उमेशजी अपनी बीवी के साथ ब्यूटी प्रोडक्ट्स की दुकान में गए. उन की बीवी ने कुछ सामान खरीदा. फिर काउंटर पर पैसे जमा करने पहुंचीं तो काउंटर पर बैठी सेल्स गर्ल ने उमेशजी की तरफ देखते हुए उन की बीवी नेहा से कहा कि उस के पास ऐसी क्रीम है जो आप के पति के चेहरे के गहरे रंग और झांइयों को पूरी तरह साफ कर देगी. नेहा ने उस क्रीम के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद जब पति से कहा कि यह क्रीम लगाने से आप के चेहरे का रंग साफ हो जाएगा और चमक भी आ जाएगी, तो 50 साल के उमेशजी ने मुंह बिचकाते हुए कहा कि फालतू पैसा मत खर्च करो. तर्क दिया कि अगर मर्द की जेब रुपयों से भरी हो तभी उस का चेहरा चमकता है. पर्स में रुपए न हों तो कितनी भी महंगी क्रीमें लगा ले मर्द का चेहरा चमक ही नहीं सकता. अब तक गोरेपन और चेहरे की चमक को ले कर ज्यादातर मर्दों की यही सोच होती थी. इसलिए चेहरे के गोरेपन और चमक आदि को ले कर मर्द लापरवाह बने रहते थे. राजेश खन्ना की फिल्म ‘रोटी’ में फिल्म के हीरो राजेश खन्ना और हीरोइन मुमताज पर एक गीत फिल्माया गया था, जिस में हीरो, ‘गोरे रंग पे न इतना गुमान कर, गोरा रंग 2 दिन में ढल जाएगा…’ गीत गाते हुए गोरीचिट्टी खूबसूरत हीरोइन को ज्यादा न इतराने की नसीहत देता है. मगर आज वही मर्द खुद गोरापन पाने के लिए लड़कियों से प्रतिस्पर्धा करने लगा है और बड़े ही गर्व से कहता है कि मर्दों वाली फेयरनैस क्रीम लगाओ लड़कियों वाली नहीं.

बदल चुका है जमाना और सोच

आज बाजारों में मर्दों को गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीमों की भरमार है. सुपरस्टार शाहरुख खान, शाहिद कपूर, जौन अब्राहम, इमरान खान सहित क्रिकेटर विराट कोहली और युवराज सिंह तक कई सैलिब्रिटीज मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमों को बढ़ावा देने का प्रचार कर रहे हैं. कई साल पहले शाहरुख खान ने एक कंपनी की क्रीम के विज्ञापन में एक सांवले से लड़के को डांटते हुए सलाह दी थी कि मर्द हो कर लड़कियों वाली क्रीम लगाते हो. मर्दों की फेयरनैस क्रीम लगाओ. हिंदी फिल्मों में विलेन और कैरेक्टर रोल करने वाले पटना के पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि अब मर्द भी लड़कियों की तरह सुंदर और गोरा बनना चाहते हैं. भीड़ से अलग दिखने के लिए वे भी बढ़चढ़ कर गोरापन बढ़ाने वाली क्रीमों का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसीलिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां मर्दों को गोरा बनाने का दावा करने वाली नित नई क्रीमें बाजार में उतार रही हैं. इस से मर्दों में भी चेहरे को निखारने की चाहत तेजी से बढ़ रही है.

फ्लिपकार्ट में काम करने वाले कंप्यूटर इंजीनियर ऋषभ सिन्हा का मानना है कि अपोजिट सैक्स को लुभाने के लिए जैंट्स भी अब खुल कर सुंदर और गोरा बनाने वाली क्रीमों का उपयोग करने लगे हैं. कुछ साल पहले तक यही सोचा जाता था कि मर्दों को रफटफ और उन की कमाई देख कर ही लड़कियां उन की दीवानी होती हैं. यानी रफटफ होना ही मर्दानगी की निशानी माना जाता था. मगर अब जमाना और सोच दोनों बदल चुके हैं. मर्द भी सुंदर, गोरा, साफसुथरा, चिकना दिखने की होड़ में लग गए हैं. सुंदर दिखने के लिए लड़के ब्यूटी क्रीमों और ब्यूटीपार्लरों में काफी पैसा खर्च करने लगे हैं.

मर्दों की पसंद

रांची में ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कारोबार करने वाले उमेश जायसवाल बताते हैं कि लड़के भी लड़कियों की तरह ब्यूटीफुल और फेयर दिखने के लिए तरहतरह के कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगे हैं. मर्दों के कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स में फेयरनैस क्रीम की डिमांड सब से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. इस के साथ ही कंडीशनर, जैल, सीरम, स्क्रब, मैंस ब्लीच, फेसवाश, मैन्स मौइश्चराइजर, सनस्क्रीन लोशन, स्किन बाम, लिप बाम, परफ्यूम, डियोड्रैंट, आई जैल भी मर्दों की पसंद बन चुके हैं. इतना ही नहीं अब मर्दों के लिए हेयर रिमूवर और नो मार्क्स जैंट्स क्रीम भी बाजार में आ चुकी है. गाजियाबाद में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा गोरखपुर का रहने वाला किशन राय कहता है कि लड़कों में भी अपनी त्वचा के रंग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और यह कोई बुरी बात नहीं है. परफैक्ट मैन बनने के लिए यह भी जरूरी उपाय है. कहीं भी पहला इंप्रैशन रंगरूप और पहनावे का ही पड़ता है. उस के बाद ही बोलने का तरीका और जानकारी की बात आती है.

बढ़ रही है मांग

आज अगर गोरीचिट्टी लड़की की शादी किसी गहरे सांवले रंग वाले लड़के से होती है तो जरा सोचिए उस के मन पर क्या गुजरती होगी. लड़का भले ही पढ़ालिखा हो, अच्छी नौकरी करता हो, लेकिन अगर उस का रंग गहरा हो तो लड़की का मन दुखी होता ही है. शहनाज ब्यूटी की फ्रैंचाइजी चलाने वाली सीमा सिन्हा कहती हैं कि लड़कों में गोरा रंग पाने की बढ़ती दीवानगी समाज और परिवार के लिए भी अच्छी बात है. इस से अब किसी शादी को बेमेल नहीं कहा जा सकेगा. अगर किसी लड़के का रंग सांवला है, तो वह क्रीम, ब्लीच सहित और कई तरह के ट्रीटमैंट्स के जरीए अपने रंग को निखार सकता है और विवाह के समय लड़की और मेहमानों पर अच्छा इंप्रैशन बना सकता है. मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमों और बाकी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. एक सर्वे के मुताबिक 2010 में इन प्रोडक्ट् कस कारोबार करीब 42 करोड़ रुपए का था जो 2014 तक 280 करोड़ रुपए के पास पहुंच गया. पिछले दिनों एक कंपनी ने अपने सर्वे रिपोर्ट में कहा कि 2016 तक भारत में मैन्स कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स की मार्केट क्व5 हजार करोड़ से ज्यादा की हो जाएगी.

दावों में कितनी सचाई

इन प्रोडक्ट्स को ले कर लोगों के मन में अकसर ये सवाल भी उठते रहे हैं कि इन के कोई साइड इफैक्ट्स होते हैं? क्या मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमें अपने दावों पर खरी उतरती हैं? इस संबंध में स्किन स्पैशलिस्ट डाक्टर सुधांशु कुमार कहते हैं कि गोरा बनाने वाली क्रीमें स्किन में मौजूद मैलेनिन को कम कर देती हैं. ‘धूप में निकला न करो रूप की रानी…’ गाना गाने वाला मर्द आज खुद ही अपने चेहरे को धूप से बचाने की जद्दोजहद में लग गया है. उसे भी यह चिंता सताने लगी है कि धूप में निकलने से उस के चेहरे का रंग कहीं काला न पड़ जाए. इस के लिए वह धूप में निकलने से बचने लगा है और अगर निकलना जरूरी हो तो सनस्क्रीन लोशन लगाने लगा है. सुंदरता और गोरेपन पर अब केवल लड़कियों का ही एकाधिकार नहीं रह गया है, मर्दों ने बड़ी ही मर्दानगी के साथ उन्हें टक्कर दी है. इस से लड़कियां भी खुश हो रही होंगी कि अब उन का जीवनसाथी काला या सांवला नहीं होगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...