फैशन के इस दौर में महिलाएं अपनी ड्रैस के साथसाथ केशों पर भी ऐक्सपैरिमैंट कर रही हैं. कभी अपने केशों को कर्ली करवाती हैं, तो कभी स्ट्रेट. इन दिनों स्ट्रेट केशों का फैशन है. आइए, जानते हैं कि किस तरह केशों की स्ट्रेटनिंग करवाएं.
केशों के प्रकार को समझें: केशों का ट्रीटमैंट करने से पहले यह जानना जरूरी है कि उन का टैक्सचर कैसा है, वे मोटे हैं या पतले. केशों में वेव कैसा है, नौर्मल है, कर्ली है या वैरी कर्ली. केशों में कुदरती नमी कितनी है. जिन केशों में कुदरती नमी कम होती है वे कमजोर होते हैं. उन पर स्ट्रेटनिंग करते समय हाथ जल्दीजल्दी चलाएं, क्योंकि उन पर जल्दी असर होता है.
क्रीम के चुनाव का तरीका: क्रीम का चुनाव केशों के टैक्सचर के अनुसार करें. जैसे यदि केश नौर्मल हैं और ज्यादा कर्ली नहीं हैं, तो उन पर नौर्मल क्रीम लगाएं और अगर केश बहुत ज्यादा फ्रिंजी और कर्ली हैं, तो रिजिस्टैंट लगाएं.
हेयर स्ट्रेटनिंग के फायदे
- लुक में चेंज आता है.
- केशों में शाइनिंग आती है.
- केशों का टैक्सचर अच्छा हो जाता है.
- केश 1 साल से ज्यादा समय तक सुलझे व खूबसूरत बने रहते हैं.
- डल और फ्रिंजी हेयर बिलकुल स्मूद हो जाते हैं.
स्ट्रेटनिंग का तरीका
- स्ट्रेटनिंग करने के लिए सब से पहले केशों को औप्टीकेयर शैंपू से धोएं. इस के बाद उन्हें तौलिए से अच्छी तरह सुखा लें.
- अब केशों को 4 भागों में बांट कर हर भाग पर स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाएं. एक ही बार में क्रीम न निकाल कर थोड़ीथोड़ी मात्रा में निकालें.
- ब्रश से क्रीम थोड़ीथोड़ी केशों में लगाएं और फिर उंगलियों से ऊपर से नीचे की तरफ मिक्स करें.