जूलरी का क्रेज महिलाओं में हमेशा से ही रहा है. शादी की पार्टी में जाना हो या फिर बर्थ- डे पार्टी में, महिलाओं को हर फंक्शन में कुछ नया चाहिए. अब जबकि समय दिवाली पार्टी का है, तो इस मौके पर भला जूलरी को कैसे भूला जा सकता है. ऐसे में गोल्ड और सिल्वर जूलरी में हर बार नई वैरायटी पहनना तो संभव नहीं होता, इसलिए इस फेस्टिव सीजन में बाजार में मौजूद अफगानी जूलरी यूथ से लेकर महिलाओं की इस पसंद पर खरी उतर रही है. यह हर कलर, डिजाइन में मौजूद है. इतना ही नहीं हल्की से लेकर भारी हर वेट में यह आपको मिलेगी, जो दिखने में स्टाइलिश के साथ-साथ ट्रेंडी लुक भी देती है.
ईयररिंग्स में सबसे ज्यादा डिमांड
इन दिनों अफगानी ईयररिंग्स का क्रेज काफी बढ़ रहा है. ये मल्टीकलर और सिंगल कलर में भी आती है. एथनिक और फ्यूजन लुक के लिए ये बेस्ट हैं. हर तरह की ड्रेस के साथ ये मैच हो जाती हैं और हर लुक में आप इन्हें ट्राई कर सकती हैं.
फेस्टिवल ड्रेस के साथ भी रहा क्रेज
अफगानी जूलरी की पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकती हैं कि इस साल फेस्टिवल्स के दौरान हर तरह की ड्रेस के साथ यह जूलरी पसंद की गई है. दरअसल, इसमें वैरायटी तो खासी है ही, साथ ही ट्रडिशनल और मॉर्डन दोनों तरह की ड्रेस के साथ पहनी जा सकती है. जूलरी डिजाइनर तुषा कहती हैं कि अफगानी जूलरी का पैटर्न क्लासी लुक देता है. देखने में हैवी लगती है, लेकिन हैवी होती नहीं है. इसलिए इसे आप घंटों बिना किसी दिक्कत के आराम से कैरी कर सकती हैं.
‘इमिटेशन’ जूलरी का मार्केट किया कम
पिछले कुछ समय से फेस्टिव सीजन में इमिटेशन जूलरी की डिमांड खासी थी. इसकी वजह इसका सस्ती, सुंदर और खूबसूरत दिखना था. लेकिन इस बार अफगानी जूलरी ने फेस्टिव मार्केट पर कब्जा कर लिया है. जूलरी डिजाइनर सुचित्रा शर्मा बताती हैं कि इमिटेशन जूलरी का क्रेज कम हुआ है. कुछ लोग इस जूलरी का फाइन वर्जन्स पसंद कर रहे हैं, जो लगते रियल जूलरी जैसे ही हैं, लेकिन फिर भी वो क्रेज देखने को नहीं मिल रहा है.
कस्टमाइज्ड होते डिजाइंस
अब गर्ल्स रेडीमेड की बजाय खुद ही डिजाइंस देकर जूलरी तैयार करवा रही हैं. इसके लिए कैटलॉग और इंटरनेट के अलावा, ड्रेस पर बने डिजाइन को भी जूलरी का रूप दिया जा रहा है.
फिल्मों और टीवी में एक्ट्रेस की पसंद
आजकल ज्यादातर फिल्मों व टीवी कार्यक्रमों में कलाकार आमतौर फैशन जूलरी ही पहनते हैं, जिसमें अफगानी जूलरी भी खूब देखने को मिल रही है. जूलरी डिजाइनर सुचित्रा का यह कहना सही है कि पहले जूलरी का मतलब सोने-चांदी के जेवरों से होता था, लेकिन अब इसका सस्ता विकल्प अफगानी जूलरी बनता जा रहा है.