जैसेजैसे लङके और लडकियां किशोरावस्था में पहोचते है उन में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिलते हैं जिसे प्यूबर्टी के नाम से जाना जाता है. सही शब्दों में प्यूबर्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिस में एक बच्चे के प्रजननीय अंग पूर्ण रूप से विकसित हो जाते हैं और वह प्रजनन के काबिल हो जाता है. आमतौर पर लड़कियों में प्यूबर्टी की शुरुआत 8 से 13 साल की उम्र में होती है.

लड़कियों में इस वक्त महत्त्वपूर्ण बदलाव आते हैं जो लंबे समय तक उन के साथ रहते हैं. जैसे :

ब्रैस्ट का बढ़ना : लड़कियों में प्यूबर्टी शुरू होते ही सब से पहले ब्रैस्ट का विकास शुरू होता है. शरीर
के बाकी अंगो के साथसाथ ब्रैस्ट भी बढ़ती है. कई बार दोनों ब्रैस्ट के साइज में फर्क होता है जोकि आम बात है। और कई बार संपूर्ण ब्रैस्ट के साइज में फर्क होता है जैसे या तो साइज बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है या फिर बहुत ही कम रह जाता है जोकि डाइट और कभीकभी जीन्स पर भी निर्भर करता है.

बगल और निजी अंगों पर बालों का आना : प्यूबर्टी के हिट करते ही लङके और लङकियों में सब से पहले निजी अंगों पर बाल आना शामिल होते हैं. लड़कियों के हाथों की बगलों और जैनेटाइल में बाल आने लगते हैं. ये बाल अकसर इरीटेशन और शारीरिक स्मैल की वजह बनते है. आजकल लङकियां इन्हें परमानैंट हटाने के लिए कई तरह के ट्रीटमैंट ले रही हैं।

मासिक धर्म की शुरुआत : प्यूबर्टी के वक्त लड़कियों में होने वाला सब से बङा बदलाव मासिक धर्म की शुरुआत है. यह इस बात का संकेत है कि लड़की अब जन्म देने के काबिल है.

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