बड़ी कटोरी या बरतन में डाल लें. अब अपने पैरों को इस बरतन में डाल दें. यह काम करते वक्त इस बात का खयाल रखें कि वैक्स आप के पैरों के ऊपर बहे. इस के बाद पेडिक्योर की पहली प्रक्रिया की तरह पैरों को कुनकुने साफ पानी से धो कर क्रीम से इन की मसाज करें और नेल पौलिश लगा लें.

कुछ काम की बातें

सर्दियों में गरम जुराबें पहनें, जिस से आप के पैर गरम रहें. मगर इस बात का ध्यान जरूर रखें कि जुराबें पैरों के लिए टाइट न हों.

अगर आप पैरों के नाखून बड़े रखना चाहती हैं, तो जुराबें पहनते समय इस बात का ध्यान रखें कि नाखूनों पर नेल पौलिश लगी हो. इस से उन के नरम हो कर टूटने का डर नहीं रहता, नेल पौलिश उन्हें सहारा दे कर मजबूत बनाए रखती है.

धोने या पैडिक्योर ट्रीटमेंट लेने के  बाद पैरों को बिना सुखाए जुराबें न पहनें. इस से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ता है.

पैरों को गरमी देने के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह आप के पैरों के लिए जरूरत से ज्यादा गरम साबित होने के साथ उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.

बाजार से पैरों के लिए जूते या चप्पल खरीदते समय खयाल रखें कि पंजों पर ज्यादा दबाव न पड़े. पंजों का रक्तप्रवाह किसी भी तरह से दुष्प्रभावित नहीं होना चाहिए.

पैरों को धोते समय कुनकुने पानी का इस्तेमाल करें. ज्यादा गरम पानी नुकसानदेह हो सकता है.

एडि़यों को फटने से बचाने के लिए माश्चराइजर का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है. मगर इसे उंगलियों के बीच में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इस स वहां फंगस लगने का डर रहता है.

अगर आप के पैरों में पसीना बहुत ज्यादा आता है, तो जूते पहनते समय एंटी फगस पाउडर का इस्तेमाल करना न भूलें.

ऐसे पाएं बेदाग स्किन के साथ लंबे घने बाल

ऐसे पाएं बेदाग स्किन के साथ लंबे घने बाल अगर आप भी ग्लोइंग त्वचा के साथ खूबसूरत बालों की ख्वाहिश रखती हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है… कई महिलाएं अपनी त्वचा और बालों की समस्याओं का संबंध जीवनशैली या जेनेटिक फैक्टर्स से जोड़ती हैं. आमतौर पर वे बालों के नुकसान को अनदेखा कर देती हैं. उन्हें लगता है कि तनाव और बालों की देखभाल के लिए समय न निकाल पाना इन समस्याओं के कारण हैं. लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता कि शरीर में न्यूट्रिशन लैवल पर त्वचा और बालों का स्वास्थ्य निर्भर होता है.

न्यूट्रिशन और आदर्श विटामिन लैवल दोनोें त्वचा को स्वस्थ, मुलायम और बालों को घना व मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. डाइट और पाचन खराब होने से पोषण में कमी पैदा होती है. इससे त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं और त्वचा के कुल स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. कई बार आहार में कोई कमी नहीं होती, लेकिन फूड सैंसिटिविटी या ऐलर्जी त्वचा रोग का कारण बनती है.

अध्ययनों ने साबित किया है कि ऐंटीऔक्सीडैंट की फोटो प्रोटैक्टिव क्षमता का त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली पर सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की पूर्ति के प्रभावों के साथ सहसंबंध होता है. आइए जाने कि विटामिन की कमी त्वचा और बालों को कैसे प्रभावित कर सकती है. त्वचा की देखभाल में पोषण की भूमिका विटामिन ए, बी3 और बी12 की अहमियत: पूरे मानव शरीर खासकर त्वचा के पोषण में विटामिन ए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन ए की कमी से स्वैट डक्ट्स में रुकावट, औयल ग्लैंड्स में कमी और फ्राइनोडर्मा, जेरोसिस और त्वचा पर झुर्रियां आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं. आमतौर पर कुपोषित लोगों खासकर बच्चों में ये समस्याएं देखी जाती हैं. विटामिन ए की कमी के कारण कुहनियों, घुटनों, नितंबों पर खुरदरी काली त्वचा देखी जाती है.

विटामिन बी3 की कमी के कारण गरदन जैसे आमतौर पर खुले रहने वाले भागों पर फोटो सैंसिटिविटी और रैशेज जैसे सनबर्न हो जाते हैं. इसी तरह इस से हाथों और पैरों में दरारें भी पड़ सकती हैं जिसे पेलेग्रस ग्लव्स और बूट्स कहा जाता है. कई बार इस से त्वचा छिल सकती है. कई महिलाएं इस बात को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन कई गंभीर मामलों में यह घातक साबित हो सकता है. विटामिन बी 12 की कमी आमतौर पर उन में देखी जाती है जिन के खाने में मक्का हर दिन होता है या जो शराब पीते हैं अथवा जो दवा ले रहे हैं. इस से त्वचा पर हाइपरपिग्मैंटेशन त्वचा में सूजन और इन्फैक्शन, डार्क सर्कल्स आदि समस्याएं हो सकती हैं. इन का इलाज न करना जानलेवा भी हो सकता है. दूध, पनीर, दही, अंडे, केला, स्ट्राबेरी, टूना मछली, चिकन आदि में विटामिन बी 12 भरपूर होता है.

इन पदार्थों का सेवन करना चाहिए. शरीर में बी 12 के स्तर को बढ़ाने के बारे में डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए. विटामिन सी का महत्त्व कोलोजन बनने के लिए विटामिन सी आवश्यक है, त्वचा का टाइटनिंग और त्वचा में युवा दिखने के लिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण प्रोटीन है. अध्ययनों ने साबित किया है कि विटामिन सी के रोजाना सेवन से त्वचा की झोर्रियों में सुधार हो सकता है और त्वचा के कुल टैक्सचर में सुधार हो सकता है. विटामिन सी ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर होता है जो अच्छी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है. विटामिन सी की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है और उस की घाव भरने की क्षमता कम हो सकती है. विटामिन सी की कमी से स्कर्वी भी हो सकता है.

स्कर्वी के लक्षणों में रक्तस्राव के कारण त्वचा पर दिखाई देने वाले गोल धब्बे रक्तस्राव के कारण त्वचा का रंग फीका पड़ना और स्वान नैक हेयर शामिल हैं. जिंक का महत्त्व जिंक की कमी से त्वचा में दरारें, सूखी त्वचा और रैशेज हो सकते हैं. जिंक की कमी से मुंहासे, त्वचा में संक्रमण भी हो सकता है और त्वचा की घाव भरने की क्षमता भी कम हो सकती है. कई केसेज में मुंह और नितंबों के आसपास लाल पपड़ीदार पैच दिखाई दे सकते हैं. लोकल ऐप्लिकेशन और क्रीम्स मौइस्चराइजर से इस की कमी का इलाज नहीं किया जा सकता है. इलाज में दवाइयों और अच्छे खाने के जरीए जिंक इनटेक शामिल है.

शरीर में जिंक लैवल क्या है उस के आधार पर डाक्टर जिंक सप्लिमैंट्स का सुझाव दे सकते हैं. आयरन का महत्त्व शरीर में लोहे की कमी के कारण बेजान, रूखी त्वचा, काले घेरे, नाखूनों का टूटना आदि समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में इस से जीभ में सूजन, ऐंगुलर चेलाइटिस भी हो सकता है. इस के अलावा त्वचा में खुजली हो सकती है और खरोंचने पर त्वचा लाल, पपड़ीदार हो सकती है. आयरन की कमी से होने वाले रैशेज के कारण त्वचा के नीचे लाल या बैगनी रंग के धब्बे हो सकते हैं. बायोटिन एक पानी में घुलने वाला विटामिन बी है जो फैट और कार्बोहाइड्रेट चयापचय के लिए आवश्यक प्रतिक्रियाओं के लिए कोऐंजाइम के रूप में कार्य करता है.

बायोटिन की कमी बहुत आम समस्या नहीं है. बायोटिन की कमी से त्वचा में पैदा होने वाले लक्षणों में पैची रैड रैश आमतौर पर मुंह के पास, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस और फंगल त्वचा व नाखूनों में इन्फैक्शन शामिल हैं. बालों की देखभाल में पोषण की भूमिका आयरन और विटामिन बी12 का महत्त्व: बालों का समय से पहले ग्रे होना या कैनिटी एक आनुवंशिक प्रवृत्ति है. आयरन, विटामिन डी, फोलेट, विटामिन बी 12 और सेलेनियम ऐसे विटामिन और खनिज हैं जिन की कमी की वजह से बचपन या शुरुआती वयस्कता के दौरान बालों के ग्रे, सफेद होने की समस्या हो सकती है. इन सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने से बालों के समय से पहले ग्रे होने की समस्या में सुधार हो सकता है.

विटामिन बी12 की कमी से बाल झड़ते हैं और रूखे और बेजान हो जाते हैं. विटामिन बी12 मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के बनने के लिए बहुत जरूरी है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में औक्सीजन ले जाती हैं. जब किसी व्यक्ति में विटामिन बी12 की कमी होती है, तो बालों के रोमों को नए बाल पैदा करने के लिए पर्याप्त औक्सीजन नहीं मिलती है. परिणामस्वरूप बालों के रोम कुशलतापूर्वक काम नहीं कर पाते हैं और बाल ?ाड़ने लगते हैं. आयरन की कमी का बालों पर असर विटामिन बी 12 की कमी की तरह ही स्वस्थ बालों के लिए आयरन का सेवन भी बहुत महत्त्वपूर्ण होता है.

आयरन एक महत्त्वपूर्ण खनिज है जो मानव शरीर और लाल रक्त कोशिकाओं के समुचित कार्य में मदद करता है. जब किसी व्यक्ति में आयरन की कमी होती है, तो शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं बालों के रोम तक औक्सीजन नहीं पहुंचा पाती हैं. लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो रक्त को ऊतकों, कोशिकाओं और महत्त्वपूर्ण अंगों सहित शरीर के विभिन्न भागों में ले जाता है. हीमोग्लोबिन उन कोशिकाओं की मरम्मत करता है जो बालों के आदर्श विकास में योगदान देती हैं. आयरन की कमी से बालों का अत्यधिक ?ाड़ना, बालों की ठीक से न बढ़ पाना आदि समस्याएं पैदा होती हैं.

इस से महिलाओं और पुरुषों में गंजापन जल्दी हो सकता है. शरीर में आयरन को स्वस्थ लैवल को बनाए रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, मुनक्का, काजू और दालों का सेवन नियमित रूप से करें. अपना आयरन लैवल जानने और शरीर में आयरन लैवल को बढ़ाने के संभव विकल्पों के बारे में जानने के लिए डाक्टर से बात करें. जिंक की कमी का बालों पर असर अध्ययनों से यह भी साबित हुआ है कि जिंक की कमी से बालों के रोम की प्रोटीन संरचना प्रभावित हो सकती है जो बालों की मजबूती को बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण होती है. जिंक हारमोनल संतुलन को बनाए रखता है और हारमोनल असंतुलन बालों के झड़ने का एक प्राथमिक कारण है.

विटामिन सी की कमी और बाल विटामिन सी की कमी से बाल दोमुंहे और सूखे हो सकते हैं. शरीर में जब विटामिन सी मौजूद होता है तभी आयरन को अब्सौर्ब किया जा सकता है. इसलिए अगर किसी के शरीर में विटामिन सी की कमी है तो उस से शरीर में आयरन का स्तर भी प्रभावित होता है जिस के परिणामस्वरूप बालों का ?ाड़ना शुरू हो जाता है. आहार में विटामिन, आयरन और जिंक की कमी से ऐक्यूट टेलोजेन एफ्लुवियम और बालों का समय से पहले सफेद होना हो सकता है. बालों को धोते, कंघी करते यहां तक कि उंगलियों को चलाते समय अत्यधिक बालों का ?ाड़ना टेलोजेन एफ्लुवियम के संकेत हैं. इसलिए चमकती त्वचा और घने बालों के लिए आहार में सही प्रोटीन और विटामिन शामिल करें. -डा. रैना नाहर कंसल्टैंट, डर्मैटोलौजी, पीडी हिंदुजा हौस्पिटल ऐंड मैडिकल रिसर्च सैंटर, खार. द्य

Winter Special: ताकि सर्दियों में ना फटें आपके होंठ

सर्दियां का मौसम आते ही ज्यादातर लोगों की त्वचा रूखी होने लगती है. त्वचा की नमी कहीं खो सी जाती है और त्वचा रूखी-बेजान नजर आने लगती है. त्वचा के साथ ही हमारे होंठ भी फटने शुरू हो जाते हैं. कई बार ये समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि होंठों से खून भी आना शुरू हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम अपनी त्वचा को लेकर फिक्रमंद रहें ताकि वो हमेशा खूबसूरत और जवां बनी रहे.

सर्दियों के मौसम में त्वचा को ज्यादा से ज्यादा नमी की जरूरत होती है. ऐसे में आप चाहें तो ग्लिसरीन का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह एक नेचुरल लिप बाम भी है.

कैसे करें ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल

आप चाहें तो ग्ल‍िसरीन को बाम की तरह लगा सकते हैं. इसके अलावा इसे दूध, शहद या गुलाब जल के साथ मिलाकर भी लगाया जाता है.

ग्ल‍िसरीन लगाने के फायदे

सर्दियों में शुष्‍क हवाओं के कारण होठ सूख जाते हैं और फटने लग जाते हैं. होठों पर ग्ल‍िसरीन के इस्तेमाल से होंठ मुलायम बनते हैं जिससे फटने की समस्या भी नहीं होने पाती है.

अगर आपके होंठों पर दाग-धब्बे हैं और ये काले पड़ चुके हैं तो भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है. कई बार धूम्रपान करने के कारण लोगों के होंठ काले पड़ जाते हैं. ऐसी स्थिति में भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है.

सर्दियों में हवाओं के प्रभाव से होठों की ऊपरी परत सूख जाती है और पपड़ी बन जाती है. ऐसे में ग्लसिरीन का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है.

अगर आपके होंठ कहीं से कट गए हों या फिर अगर उनमें किसी तरह का घाव बन गया हो तो भी ग्ल‍िसरीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है.

होठों के लिए ग्ल‍िसरीन एक पोषक तत्व की तरह काम करता है, जिससे होठों को नमी मिलती है.

Winter Special: क्या आपके जोड़ो में भी है दर्द!

ये बात तो आप जानते ही हैं कि शरीर के वे हिस्से जहां हड्डियां आपस में मिलती हैं, उन्हें ही जोड़ कहते हैं. जैसे घुटने, कंधे, कोहनी आदि-आदि. अगर शरीर के इन जोड़ों में कठोरता या सूजन जैसी किसी भी तरह की तकलीफ हो जाती है तो इससे आपको दर्द शुरू हो जाता है और इसे ही जोड़ों में दर्द होने की शिकायत कहा गया है. आजकल देखा गया है कि शरीर में जोड़ों के दर्द की समस्या एक आम सी समस्या बनती जा रही है और इस कारण से लगातार अस्पताल जाते रहने और दवा खाना की मजबूरी हो ही जाती है.

एक बात जो आपके जाननी चाहिए कि ‘अर्थराइटिस’ की शिकायत, जोड़ों में दर्द होने का सबसे आम कारण है. पर इसके अलावा जोड़ों में दर्द होने की कई और भी अन्य वजहे होती हैं, जैसे कि लिगामेंट, कार्टिलेज या छोटी हड्डियों में से किसी की भी रचना में चोट लग जाने के कारण भी आपके जोड़ों में दर्द हो सकता है. ये शरीर का बहुत अहम हिस्सा होते हैं. इनके कारण ही आप उठना, बैठना, चलना, शरीर को मोड़ना आदि कर पाते हैं और ऐसा सब करना संभव हो पाता है. इसीलिए जोड़ों में दर्द होने पर पूरे आपके शरीर का संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है.

आज हम आपको जोड़ों में दर्द से जुडी कई महत्वपूर्ण बातें बताएंगे. इनके कारण जानने के बाद आप इनसे परहेज कर सकेंगे. यहां हम आपको जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए कुछ उपचार भी बता रहे हैं. इन्हें अपनाकर आप इस दर्द से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं.

कारण :

1. कई बार उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है.

2. आपकी हड्डियों में जब रक्त की पूर्ति होने में रूकावट आती है तब भी जोड़ों में दर्द से तकलीफ होने लगती है.

3. ये बात आप नहीं जैनते होंगे कि रक्त का कैंसर, जोड़ों में दर्द के लिए जिम्मेदार होता है.

4. हड्डियों में मिनरल्स यानि की शरीर में खनिज पदार्थों की कमी हो जाने पर भी जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है.

5. कभी-कभी, जल्दी-जल्दी चलने या भागने पर जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ जाता है और जोड़ों में दर्द शुरू हो तातो है.

6. आपके जोड़ों में इंफेक्शन होना भी जोड़ों में दर्द का कारण है.

7. कई बार तो मोच आ जाने और चोट लगने से भी एसी शिकायत हो जाती है.

8. शरीर में कई बार हड्डियों के टूटने से जोड़ों में दर्द होता है.

9. अगर आपको हड्डियों में ट्यूमर आदि किसी भी प्रकार की शिकायत है तो जोड़ों में दर्द होने की संभावना होती है.

10. इनके अलावा अर्थराइटिस, बर्साइटिस, ऑस्टियोकोंड्राइटिस, कार्टिलेज का फटना, कार्टिलेज का घिस जाना आदि जोड़ों में दर्द की समस्या के प्रमुख कारण हैं.

निवारण :

1. जोड़ों को चोट से बचाना चाहिए

अगर जोड़ों पर चोट लगती है तो वो हड्डी को तोड़ भी सकती है,  इसलिए कोशिश करें कि जोड़ों को चोट से बचाकर रख सकें. जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर रहता हो तब शरीर पर ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स पहनकर रखें.

2. गतिशील रहना चाहिए

जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सदैव गतिशील रहें. अगर जोड़ों की मूवमेंट होती रही तो आपको लंबे समय किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं सताएगा. बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है.

3. वजन को नियंत्रित रखना चाहिए

यदि आपका वजन नियंत्रण में रहेगा तो आपका शरीर और शरीर के सारे जोड़ भी स्वास्थ्य रहेंगे. शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है और इससे आपके शरीर के कार्टिलेज के टूटने का डर बना रहता है. अब ऐसे में आपको अपने वजन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है.

4. ज्यादा स्ट्रेच नहीं करना चाहिए

अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं तो, व्यायाम के साथ आपको स्ट्रेचिंग करने की भी सलाह दी जाती है, तब ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि व्यायाम करते समय स्ट्रेचिंग हफ्ते में केवल तीन बार करें. स्ट्रेचिंग को एकदम शुरू नहीं करना चाहिए. ऐसा करने की जगह पहले थोड़ा वार्म अप भी करें.

5. दूध पीएं

दूध में कैल्श्यिम और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो जोड़ों को मजबूत रखने के बेहद जरुरी होता है. इसीलिए हर रोज दूध जरूर पीना चाहिए. जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं. अगर आपको दूध पसंद नहीं है तो दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे पनीर, दही आदि.

6. सही आसन बनाकर रखें

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए सही पोश्चर या आसन में उठना, बैठना और चलना बेहद आवश्यक है. आपका सही पोश्चर ही गर्दन से लेकर घुटनों तक शरीर के सभी जोड़ों की रक्षा करता है.

7. व्यायाम करें

जोड़ों के दर्द से निजात के लिए और अपने स्वास्थ्य की सही देखभाल के लिए आपको, व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए. तैराकी करना जोड़ों के दर्द के लिए सबसे फायदेमंद व्यायाम होता है.

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