रंगो के त्यौहार होली फेस्टिवल खेलने के ख्याल के साथ ही सभी को हार्ड केमिकल युक्त रंगों को हटाने के तरीकों के बारे में चिंता अधिक सताने लगती है, और होली के एक्ससिटेमेंट कई लोगो के लिए फीकी पड़ जाती है. हालांकि इस साल सभी होली खेलने को लेकर अधिक सतर्क हैं लेकिन फिर भी लोग अपने परिवार के लोगो के साथ या फिर अपने बेहद ख़ास मित्रों के साथ होली मिलान का कार्यक्रम बना रहे हैं और  अपने निकट और प्रियजनों के साथ होली खेलने के लिए तैयार हैं.

आजकल होली खेलने और होली के रंग उतारने के लिए लोगो के पास बहुत से विकल्प मौजूद हैं, जैसे की  नेचुरल, इको-फ्रेंडली, होममेड और अरोमाथैरेपी आधारित रंगों और स्किन और  बालों से रंग छुटाने के लिए भी कई नेचुरल विकल्प मौजूद है. ऐसे में सिल्वर लाइन सलोन एंड मेकओवर्स की सौंदर्य एक्सपर्ट पूर्णिमा गोयल, ऐसे ही कुछ विकल्प इस्तेमाल करने के तरीके बता रही हैं, आईये जाने की कैसे आप थोड़े ही बदलाव और सावधानियों के साथ होली मिलन की अपनी स्पिरिट को दुगना कर सकते हैं और अपनी स्किन और बालों की सुरक्षा सकते हैं.

स्किन पर होली के रंग का प्रभाव

जैसा की सभी जानते हैं की रसायन युक्त रंग स्किन और बालों पर बुरी तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे स्किन और बालों पर एक रासायनिक परत चढ़ जाती है.  और इस समस्या के चलते स्किन और स्कैल्प  संवेदनशील हो  सकती है और साथ ही  खुजली, चकत्ते आदि की समस्या भी हो सकती है. बेहद संवेदनशील और डिहाइड्रेट स्किन वाले लोग या थायराइड या पायरोसिस जैसी समस्या से जूझ रहे है अथवा किसी भी तरह के हार्मोनल असंतुलन से परेशान लोगो को  होली खेलने से बचना चाहिए . यदि फिर भी, उन्हें खेलने का मन है तो वो  रंगो के विपरीत असर को दूर करने के लिए अपने स्नान के पानी में टी ट्री  या लैवेंडर के तेल की बूंदों को मिला सकते हैं.

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