कहा जाता है कि सुंदरता जो कुदरत की देन है, अन्य तरीकों से हासिल नहीं की जा सकती, पर अब यह बात पुरानी हो गई है. साइंस की मदद से ऐसी तकनीक का विकास हो गया है कि अगर कोई चाहे तो मनचाही सुंदरता हासिल कर सकता है.
क्या सुंदरता जरूरी है
इस में संदेह नहीं कि एक सुंदर व्यक्ति किसी भी जगह अपनी उपस्थिति से पहली ही नजर में एक विशेष प्रभाव छोड़ता है. सुंदरता कई फायदे भी दिला देती है. खासतौर से युवतियां तो सुंदरता के बल पर कई काम दूसरों से करवा लेती हैं. यह भी माना जाता है कि जो व्यक्ति सुंदर और आकर्षक होता है वह पैसे, रुतबे, शिक्षा और सामाजिक स्तर के मामले में दूसरों के मुकाबले काफी आगे होगा.
लिजा स्लेटरी वौकर ने अपने शोध के आधार पर कहा है कि सुंदरता से शिक्षा के क्षेत्र में कई लाभ मिल जाते हैं, जैसे स्कूल, कालेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर सुंदर दिखने वाले युवकयुवतियों को शिक्षक स्मार्ट और बुद्धिमान मानते हैं और उन्हें अच्छे नंबर दे देते हैं. इस से उन का आत्मविश्वास बढ़ता है और आगे चल कर खुद को साबित करने के ज्यादा मौके मिलते हैं.
पुरानी है चाहत
पुराने जमाने में भी स्त्रीपुरुष सुंदर दिखना चाहते थे. खासतौर से युवतियां कुछ ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक 18वीं सदी में चेहरे पर लगाने के लिए जिस पाउडर का इस्तेमाल करती थीं, उस में भारी मात्रा में गंधक और पारे का प्रयोग किया जाता था. इसी तरह 19वीं सदी की युवतियां व्हेल मछली की हड्डियों से बने जो आभूषण चेहरे पर सजाती थीं, उन से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती थी, लेकिन सुंदर दिखने के लिए वे यह तकलीफ उठाने को तैयार रहती थीं.
इस समय दुनिया में लोग सिर्फ क्रीमपाउडर लगा कर ही सुंदर नहीं हो रहे हैं बल्कि ब्यूटी पार्लर जा कर वे अपने चेहरे और हाथपांव यानी नखशिख तक को आकर्षक बनवाने का प्रयास करते हैं. इसी तरह मेकअप का मतलब अब सिर्फ चेहरे पर क्रीमपाउडर आदि लगाना नहीं रहा बल्कि पहने या लगाए जा सकने वाले ऐसे मैडिकल पौलिमर पैच आदि जैसे तरीके ढूंढ़े जा रहे हैं जिन से चेहरे की कमियों को लंबे समय तक छिपाया जा सके. मेकअप के ऐसे सामान बनाने की कोशिश हो रही है जो न सिर्फ खूबसूरती को तुरंत बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं बल्कि त्वचा के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकते हैं. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि भविष्य में त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों में पानी की भूमिका और भी बढ़ सकती है.
दवाएं बनाएंगी सुंदर
आप सुंदर और सैक्सी दिखाई दें, इसलिए अरबों डौलर खर्च कर के दुनिया में कई प्रयोग हो रहे हैं और ऐसी दवाएं व तकनीक खोजी जा रही हैं जो इस काम में मददगार साबित हो सकें. अभी जिस तरह लोग बोटोक्स के इंजैक्शन लगवा कर अपने चेहरे का आकारप्रकार बदलवाते हैं, उसी प्रकार वैज्ञानिक अब अपीरियंस मैडिसिन कहलाने वाली अन्य दवाओं की खोज में जुटे हैं ताकि लोग दवाओं की बहुत सूक्ष्म मात्रा ले कर चेहरे के दोष दूर कर नाकहोंठ जैसे अंग सुधार सकें.
वैज्ञानिक भी अपनी प्रयोगशालाओं में आम इंसान की खूबसूरती बढ़ाने के लिए नुसखे तलाश रहे हैं. त्वचा की कोमलता बनाए रखने, मोटापा कम करने, कमर और पेट की चरबी पिघलाने, बाल उगाने और अनचाहे बालों को हटाने के लिए नई दवाओं, क्रीमों और लेजर जैसी तकनीक की खोज की जा रही है. हम दिखने में सुंदर लगें, विज्ञान जगत इस के लिए ‘अपीरियंस मैडिसिन’ पर काम कर रहा है. ऐसी दवाओं का उद्देश्य चेहरे की झुर्रियां हटाना या उन्हें आने से रोकना है.
इस के अलावा त्वचा की रंगत सुधारने और होंठों की बनावट में चेहरे की सुंदरता के हिसाब से अंतर लाने वाली दवाओं और इंजैक्शन को अपीरियंस मैडिसिन की श्रेणी में गिना जाता है. कहा जा रहा है कि निकट भविष्य में क्रीमपाउडर से ज्यादा इस्तेमाल अपीरियंस मैडिसिन का होगा. खास बात यह होगी कि ऐसी दवाओं के साइड इफैक्ट्स भी न के बराबर होंगे.
ये दवाएं कौन सी होंगी, इस का एक उदाहरण फ्लोरिडा (अमेरिका) के जूपिटर में स्थित स्क्राइप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट में वैज्ञानिकों द्वारा एसआर9009 नामक एक ऐसा तत्त्व विकसित करने से मिलता है जो व्यायाम कराने वाले सारे फायदे दिला सकता है. फिलहाल एसआर9009 का परीक्षण चूहों पर किया गया है. पाया गया है कि इस से चूहों की भोजन पचाने की क्षमता बढ़ गई और वे पहले की तुलना में ज्यादा सक्रिय हो गए.
इसी तरह की एक खोज न्यूयौर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी मैडिकल सैंटर में हुई है, जहां एटीएक्स101 नामक एक सिंथैटिक मौलिक्यूल बनाया गया है जो चेहरे की चरबी कम करते हुए लोगों को डबलचिन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है. शरीर में पहुंचने पर ये मौलेक्यूल त्वचा के नीचे मौजूद वसा को पिघलाने लगते हैं और उस वसा को शरीर में पहुंचा देते हैं ताकि वह ऊर्जा में बदल कर खत्म हो जाए. इंसानों में इस मौलिक्यूल के इस्तेमाल की भी अभी मंजूरी नहीं मिली है.
डीएनए और स्पेस तकनीक का इस्तेमाल
किसी व्यक्ति के चेहरे पर झुर्रियां न आएं और वह हमेशा जवान दिखे इस के लिए विज्ञान भी कोशिशें कर रहा है. अगर व्यक्ति बूढ़ा नहीं होगा, तो उस की सुंदरता भी बरकरार रह सकती है, इसलिए यह कोशिश डीएनए टैस्टिंग के जरिए की जा रही है. आस्ट्रेलिया में एक नए तरह का स्किन डीएनए टैस्ट विकसित किया गया है, जिस में किसी व्यक्ति के मुंह की लार के माध्यम से उस की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है. इस से यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति में किस उम्र में जा कर चेहरे पर झुर्रियां पड़ सकती हैं और उस की त्वचा में कब रंग (पिगमैंटेशन) की समस्याएं बढ़ सकती हैं. इन तथ्यों को जान कर वह समय से इन का इलाज कर सकेगा.
भविष्य में डीएनए टैस्टिंग जैसी आधुनिक तकनीक ही लोगों को सुंदर बनाने में मददगार नहीं होगी बल्कि जिस स्पेस टैक्नोलौजी से अभी उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं और बाहरी अंतरिक्ष में खोजबीन का काम हो रहा है, उसी तकनीक से लोगों को सजीलासुंदर बनाने के प्रयास भी हो रहे हैं. जैसे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा बाह्य अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइट्स से अंतरतारकीय धूल कण (स्टेलर डस्ट पार्टिकल्स) पकड़ने के लिए जिस लिपोफिलिप तकनीक का इस्तेमाल करती है, उसी तकनीक के जरिए, ऐसे अनोखे कंघे बनाए जा रहे हैं जो सिर का मैल खींचते हुए बालों की चमक कायम रख सकते हैं और उन के इस्तेमाल से रूखापन नहीं होता. कुछ सौंदर्य विज्ञानी व्यंग्य में कह रहे हैं कि यह खोज चंद्रमा पर इंसान के कदम पड़ने जितनी क्रांतिकारी नहीं है, लेकिन आम इंसान भी चंद्रमा जितना चमकदार कहां होता है.
मशीन का सहारा ले कर बनें आकर्षक
सुंदरता में चारचांद लगाने का काम ब्यूटी पार्लर में इंसान ही क्यों करे? अच्छा हो कि यह काम मशीनों के हवाले कर दिया जाए जिस से व्यक्ति जब चाहे, मशीन से खुद को सुंदर बनाने का आकलन करवा सके और फिर उस के मुताबिक सुधार करवा सके. इसी नजरिए से सऊदी अरब की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के डेनियल कोहेन और उन की टीम ने एक ब्यूटी मशीन बनाई है, जो किसी व्यक्ति के चेहरे की नापतोल कर के बता सकती है कि उस के चेहरे में क्याक्या सुधार किए जाएं जिस से वह सुंदर दिख सके.
यह मशीन बनाने के लिए कोहेन ने इसराईली और जरमन लोगों के चेहरों का मिलान करते हुए 93 तरह के चेहरे बनाए. इन चेहरों की खूबियों को दर्ज करते हुए आकर्षण के बुनियादी सिद्धांत बनाए गए ताकि बेहतर और सुंदर चेहरों की एक निश्चित पहचान बनाई जा सके. मशीन से चेहरे में किए जाने वाले सुधारों की जानकारी ले कर प्लास्टिक सर्जन वैसे ही बदलाव सर्जरी के माध्यम से कर सकते हैं और कोई भी व्यक्ति सुंदर दिख सकता है.