लौकडाउन के दौरान घर का काम करते हुए हाथों और पैरों का इस्तेमाल सब से ज्यादा होता है. आजकल हमें ऐसे कई तरह के काम करने पड़ रहे हैं जो हाथों की त्वचा को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं. जैसे कपड़े धोते समय तरहतरह के डिटर्जेंट का उपयोग करना पड़ता है. उन में केमिकल्स कंपोनेंट काफी हाई होता है. यही नहीं कपड़े धोते समय कभी गर्म तो कभी ठंडे पानी का इस्तेमाल होता है. यह सब हमारे हाथों के लिए काफी परेशानी पैदा करते हैं. त्वचा पर रैशेज या फिर इरिटेशन हो जाती है.
इसी तरह बर्तन धोते समय भी हम कई बार जूना, हार्ड स्पंज वाले स्क्रबर या ब्रश का प्रयोग करते हैं. बर्तन की सफाई के लिए लिक्विड सोप या गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं. इस से नाखूनों के साथसाथ हथेलियों की आगे और पीछे की त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
झाड़ूपोछा लगाते समय भी कई मसल्स ऐसे होते हैं जिन पर खास जोर पड़ता है. कुछ खास मूवमेंट्स ऐसे होते हैं जिन से हाथों की पर त्वचा ज्यादा प्रभावित हो सकती है. सब्जियां काटते समय जैसे, मूली कद्दूकस करने के बाद कुछ लोगों को हाथों में इरिटेशन जलन या खुजली की समस्या हो सकती है. इसी तरह किसी को प्याज काटने से तो किसी को करैला या कटहल काटने से भी प्रॉब्लम होती है.
यही नहीं इस कोरोना काल में बारबार साबुन या हैंड वाश से हाथ धोने के कारण भी हाथों की त्वचा रूखी व मुरझाई हुई महसूस होने लगती है. दरअसल साबुन और पानी मिल कर गंदगी और कीटाणु तो भगा देते हैं लेकिन स्किन के प्राकृतिक तेलों को भी अपने साथ ही ले जाते हैं. जिस की वजह से ये रूखे हो जाते हैं.