हर कोई चाहता है कि वे खूबसूरत दिखे, जिसके लिए वे बिना कुछ सोचे ट्रेंड में चल रहे ब्यूटी ट्रेंड्स को अपनाने में पीछे नहीं रहते. लेकिन भले ही ये ब्यूटी ट्रेंड्स आपको स्मार्ट व फैशनेबल दिखाने का काम करते हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये फैशन आपको बीमार भी कर सकता है. तो बताते है आपको उन सभी चीजों के बारे में, जो है किसी खतरे से कम नहीं.
1. हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स
आज जब भी हम सैलून का रूख करते हैं , तो वहां सर्विस प्रोवाइड करवाने वाले कभी बालों पर कलर लगाने की सलाह देते हैं तो कभी हेयर स्ट्रेटनिंग करवाने की तो कभी फ्रिजी हेयर्स के लिए स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने को कहते हैं. और हम भी बिना सोचे समझे उनकी बातों में आकर या तो हेयर ट्रीटमेंट लेना शुरू कर देते हैं या फिर अपने बालों को सीधा लुक देने के लिए हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन प्रोडक्ट्स में जरूरत से ज्यादा केमिकल्स होते हैं , जो स्किन को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाते हैं. बता दें कि इन प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा मात्रा में फोर्मलडेहीदे केमिकल होता है, जो कैंसर को जन्म देने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. साथ ही इससे नाक, आंख, गले में दिक्कत होने के साथसाथ एलर्जी तक हो जाती है. इसे स्मैल करने से आप अस्थमा जैसी घातक बीमारी के भी शिकार बन सकते हैं. इसलिए सोच समझ कर ही इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.
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2. ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स
कोई भी लड़की या महिला नहीं चाहती कि उसकी स्किन पर डार्क स्पोट्स , पिगमेंटेशन हो. ऐसे में वे मार्केट में मिलने वाली हर वो क्रीम खरीदती है , हर वो साबुन व लोशन टाई करती है जो उसकी स्किन पर वाइटनिंग इफेक्ट लाने का काम करती है. ऐसे में आपको बता दें कि अधिकांश ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स में काफी ज्यादा मात्रा में मरकरी होती है. जिससे आपकी स्किन पर रैशेस , जलन, स्किन के कलर का बदलना, थकान व डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अनेक अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि मरकरी के ज्यादा संपर्क में आने से नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है, जिससे कई बार मृत्यु भी हो जाती है. इसलिए अगर ब्लीचिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो संभल जाएं.
3. बोटोक्स किसी जहर से कम नहीं
उम्र बढ़ने के साथसाथ चेहरे पर फाइन लाइन्स व झुर्रियों का आना आम बात है. कई बार उम्र से पहले भी किन्हीं कारणों से चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं, जो किसी भी महिला को गवारा नहीं होती. क्योंकि ये उनकी सुंदरता को कम करने का काम जो करती है. इसके लिए बोटोक्स ट्रीटमेंट यानि बोटोक्स के इंजैक्शन लिए जाते हैं, जो फाइन लाइन्स व झुर्रियों के लिए जिम्मेदार होने वाली मांसपेशियों में कसावट लाने का काम करते है. जिससे उम्र का प्रभाव चेहरे पर नजर नहीं आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सबसे सबसे खतरनाक टोक्सिन होता है. 2009 में यूएस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे कोस्मेटिक इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी भी दे दी है. लेकिन इसके इस्तेमाल के बाद आपको मांसपेशियों में कमजोरी, सिरदर्द जैसी शिकायत होने के साथ साथ अगर ये टोक्सिन शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैल जाता है, तो शरीर में सूजन व सांस लेने में दिक्कत होने के कारण आपकी जान भी जा सकती है. तो हो जाएं सावधान.
4. टैटू की क्रेजी तो नहीं
टैटू का क्रेज दिनोदिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ये दिखने में अच्छा जो लगता है. तभी तो कोई हाथ व बॉडी के किसी पार्ट पर अपना नाम गुदवाता है तो कभी अपने फेवरेट को. लेकिन टैटू के प्रति ये दीवानगी कहीं आपको बीमार न कर दे. क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाली शहाई जब शरीर में जाती है , तो शरीर के होर्मोनेस का संतुलन बिगाड़ने के साथसाथ स्किन कैंसर को भी जन्म देने का काम करती है. साथ ही इससे स्किन एलर्जी, इंफेक्शन , सूजन तक हो जाती है. बता दें कि जब एक ही सुई का दूसरे इंसान में इस्तेमाल किया जाता है तो एचआईवी जैसी घातक बीमारी का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है. इसलिए टैटू के लिए क्रेजी होना छोड़ दें.
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5. पील ऑफ मास्क
पील ऑफ़ मास्क ये दावा करते हैं कि ये पोर्स को क्लीन कर स्किन की सारी गंदगी को एक पील ऑफ मास्क से हटाकर स्किन पर रेडिएंट ग्लो लाने का काम करता है. और आप भी ये सब जानकर पील ऑफ़ करवाने के लिए तैयार हो जाती हैं. लेकिन जहां ये स्किन की चमक लौटाने का काम करता है, वहीं इससे स्किन को काफी नुकसान भी पहुंचता है. क्योंकि इसमें ढेरों केमिकल्स का इस्तेमाल जो किया होता है.
इन दिनों चारकोल पील ऑफ मास्क काफी डिमांड में है. क्योंकि ये एक अप्लाई के बाद ही स्किन को ग्लोइंग व दागधब्बों रहित जो बना देता है. लेकिन आपको बता दें कि चारकोल पील ऑफ मास्क में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक केमिकल्स शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. इसमें इस्तेमाल होने वाला हेक्सीलेने ग्लाइकोल स्किन पर इर्रिटेशन पैदा करने के साथसाथ ये लिवर, किडनी व नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है. वहीं इसमें इस्तेमाल होने वाला लोंडेपरोपीनील बुटिलकारबामाते स्किन पर रेडनेस, सूजन व जलन का कारण बनता है, जो स्किन को पूरी तरह से डैमेज करने का काम करता है. इसलिए पील ऑफ मास्क है नुकसानदायक. अगर आप इसका इस्तेमाल करें भी तो नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से बने पील ऑफ मास्क का ही इस्तेमाल करें , वो भी कभी कभार.