फैशन में केवल वस्त्र ही नहीं, बल्कि उस की तकनीक, उस के लुक को भी आज के दौर में हर बार नए रूप में लाने की कोशिश की जाती है. ऐसा ही दिखा इस बार के ‘लैक्मे फैशन वीक विंटर फैस्टिव’ में. 92 डिजाइनरों ने अपने खास अंदाज में अपनी पोशाकें रैंप पर पेश कीं. आने वाले उत्सव और वैडिंग सीजन को ध्यान में रखते हुए वैसे ही कपड़े लहंगा चोली, साड़ियां, पार्टी ड्रेसेज आदि को उतारा गया.

आधुनिक लुक

डिजाइनर अनुराधा कहती हैं, ‘‘आसाम के पहनावे ‘मेखला चादोर’ को तो कोई पहनता ही नहीं है. ऐसे में मुझे कुछ और क्रिएट करना था. इसलिए साड़ी के बारे में सोचा. आसाम के म्यूजियम से मैं ने पुराने आर्ट को ले कर नया रूप दिया है. इस में प्रयोग किए जाने वाले रंग सौ प्रतिशत नैचुरल हैं. धागा भी नैचुरल सिल्क का है.

मैं ने बचपन से इसे सीखा है. मैं और मेरी मां दोनों ही इसे बनाना जानती हैं. 45 दिनों में एक साड़ी बनती है. इस फैशन शो के द्वारा इस कला को आगे बढ़ने में यकीनन मदद मिलेगी.’’

ब्राइडल कलैक्शन में पायल सिंघल, सोनम ऐंड पारस मोदी, अनुश्री रेड्डी, रिद्धि मेहरा आदि सभी ने तरहतरह की पोशाकें रैंप पर उतारीं जिन में कढ़ाई के साथसाथ आधुनिक लुक को भी अधिक महत्त्व दिया गया.

उम्दा और खास

डिजाइनर मनीष मल्होत्रा का फैशन बेहद उम्दा और सैलिब्रिटी के साथ होता है. लेकिन इस बार उन्होंने नए चेहरे रैंप पर उतारे ताकि खास के अलावा आम महिलाएं भी उन के वस्त्रों को पहनें.

डिजाइनर वैंडिल रोड्रिक ने अपने अनूठे कलैक्शन ‘ट्रैपिजोइड’ के साथ रैंप पर जलवा बिखेरा तो अनाविला मिश्र ने साड़ी जिसे आज की महिलाएं कम पहनती हैं, उसे अलग अंदाज में पेश किया. इस फैशन वीक में अधिकतर डिजाइनरों ने वैल्वेट, सिल्क, टसर आदि फैब्रिक के ऊपर कढ़ाई का प्रयोग कर नया लुक देने की कोशिश की है.

अलग अंदाज में करीना

ग्रैंड फिनाले के दिन डिजाइनर सब्यसाची के परिधान पर करीना कपूर खान ने बेबी बंप के साथ ग्लैमरस लुक में रैंप पर वाक किया. ट्रैडिशनल औलिव ग्रीन कपड़ों में वे बेहद खूबसूरत दिखीं. करीना कहती हैं कि मां बनना उन के लिए गर्व की बात है. इसे वे सब के साथ शेयर करना पसंद करती हैं.

नए रंग में हैंडलूम

डिजाइनर अदिति होलानी चंडोक कहती हैं, ‘‘मेरे साथ 150 महिलाएं काम करती हैं. मेरे कलैक्शन का नाम ‘आगोर’ है. इस का अर्थ है कि ऐसी पोशाकें सब से अलग हैं. इसे अभिनेत्री सारा जेन डायस ने बड़ी ही खूबसूरती से पहना. आसाम के लोग जिस कारीगरी को जानते हैं उसे मैं ने नए रूप में लाने की कोशिश की है. कंटैंपररी और इस का एजी लुक सब को अच्छा लगता है. जब हम हैंडलूम के बारे में सोचते हैं, तो बहुत बोरिंग और बेजान कपड़ों की बात सामने आती है. मैं ने उस बाउंड्री से हट कर नया और ग्लैमरस लुक देने की कोशिश की है, जो सब को अच्छा लगा.’’

सारा कहती हैं, ‘‘हैंडलूम का इतना अच्छा लुक मैं ने कभी नहीं देखा और मैं खुश हूं कि मुझे ऐसी पोशाक पहनने का मौका मिला. मुझे आसाम का कल्चर बहुत पसंद है. इसे बनाने में महिलाओं को सालों लगते हैं. मैं उन की पोशाक पहन कर उन के भावों को पूरी दुनिया में फैलाना चाहती हूं.’’

इन के अलावा गौरांग का ‘वृंदावन’ थीम का कलैक्शन भी आकर्षक था. यह चमक और ग्लैमर के साथसाथ दूल्हा-दुल्हन के लिए परफैक्ट पहनावा है. इस में सफेद, गोल्ड, ब्लू, यलो और ग्रीन रंग के कपड़ों के ग्लैमरस घाघरे, पारंपरिक साडि़यां, स्टाइलिश कुरते, दुपट्टे, चोलियां आदि सभी मन मोह रहे थे.

ब्राइडल कलैक्शन

लैक्मे फैशन वीक का इस बार का थीम ‘इल्युमिनेट’ था, जिसे लैक्मे के मेकअप और ब्राइडल कपड़ों के साथ पायल खंडवाला ने रैंप पर उतारा. हालांकि जितनी उम्मीद इस शो से थी उतना कुछ भी इस में देखने को नहीं मिला. आधुनिकता के नाम पर फीका मेकअप परिधान को नीरस बना रहा था. उम्मीद है लैक्मे अगली बार इस पर ध्यान देगा. इस के अलावा डिजाइनर शांतनु और निखिल ने ब्राइडल कलैक्शन में पुरुष और महिला दोनों के परिधानों को अलगअलग व अद्भुत ढंग से पेश किया. डिजाइनर शांतनु कहते हैं, ‘‘मैं अधिक यात्रा करता हूं. उसी से प्रेरित हो कर मैं ने पुरुषों के लिए ‘म्युटिनी ऐक्ट’ को थीम बनाया. उस समय कैसा लिबास पुरुष पहनते थे उसी को नए रूप में लाया. हर कलैक्शन में स्ट्रैंथ, आत्मविश्वास, खूबसूरती सभी को दिखाने की कोशिश की गई है. जबकि महिलाओं के लिए थीम स्पेन का था. पुरुषों के शो स्टौपर रितेश देशमुख थे जबकि महिलाओं के लिए मलाइका अरोड़ा ने शो की अगुआई की.’’

सितारों का रैंपवाक

मलाइका का कहना था कि इस शो का हिस्सा बन कर वे बहुत खुश हैं. पुरुषों का ऐसा फैशन शो उन्होंने अभी तक नहीं देखा था. जिसे शांतनु और निखिल ने इतना खूबसूरत बनाया. वे कहती हैं कि वे कभी ट्रैंड फोलो नहीं करतीं, जो अच्छा लगता है उसे पहनती हैं.

डिजाइनर निखिल बताते हैं कि यात्रा करने के बाद उन्हें वहां के लोगों ने अधिक प्रभावित किया. लोग पुरुषों के लिए अधिक कपड़े नहीं बनाते. इन कपड़ों को पुरुष किसी भी अवसर पर पहन सकते हैं.

अभिनेता रितेश कहते हैं कि वे कभी ट्रैंड नहीं बनाते. निखिल और शांतनु के बनाए कपड़ों को पहन कर वे खुश हो जाते हैं. स्टाइल से अधिक कंफर्ट की उन्हें आवश्यकता होती है.

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