जब हम पर्सनैलिटी की बात करते हैं तो उस में सब से अहम व्यक्ति की स्माइल होती है. गंदे, भद्दे दांत खूबसूरत स्माइल को भी बदसूरत बना देते हैं. दांत कुदरती तौर पर सुंदर और मजबूत होते हैं, लेकिन कई बार गलत खानपान और साफसफाई के अभाव में ये कमजोर हो जाते हैं. दांतों की खराबी से न केवल हमारी स्माइल बल्कि हमारे चेहरे का आकार भी बदल जाता है. ऐसे में हमारी अच्छीखासी पर्सनैलिटी बेकार हो जाती है.
जैसेजैसे लोग अपनी पर्सनैलिटी के प्रति जागरूक होने लगे हैं, दांतों की देखभाल और उन को सुंदर बनाए रखने के उपाय भी ज्यादा करने लगे हैं. दांतों की समस्याओं पर हम ने लखनऊ की मशहूर डैंटिस्ट डा. अर्पिता आनंद से बातचीत की. इन का मानना है कि अब दांतों की मजबूती तक ही बात सीमित नहीं रह गई है. दांतों को सुंदर बनाए रखना भी आज बेहद जरूरी हो गया है.
सामान्यत: दांतों में होने वाले रोगों पर डा. अर्पिता आनंद का कहना है, ‘‘युवावस्था में दांतों में होने वाली परेशानियों में कैविटी का होना सब से प्रमुख रोग है. इस में दांत के अंदर छेद हो जाता है जहां खानेपीने की चीजें फंस जाती हैं, जिस से दांतों में सड़न होने लगती है. अगर समय पर इस का इलाज न हो तो दांत खराब हो कर गिर सकते हैं. कैविटी को ठीक करने के लिए दांतों पर क्राउन लगाया जाता है. कैविटी के अलावा दांतों में कीड़ा लगना, मुंह से बदबू आना, दांत पीले पड़ना, टेढ़ेमेढ़े होना, दांतों में चोट लगना, कुछ दांतों का निकल जाना, बचपन से दांत न होना और दूध के दांत रह जाना जैसी तमाम समस्याएं होती हैं. युवावस्था में दांतों का टेढ़ेमेढ़े होना सामान्य बात हो रही है. लेकिन यह चेहरे की सुंदरता को बिगाड़ देते हैं.’’