सुंदर दिखना हर महिला का अधिकार है और इसे मेकअप के द्वारा बहुत हद तक अच्छा बनाया भी जा सकता है, ऐसे में सही मेकअप की जानकारी का होना बहुत जरुरी है. कुछ ऐसी ही सोच रखती हैं मुंबई की ‘मेकअप एकादमी’ की ओनर नताशा ढोडी, जिन्होंने बहुतों को मेकअप के बारें में शिक्षा देकर उन्हें स्थापित किया है. विनम्र और हंसमुख नताशा को बचपन से इस क्षेत्र में जाने की इच्छा थी ,क्योंकि उसकी मां भी इसी क्षेत्र से हैं और पंजाब के लुधियाना में एकेडेमी खोल चुकी हैं. नताशा फैशन फोटोग्राफी मेकअप, ब्राइडल मेकअप, प्रोस्थेटिक मेकअप आदि सिखाती हैं, जिसमें क्रिएटिविटी की बहुत जरुरत होती है. ‘नताशा एकेडेमी’ के उद्घाटन पर उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.

आप को इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

असल में मैं पंजाब के लुधियाना से हूं. जब मैं छोटी थी, तो मैंने मां इन्द्रा अहलुवालिया की ‘ग्रेस सैलून’ और कई मेकअप एकादमी को देखा है. वहीं से मेरी इच्छा इस क्षेत्र में जाने की हुई, क्योंकि बचपन से वही माहौल देखा है, लेकिन मेरी मां बहुत स्ट्रिक्ट थी और उन्होंने मुझे पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी.  जब मैं 16 साल की हुई और अपनी पढ़ाई पूरी की. फिर मैंने इस क्षेत्र में प्रशिक्षण लेना शुरू किया और इसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा. 18 से 20 साल की उम्र में मैंने सेमीनार लेना शुरू कर दिया था. हजारों को सिखा रही थी. मैंने मेकअप, हेयर, नेल्स आदि सभी के बारें प्रशिक्षण देश और विदेश से लिया है. मेरी मां मेरी प्रेरणास्त्रोत हैं.

आपकी खासियत क्या है और नए मेकअप के प्रोडक्ट की जांच कैसे करती है?

मेकअप मेरा पैशन है इसलिए मैंने उसी में अधिक ट्रेनिंग ली है. ये अनुभव से पता चलता है कि कौन सी प्रोडक्ट मेकअप के लिए सही है. हमारे वैनिटी में कई सारे ब्यूटी प्रोडक्ट होते हैं,लेकिन कई बार नयी उत्पाद लाने के बाद उसका प्रयोग सही नहीं होता, ऐसे में मेरा ये दायित्व होता है कि हम सही ब्यूटी प्रोडक्ट की जानकारी हमारे ग्राहकों को दें और ऐसा हम समय-समय पर करते रहते हैं.

इस क्षेत्र की चुनौतियां क्या हैं?

इसमें मुश्किल अधिक नहीं आती, लेकिन अगर किसी को ‘टैनट्रम’ है और शूट करना है, तो समस्या आती है. आजकल सबसे अधिक टीनेजर्स यहां सीखने आते है. उन्हें बहुत अधिक क्रेज होता है. खासकर लड़कियों की संख्या अधिक होती है,पर लड़के भी इस क्षेत्र में कम नहीं है.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में आपकी सोच क्या हैं?

हर महिला को अपने परिवार संभालने के साथ-साथ अपनी पसंद के काम भी करते रहना चाहिए और आगे बढ़ने की दिशा में अपनी सोच को बनाये रखना चाहिए.

मेकअप किसी व्यक्ति की सुंदरता को कितना अधिक बढ़ाती है?

प्रकृति ने सभी को सुंदर बनाया है, लेकिन हमारे चेहरे पर कुछ ऐसे दाग या धब्बे हैं, जो इसकी सुन्दरता को कम करती है, ऐसे में मेकअप के द्वारा आप इसे छिपा सकती हैं और सुंदर लग सकते हैं.

मां से आपने क्या सीख ली है और इतने सालों में आपने मेकअप के क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन देखती हैं?

मैंने अपनी मां से हमेशा नयी चीज सीखने की प्रेरणा ली है. वह 30 साल से भी अधिक इस क्षेत्र में हैं, अभी भी सीखती हैं. वही मुझे काफी अच्छा लगता है. पहले मेकअप फैशन के लिहाज से प्रयोग होता था, पर आज मेकअप सभी पसंद करते हैं. मेकअप जगह और जलवायु के हिसाब से भी बदलता है. मुंबई में न्यूड मेकअप अधिक चलता है ,जो बौलीवुड से प्रेरित है.  पंजाब और नार्थ में ब्राइडल मेकअप का अधिक प्रचलन है. पहले वहां अधिकतर लाउड मेकअप पसंद करते थे, जिसमें गहरे रंग के लिपस्टिक या ग्लिटर को अधिक पसंद किया जाता था. अभी ग्लोबल फैशन का मार्केट है. जिसमें जगह का खास प्रभाव नहीं होता.

काम के साथ-साथ परिवार की देखभाल कैसे करती हैं?

ये कोई मुश्किल नहीं, जब बच्चे छोटे थे तो बीच में मैंने ब्रेक लिया था, अब वे बड़े हो चुके है और मैंने फिर से अपना काम शुरू कर दिया है. इसमें मेरे पति प्रभजोत ढोडी जो एक उद्योगपति हैं, उनका बहुत सहयोग होता है. मेरी रूटीन के साथ वे सामंजस्य कर लेते हैं, उन्होंने मुझे अपना काम बढ़ाने के लिए बहुत उत्साह दिया है. मेरे दो बेटे भी मेरे काम से बहुत खुश होते हैं. समय मिलता है, तो परिवार के साथ रहना पसंद करती हूं.

बिना मेकअप के कौन सी बौलीवुड अभिनेत्री आपको पसंद है?

दीपिका पादुकोण.

 आगे की योजनाएं क्या हैं?

मैं कई और अकादमी मुंबई और देश के बाकी शहरों में खोलना चाहती हूं, ताकि यहां से प्रशिक्षित व्यक्ति एक अलग लेवल पर पहुंचे.

 इस क्षेत्र में जौब औपर्चुनिटी कितनी है?

इसमें बहुत आप्शन है, मसलन ब्यूटी ब्लौैगर, राइटर, रिटेलर आदि सब बन सकते हैं, क्योंकि यहां किसी प्रोडक्ट के टेक्सचर, बनाने के तरीके उसका प्रभाव आदि सबकुछ विस्तार से सिखाया जाता है. यहां थ्योरी बहुत स्ट्रोंग है.

मेकअप मिस्टेक्स क्या-क्या हैं?

  • आजकल बहुत सारे यूट्यूब चैनल्स आ गए है, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन वे इसे अपने चेहरे को बिना जाने कौपी कर लेते हैं, जिससे सही मेकअप नहीं होता,
  • लोगों को अपना पर्सनल स्टाइल को देखकर ही मेकअप करना चाहिए,
  • इसे करने के लिए क्रिएटिविटी का होना जरुरी है.
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