मौनसून में बालों के बारबार पानी से भीगने पर उन का चिपचिपा होना, उलझना, झड़ना आदि समस्याएं आम हो जाती हैं. वैसे तो यह सीजन सभी किस्म के बालों के लिए समस्याएं ले कर आता है, मगर औयली बालों में समस्याएं कहीं अधिक होती हैं. औयली हेयर वातावरण की गंदगी, प्रदूषण को आसानी से आकर्षित करते हैं. इन्हीं कारणों से वे झड़ने लगते हैं. इस बारे में हेयर ऐक्सपर्ट कांता मोटवानी कहती हैं कि बारिश के मौसम में बाल अकसर भीग जाते हैं. बारिश का प्रदूषण और ऐसिड मिला पानी बालों को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जहां तक हो सके बारिश में भीगने के बाद तुरंत बालों को साफ पानी से धो कर सुखा लें. इस से उन्हें कम नुकसान होगा.

इस मौसम में किसी भी किस्म के हेयर जैल और हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें. इस समय कैमिकल फ्री हेयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग उपयुक्त रहता है. नियमित कंडीशनिंग और शैंपू से सिर की त्वचा से अतिरिक्त तेल निकल जाता है, जिस से बाल ड्राई हो कर झड़ने लगते हैं.

हेयर स्टाइलिस्ट असगर साबू कहते हैं कि स्वस्थ बाल पाने के लिए पुराने समय के हेयर रूटीन को छोड़ कर नए रूटीन को फौलो करें, जो इस तरह है:

- अगर आप रोज शैंपू करती हैं, तो माइल्ड शैंपू का प्रयोग करें. लेकिन बारबार शैंपू करने से बालों का प्राकृतिक तेल बाहर निकल जाता है. जिस से डैंड्रफ होने का खतरा रहता है. लेकिन बारिश की वजह से बाल गीले और चिपचिपे हो जाते हैं, इसलिए सप्ताह में 2-3 दिन शैंपू जड़ों में लगाएं.

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