मुंहासे यानी ऐक्ने 2 प्रकार के होते हैं-नौनइनफ्लैमेटरी यानी जिन में सूजन नहीं आती और इनफ्लैमेटरी यानी जिन में सूजन आ जाती है. व्हाइटहैड और ब्लैकहैड आमतौर पर नौनइनफ्लैमेटरी होते हैं, जबकि पैप्यूल, नोड्यूल्स, सिस्ट आदि इनफ्लैमेटरी होते हैं.
इनफ्लैमेटरी अकसर त्वचा पर निशान छोड़ जाते हैं, क्योंकि इन के कारण त्वचा पर ऐक्स्ट्रा तेल, डैड सैल्स और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जिस से छिद्रों में सूजन आ जाती है और फौलिकल की दीवारें फैल कर टूट जाती हैं.
मुहासों के प्रकार
- हाइपरट्रोफिक निशान यानी गांठ जैसा मोटा निशान.
- बौक्स आकार का निशान यानी चौड़ा निशान जिस के किनारे तीखे हों.
- आइस पिक निशान यानी संकरा, गहरा, गड्ढे जैसा निशान.
- एट्रोपिक निशान यानी चपटा, पतला और दबा हुआ सा निशान.
- रोलिंग निशान यानी चौड़ा, दबा हुआ और संकरे किनारों वाला निशान.
मुंहासों के निशान ठीक करने के घरेलू उपाय
बेसन: बेसन ऐक्सफोलिएशन के लिए बेहतरीन है और त्वचा पर मौजूद दागधब्बों को दूर करता है. 1 बड़ा चम्मच बेसन में गुलाबजल और नीबू का रस मिला कर पेस्ट बना कर चेहरे और गरदन पर लगाएं.
ग्रीन टी: इस्तेमाल किए गए ग्रीन टी बैग को प्रभावित हिस्सों पर रखें. आप इस्तेमाल की गई चायपत्ती का भी फेस पैक बना सकती हैं. इस के अलावा रोजाना ग्रीन टी का सेवन करना भी फायदेमंद रहता है. इस पैक का इस्तेमाल रोज किया जा सकता है.
गुलाबजल: गुलाबजल एक अच्छा मौइश्चराइजर है, यह मुंहासों के टिशूज को सौफ्ट कर उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करता है और त्वचा के दागधब्बे भी हलके करता है. कौटन पैड को गुलाबजल में भिगो कर इस से त्वचा को साफ करें. इसे दिन में 2 बार इस्तेमाल कर सकती हैं.