आज बाजार में हेयर केयर से जुड़े तमाम तरह के औयल और शैंपू मौजूद है. बहुत सारे प्रोडक्ट्स ऐसे होते  हैं जो बालों की ऊपर से देखभाल करते हैं. उनको कुछ समय  के लिए काले और चमकदार बना देते हैं. जिससे वह हेल्दी नजर आने लगते हैं. इनमें से जो प्रोडक्ट्स केमिकल बेस्ड बने होते हैं उनका खराब प्रभाव कुछ दिनों के बाद बालों और स्कैल्प को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. बाल रूखे और बेजान नजर आने लगते हैं. बहुत सारे लोग अब हेयर केयर के लिए घरेलू उपाय करना लोग बेहतर समझने लगे हैं. इसके साथ ही साथ सतरीठा ओर शिकाकाई से बने प्रोडक्ट्स शैंपू और हेयर औयल ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं. इनके उपयोग को समझना जरूरी है.

सतरीठा का प्रयोग बालों को धोने में किया जाता  है. इस कारण इसको शैंपू के रूप में ज्यादा प्रयोग किया जाता है. सतरीठा का एक पेड़ होता है. सतरीठा के पेड़ पर गर्मियों में फूल आते हैं. जोकि आकार में बहुत छोटे हैं. इनका रंग हल्का हरा होता है. सतरीठा का फल जुलाई और अगस्त तक आ जाता है जोकि नवंबर और दिसंबर तक पकता है. इस फल को लोग मार्केट में बेच देते हैं. सुखाया गया फल शैंपू, डिटर्जैंट या फिर हाथ धोने वाले साबुन के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसके प्रयोग से बालों को मजबूत बनाने, चमकदार और घना बनाने में किया जाता है.

सतरीठा से औयल भी निकलता है. इसका प्रयोग को शैंपू में एक खास तत्व के रूप में किया जाता है. यह बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. अगर बालों में जुंएं हैं तो सतरीठा के प्रयोग से जुंएं एक दम खत्म हो जाएंगे. सूखे सतरीठा को पेस्ट के रूप में प्रयोग करने के लिए उसमें 1 अंडा, 1 चम्मच आमला पाउडर, सूखा रीठा और शिकाकाई पाउडर मिलाइए. इसे सिर की त्वचा पर मसाज करें और 30 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर किसी हलके शैंपू से सिर को धोएं. 2 माह तक सप्ताह में 2 बार ऐसा करने से बाल झड़ना कम हो जाएंगे. सतरीठा का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि यह आंखों से दूर रहे.

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