रिया महज 30 वर्ष की है लेकिन अभी से उसकी आंंखों के आसपास काले घेरे, चेहरे पर पिगमेंटेशन,और डिस्कौलरेशन की समस्या होने लगी है जिसे सोच कर वह परेशान रहती. डौक्टर को दिखाने पर पता चला की यह ब्लू लाइट इफैक्ट है. क्योंकि वह वर्क फ्रौम होम करती है जिस कारण 8-9 घंटे उसे लैपटौप की स्क्रीन को देखना पड़ता है.
ब्लू लाइट इफैक्ट
सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणे हमारी स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं उसी तरह ब्लू लाइट से हमारी स्किन का औक्सीडेटिव डैमेज होता है. ब्लू स्क्रीन लाइट से हमारी आंखें, त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य सभी को बहुत नुकसान होता है अब हमारे शरीर में कम उम्र में ही कई ऐसी परेशानियां होने लगती है जो पहले बुजुर्गो में देखी जाती थी. आजकल ना सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी ब्लू लाइट स्क्रीन के दीवाने हैं.
ब्लू लाइट इफैक्ट के कारण
पिगमेंटेशन, स्किन डिस्कलरेशन, कोलैजन का टूटना,स्किन एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है. स्क्रीन के सामने बैठे रहने से रेडिकल्स के कण चेहरे पर जम जाते हैं, जिससे आंखों में जलन और खुजली की समस्या होने लगती है. यह हमारे मानसिक स्वास्थ को भी क्षति पहुंचाती है.
बचने के उपाय
- एंटीऔक्सीडेंट , विटामिन सी,विटामिन इ से भरपूर आहार का सेवन करें.
- ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट ले. बॉडी को हाइड्रेटेड रखें.
- आंखों और चेहरे को साफ पानी से हर दो घंटे में धोएं.
- अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी विटामिन इ व विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट खरीदे.
- जिंक आक्साइड और टाइटेनियम डाइआक्साइड युक्त सनस्क्रीन का प्रयोग करें. क्योंकि इससे निकलने वाली किरणे अल्ट्रा वायलेट के जैसी ही हानिकारक होती हैं.
- सोने से 2 घंटे पहले ब्लू स्क्रीन प्रोडक्ट्स से दूरी बना लें.
- अंडर आई जैल और क्रीम से आँखों के आस पास अच्छे से मसाज करें.
- बच्चों को पूरा दिन में सिर्फ 2 घंटे ही स्क्रीन टाइम के लिए दें, मोबाइल से परहेज करें.
- फेरुलिक एसिड के साथ नियासिनामाइड और स्क्वैलीन मौजूद प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें.
- स्क्रीन पर रिफ्लेक्टर शील्ड लगवाएं.