प्रिया के केश हैल्दी लुक नहीं देते थे. इस पर उस की सहेली नेहा ने सुझाव दिया कि केशों में तेल लगाना अच्छा घरेलू उपाय है. नियमित तौर पर तेल लगाया करो. केश अच्छे हो जाएंगे. प्रिया ने सुझाव मान लिया. लेकिन अब तो उस के केशों की समस्या और बढ़ गई. केश हर समय जकड़े हुए रहते. दरअसल, नेहा ने सुझाव तो दे दिया पर यह नहीं सोचा कि प्रिया के केश पहले से ही औयली हैं.

यह सुझाव प्रिया के लिए और मुश्किल का कारण बन गया. इसलिए यह समझना जरूरी है कि जब हर किसी के केश एक जैसे नहीं होते तो उन की देखभाल के तरीके भी एक जैसे नहीं हो सकते.

अलगअलग किस्म के केशों के लिए अलगअलग उपाय हैं जैसे नौर्मल, कर्ली या वेवी, बहुत हलके केश, औयली या ड्राई सभी केशों की देखभाल उन में होने वाली समस्याओं के अनुसार की जाती है.

पेश हैं, केशों की नियमित देखभाल से संबंधित पीतमपुरा स्थित अंगेजिंग ब्यूटी सैलून के संस्थापक और हेयर स्टाइलिस्ट शरद वधवा द्वारा सुझाए गए विशेष टिप्स –

वेवी या कर्ली हेयर

वेवी या कर्ली केश हों तो रोज शैंपू न कर के एक दिन छोड़ कर करें, क्योंकि ये केश ड्राई होते हैं.

ऐसे केश हार्ड होते हैं, इसलिए सौफ्टनैस लाने के लिए कंडीशनर का प्रयोग जरूर करें.

इन के लिए लंबे दांतों वाली कंघी इस्तेमाल करें ताकि ये आसानी से सुलझ जाएं और टूटें नहीं. जब तक केश गीले हों तब तक उन्हें कंघी न कर के उंगलियों से सुलझाएं.

वेवी हेयर की समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती है, जिस में केश उलझे से लगते हैं. उन्हें सैट करने में परेशानी होती है, इसलिए ऐसे केशों की नियमित देखभाल करनी चाहिए. इस के लिए हेयर वाश के बाद कंडीशनर और सीरम का इस्तेमाल करें. ये केशों के उलझने की समस्या दूर करते हैं.

केशों की ड्राईनैस खत्म करने के लिए आप हफ्ते में 2 बार तेल लगा सकती हैं.

औयली हेयर

औयली हेयर में तेल न लगाएं. घरेलू कंडीशनर के तौर पर हिना का प्रयोग करें.

हिना से केशों की जरूरी नमी भी बरकरार रहती है और केशों से अतिरिक्त औयल भी निकल जाता है.

इन केशों में आप रोज शैंपू कर सकती हैं पर शैंपू माइल्ड ही होना चाहिए. ऐसे केशों में बाहरी कंडीशनर का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उस से केश और ज्यादा औयली हो जाएंगे. केश औयली हों तो पानी ज्यादा पिएं.

हलके व पतले केश

केश बहुत हलके हों तो मस्टर्ड औयल से स्कैल्प पर स्टीम दें. हिना केशों में वौल्यूम लाती है, इसलिए ऐसे केशों के लिए हिना अच्छा कंडीशनर है. वैंट ब्रश का उपयोग करें.

ये केश कमजोर होते हैं, इसलिए माइल्ड शैंपू ही इस्तेमाल करें, क्योंकि हार्ड शैंपू केशों को और कमजोर बना देगा.

हफ्ते में 1 बार औयलिंग अवश्य करें. हेयर मास्क भी लगा सकती हैं.

नौर्मल हेयर

नौर्मल केशों में हफ्ते में 1 बार औयलिंग जरूर करें.

समयसमय पर ट्रिमिंग करवाती रहें. इस से केश शेप में रहेंगे और दोमुंहे भी नहीं होंगे.

नौर्मल हेयर में सौफ्टनैस लाने के लिए कंडीशनर और सीरम का इस्तेमाल करें.

स्कैल्प पर न लगाएं सिर्फ केशों की लैंथ पर ही लगाएं.

ऐसे केशों में कंघी करने के बजाय वैंट ब्रश इस्तेमाल करें.

देखभाल के साथसाथ उन्हें ट्रैंडी लुक देने के लिए निम्न उपाय हो सकते हैं-

हेयर कलर : मार्केट में हेयर कलर की काफी वैरायटी है. ज्यादातर महिलाएं हाइलाइट करवाना पसंद करती हैं, जिन में से कुछ डीसैंट हैं तो कुछ बोल्ड. आजकल हेयर कलर में ब्लौंड कलर काफी लोकप्रिय है. इस में भी काफी वैरायटी है, जैसे गोल्ड, कौपर, स्ट्राबैरी. रैड कलर की भी डिमांड है. ध्यान रहे, कमजोर केशों पर हेयर कलर नहीं करवाना चाहिए और अपने केशों का टैक्स्चर जांच लें कि हेयर कलर आप के लिए सूटेबल है या नहीं.

कूल हेयर कट : हेयर कट आप का पूरा लुक बदल देता है, इसलिए हेयर कट केशों को स्टाइल करने का सब से अच्छा उपाय है. लेकिन इस का चुनाव ध्यान से करें.

टैक्स्चर के हिसाब से : अगर हेयर वेवी हों तो लेयरस या स्टैप कट अच्छा लगता है और हेयर अगर नौर्मल या स्ट्रेट हों तो रेजर या ऐडवांस रेजर सूट करेगा.

फेस कट के हिसाब से : जहां ओवल शेप पर कोई भी हेयर कट अच्छा लग सकता है, वहीं फेस हैवी हो तो स्ट्रेट कट के बजाय बाउंसी हेयर कट करवाना चाहिए.

न्यू लुक : केश चाहे नौर्मल हों या वेवी, उन्हें प्रौपर स्टे्रट लुक देने के लिए रिबौडिंग काफी ट्रैंड में है. इस से केशों में सौफ्टनैस, चमक और प्रौपर स्टे्रट लुक आता है. केश बिलकुल नहीं उलझते और एकदम सलीकेदार हो जाते हैं.

स्टे्रट थेरैपी : यह थेरैपी रिबौडिंग का ऐडवांस रूप है. इस में रिबौडिंग की तुलना में ज्यादा अच्छा लुक आता है और केश स्टे्रट व ज्यादा सौफ्ट हो जाते हैं.

स्ट्रेट थेरैपी कितनी सेफ

यह थेरैपी सेफ है. इस ट्रीटमैंट को लेने से पहले यह ध्यान रहे कि आप के केश बहुत हलके या पतले न हों.

आप के केशों का टैक्स्चर अच्छा होना चाहिए. अगर आप के केशों का टैक्स्चर अच्छा हो तो इसे न करवाएं या पहले सही देखभाल से केशों को मजबूत बनाएं.

जिस कंपनी के प्रोडक्ट्स से आप यह ट्रीटमैंट ले रही हैं, बाद में भी उसी के प्रोडक्ट मसलन शैंपू, कंडीशनर, सीरम का ही इस्तेमाल करें और औयलिंग करनी हो तो महीने में 1 बार और सिर्फ कौटन से ही स्कैल्प पर तेल लगाएं. मसाज न करें. केशों में महीने में 1 बार स्पा जरूर लें. इस थेरैपी से आया न्यू लुक लगभग डेढ़ से 2 साल तक रहता है. उस के बाद केश फिर से पहले जैसे टैक्स्चर में आ जाते हैं. तब इसे फिर से ले सकती हैं.

हेयर स्पा : केशों में यदि डैंड्रफ हो तो हेयर स्पा अच्छा उपाय है. इस से केशों में मसाज कर के थेरैपी दी जाती है. इस से केशों में चमक और मजबूती आती है. अगर कलर या स्ट्रेट थेरैपी ली हो तो हेयर स्पा नियमित रूप से लेना अच्छा रहता है.

डीप कंडीशनिंग : हेयर ब्रेकेज की समस्या हो तो डीप कंडीशनिंग अच्छा ट्रीटमैंट है. इस से केशों में मसाज और स्टीम से जड़ों को नरिश किया जाता है.

व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने में केशों का बहुत योगदान होता है. अगर चेहरा सुंदर भी है पर केश अनहैल्दी हैं तो आप का रंगरूप फीका ही रहेगा. वहीं अगर चेहरा ज्यादा सुंदर न हो, मगर केश दमकते हों तब भी आप के व्यक्तित्व में निखार आ जाएगा. आप स्मार्ट लगेंगी. दमकते और हैल्दी केश कौंफीडैंट बनाते हैं. केश सलीकेदार होंगे तो आप फ्रैश फील करेंगी. चिपके, जकड़े, अनहैल्दी और कमजोर केश इरिटेशन पैदा करते हैं. इसलिए इन की नियमित देखभाल  करना बहुत जरूरी है

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