‘यह मौइश्चराइजर आप की त्वचा को निखारने के साथसाथ कोमल भी बनाता है’ एक ब्रैंडेड मौइश्चराइजर के विज्ञापन में लिखी ये पंक्तियां रितिका को इतनी प्रभावशाली लगीं कि वह उसी शाम बाजार से

वह मौइश्चराइजर खरीद लाई.

रितिका ने मौइश्चराइजर खरीदने से पहले यह भी नहीं देखा कि उस में किस तरह के इनग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया गया है. इतना ही नहीं रितिका ने अपने स्किन टाइप को भी नए ब्रैंडेड मौइश्चराइजर के मुताबिक आंकने की जरूरत नहीं समझी. उसने यही सोचा कि सर्दियों में त्वचा के रूखेपन को ही तो खत्म करना है. कोई भी मौइश्चराइजर ले लो. बस खुशबूदार होना चाहिए और त्वचा में निखार आ जाना चाहिए.

रितिका अकेली ऐसी महिला नहीं, जो मौइश्चराइजर को मात्र त्वचा की ड्राईनैस खत्म करने वाली क्रीम समझती हो. ऐसी कई महिलाएं हैं, जो मौइश्चराइजर के चुनाव में लापरवाही बरतती हैं. मगर खुशबू, रंग और पैकिंग को सही आधार मान कर मौइश्चराइजर को खरीदने वाली महिलाओं को चेतावनी देते हुए कौस्मैटोलौजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं, ‘‘जहां सही मौइश्चराइजर का चुनाव त्वचा के लिए संजीवनीबूटी की तरह काम करता है, वहीं गलत मौइश्चराइजर त्वचा पर जहर जैसा असर दिखाता है, जिस के दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इसलिए मौइश्चराइजर हमेशा स्किन टाइप को ध्यान में रख कर ही खरीदें.’’

किस त्वचा के लिए कौन सा मौइश्चराइजर

अमूमन महिलाओं को यही नहीं पता होता है कि उन की त्वचा किस टाइप की है. त्वचा के ड्राई, औयली और कौंबिनेशन 3 प्रकार होते हैं. जिन महिलाओं को अपनी त्वचा के प्रकार का अंदाजा नहीं होता वे हमेशा गलत कौस्मैटिक उत्पाद खरीद लेती हैं.

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