मेकअप करते समय भी सावधानी हटने से दुर्घटना घट सकती है. इस की बानगी आप को अपने फ्रैंडसर्कल व नातेरिश्तेदारों में मिल जाएगी. कंघी, लिपस्टिक, मसकारा, काजल, ब्लशर, फाउंडेशन, आईशैडो की शेयरिंग बहुत आम है. अपनी इस आदत को सुधारें वरना देर करने पर दाग सेहत पर पड़ेगा.
ऐसी छोटी छोटी आदतें, जिन्हें हम नजरअंदाज करते हैं वही त्वचा संबंधी रोगों का कारण बनती हैं. लापरवाही बरतने पर यही फुजूल आदतें गंभीर बीमारी का रूप इख्तियार कर लेती हैं.
नमी की पहुंच नहीं
जहां नमी पहुंची वहीं कीटाणु पनपने शुरू हो जाते हैं, जो बीमारियों को खुला न्योता देते हैं. यही बात आप के वैनिटी बौक्स में शामिल हर एक कौस्मैटिक पर लागू होती है. इस्तेमाल के बाद प्रत्येक कौस्मैटिक को कस कर बंद करें. कौस्मैटिक्स को नमीरहित अंधेरी जगह रखें.
याद रहे नमी पहुंचते ही कीटाणु को कहीं भी पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगता. इसलिए अपने मेकअप कंटेनर को अच्छी तरह बंद करना न भूलें. अगर मेकअप के सामान तक मौइश्चर पहुंच गया, तो कीटाणुओं को उस में घर बनाने में समय नहीं लगेगा और यह त्वचा के कैंसर का कारण भी बन सकता है.
वैनिटी की सफाई
अपनी वैनिटी का इस्तेमाल सिर्फ सजनेसंवरने तक ही सीमित न रखें. सप्ताह में एक दिन वैनिटी की सफाई जरूर करें. खासतौर से मेकअप में प्रयोग होने वाले ब्रशेज की. पानी और डिटर्जैंट से ब्रश साफ कर रही हैं, तो उन्हें साफ, सूखे कपड़े से पोंछने के बाद धूप में जरूर सुखाएं. मेकअप ब्रश की ब्रिसल टूट गई है या ब्रश पुराना हो गया है, तो उस की जगह नया ब्रश इस्तेमाल करें. समयसमय पर मेकअप ब्रश बदलती रहें. याद रहे मेकअप ब्रश के प्रति लापरवाही आप को महंगी पड़ सकती है यानी नमी का एक कण भी फंगल इन्फैक्शन से गंभीर त्वचा रोग दे सकता है.