गरमी का मौसम त्वचा पर भारी पड़ता है. जैसेजैसे तापमान बढ़ता जाता है गरमी बरदाश्त से बाहर होने लगती है. ऐसे में त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखना और त्वचा को सूरज के सीधे संपर्क से बचाना बेहद जरूरी है.
तेज धूप का असर
गरमियों की धूप बहुत तेज होती है. इस से त्वचा पर लाल चकत्ते और निशान उभर सकते हैं, जिन में जलन महसूस होती है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जिन की त्वचा संवेदनशील होती है. इस स्थिति से खुद को बचाने के लिए जहां तक हो सके धूप के सीधे संपर्क में आने से बचें. इस के साथ ही त्वचा पर नियमित सनस्क्रीन लगाएं. अपने चेहरे, गरदन और बांहों पर बाहर निकलने से 20 मिनट पहले कोई सनब्लौक क्रीम अच्छी तरह लगाएं. धूप में निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढक लें और इस मौसम में कौटन के वस्त्र ही पहनें. अपनी त्वचा की गरमी को शांत करने के लिए शाम को ऐलोवेरा जैल का फेस पैक इस्तेमाल करें.
टैनिंग प्रौब्लम
जब हम सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आते हैं, तब त्वचा का मैलानिन एक सुरक्षात्मक कवर बनाता है. इस मैलानिन की वजह से ही गहरे धब्बे उभरते हैं. ये या तो पूरे चेहरे पर एकसमान दिखाई देते हैं या फिर चकत्तों के रूप में नजर आते हैं. इस स्थिति को हम स्किन टैनिंग कहते हैं. अत: 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन थोड़ेथोड़े अंतराल पर लगाते रहना जरूरी होता है. टैनिंग का असर खत्म करने के लिए लेजर स्किन रिजुविनेशन, कैमिकल पील्स अथवा माइक्रोडर्माबे्रजन जैसे प्रोसीजर कराएं. इन छोटीछोटी मगर महत्त्वपूर्ण बातों को अपना कर न सिर्फ आप गरमी में खुल कर बाहर घूमने का आनंद उठा सकेंगी, स्वस्थ और निखरीनिखरी त्वचा भी पा सकेंगी.