आज के दौर में युवाओं में टैटू बनवाने का शौक खास है. ये उनका स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. हर स्टाइल पसंद यूथ शरीर पर टैटू अवश्य बनवाते हैं, उनका ये शौक बौलीवुड के सितारों को देखकर भी बढ़ा है. वैसे तो टैटू भारत के लिए नया नहीं है, पर समय के साथ-साथ उसमें परिवर्तन जरुर आया है. जिसमें खासकर टैटू का बदलना भी शामिल है.
तकनीक के इस युग में आज के अधिकतर यूथ हर चीज को तुरंत करना पसंद करते हैं, प्यार, रिश्ता, उसकी गहराई को जताने में जितनी जल्दी वे डूब जाते हैं, उतनी ही जल्दी उसमें से निकल जाने में विश्वास रखते हैं. ऐसे में टैटू पर सबसे अधिक असर दिखाई पड़ता है, क्योंकि प्यार के इजहार के लिए वे अधिकतर टैटू का ही सहारा लेते हैं और जब प्यार टूटता है, टैटू को भी वे मिटा देना पसंद करते हैं. हालांकि ये करना आसान नहीं होता, लेकिन अगर अच्छे टैटू आर्टिस्ट मिले तो परिवर्तन करना मुश्किल भी नहीं होता.
इस बारें में एलिएंस टैटू के टैटू आर्टिस्ट सनी भानुशाली कहते है कि टैटू का प्रचलन सालों से है पुराने जमाने में महिलाएं अपने पति का नाम और फूल पत्ती से टैटू बनवाती थीं. कुछ महिलाएं कम पढ़ी लिखी होने और कहीं खो जाने के डर से भी पति का नाम अपने हाथ पर लिखवाने के लिए टैटू यानि गोदना बनवाती थीं. उस समय टैटू का इतना मान नहीं था. इतना ही नहीं आज से 10 साल पहले भी टैटू बनाने वाले को ‘ड्रगिस्ट’ समझा जाता था, लेकिन आज मेरे यहां लड़के और लड़कियां बराबर की संख्या में टैटू बनाने का प्रशिक्षण लेने आते हैं, परिवार वाले भी उन्हें भेजते हैं और वे इसे कमाई का एक जरिया भी मान रहे हैं.