महिलाएं आज प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं चाहे वो ज्ञान हो, विज्ञान हो या फिर कला, आज उनका कोई सानी नहीं है. कहते हैं कुदरत ने स्त्री को स्वंय को मांझने की अदभुत प्रतिभा दी है, तभी आज वह अपने लिए नित नए-नए आयाम खोज रही है. ऐसी ही नैसर्गिक प्रतिभा का एक उदाहरण हैं  ‘अभिमन्यु सीमा सिंह’, जिन्होंने अपनी मेहनत से फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर लिया है. ऐसा मुकाम जिसके पीछे उनका व उनके परिवार का कठिन परिश्रम साफ दिखाई देता है.

वैसे तो अभिमन्यु सीमा सिंह के पन्द्रह वर्षों के करियर में कई उपलब्धियां रहीं हैं पर हाल ही में उनकी सफलता में एक और आयाम जुड़ गया है-मिसेज़ इंडिया अर्थ 2017 का अवार्ड. सीमा ने हाल ही में दिल्ली के महिला प्रेस क्लब में देश भर के पत्रकारों के सामने अपनी सफलता की कहानी और उसे पाने के दौरान आई कठिनाईयों की कहानी साझी की. ये एक कहानी है जो महिलाओं को प्रेरणा देती है कि अगर जज्बा है तो कोई भी कठिनाई आपको रोक नहीं सकती.

सीमा का बचपन से एक ही सपना था कि जिंदगी में अपना एक मुकाम हासिल करना. वे अपने लिए विशेष नाम कमाना चाहती थीं, लेकिन अपने बलबूते पर. यहां एक बात दीगर है कि सीमा राजनैतिक परिवार से संबंध रखती हैं पर उन्होंने कभी इस रूतबे को भुनाने की कोशिश नहीं की. परिवार की इच्छा थी कि वे फैशन डिजाइनिंग न लेकर पालिटिकल साइंस पढ़ें, सो सीमा ने न केवल इस विषय में मास्टर्स किया, बल्कि कुछ समय तक पढ़ाया भी. परिवार के माहौल के असर ने सीमा को समाज सेवा की ओर अग्रसर किया. उन्होंने एक स्कूल भी खोला जहां गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती थी.

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