बारिश के मौसम में त्वचा को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. इस मौसम में त्वचा को गीलेपन या नमी से बचाएं. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि गीली त्वचा कीटाणुओं को ज्यादा आकर्षित करती है. परिणामस्वरूप जलन और चकत्तों से ले कर रिंगवर्म तक त्वचा संबंधी तमाम तरह की समस्याएं हो सकती हैं.

पेश हैं, मौनसून में त्वचा से जुड़ी समस्याओं से निबटने के टिप्स:

– अतिरिक्त मैल और तेल को हटाने के लिए दिन में कम से कम 3 बार त्वचा को अच्छी तरह साफ करें, क्योंकि ये दोनों रोमछिद्रों को अवरुद्ध कर सकते हैं.

– अपनी त्वचा को टोन करें. इस के लिए नौनअलकोहलिक वैराइटीज का इस्तेमाल करें, जो आप की त्वचा के पीएच बैलेंस ठीक रखने में भी मदद करती हैं और आप की त्वचा पर चमक भी लाती हैं.

– बारिश के कारण त्वचा में जो नमी आती है वह उस के लिए काफी नुकसानदायक होती है. अपनी त्वचा को नम, कोमल और स्वस्थ बनाए रखने के लिए इफैक्टिव डे क्रीम का प्रयोग करें.

– अगर आप की त्वचा तैलीय हो तो वाटर बेस्ड मौइश्चराइजर अच्छा विकल्प हो सकता है, जो तेल के स्राव को नियंत्रित रखने में मदद करेगा.

– अच्छे एसपीएफ जैसे 30 या 40 वाले विश्वसनीय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. मौसम भले ही क्लाउडी हो, लेकिन वह सूर्य की यूवी किरणों के हानिकारक प्रभाव को नहीं रोक पाता है.

– यह आवश्यक है कि आप प्रतिदिन अपनी त्वचा की पपड़ी हटाने के लिए उसे मलें ताकि मृत कोशिकाएं हट जाएं, लेकिन ऐसा बड़ी कोमलता के साथ करें.

– शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने के लिए दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पीएं क्योंकि उमस के दौरान काफी ज्यादा पसीना निकल जाता है, जिस से त्वचा में पर्याप्त नमी नहीं रहती है और वह मलिन और सुस्त दिखने लगती है.

– अन्य मौसमों में सप्ताह में 2 बार बालों को शैंपू और कंडीशनिंग करना पर्याप्त हो सकता है, लेकिन मौनसून के मौसम में 3-4 बार ऐसा करना चाहिए, क्योंकि बारिश के मौसम में ज्यादा पसीना आना आप की स्कैल्प पर गंदगी और कीटाणुओं का पनपना आसान बनाता है.

– मौनसून आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहनने का समय नहीं होता है, खासतौर पर जब तब आप की त्वचा ज्यादा संवेदनशील भी हो. हवा में नमी ब्रेकआउट के जोखिम को बढ़ाएगी.

– घर में फेस पील्स और पैक्स बनाएं. ये प्राकृतिक होते हैं और त्वचा में निखार लाते हैं.

– पौष्टिक खाना खाएं, जिस में पर्याप्त वसा हो, क्योंकि वह क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत करने और नमी बनाए रखने के लिए जरूरी है.

– अपने पैरों को सांस लेने दें. बंद फुटवियर जैसे जूते आदि पहनने से आप के पैरों में पसीना आएगा, जो फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का कारण बन सकता है. इस के बजाय सैंडल या फ्लोटर्स जैसे वाटरपू्रफ फुटवियर पहनें.

– जब पैडीक्योर के लिए जांए, तो यह तय करें कि टूल्स स्टरलाइज्ड हों. वैसे तो अधिकांश सैलून साफसफाई का खास ध्यान रखते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ऐसा करना थोड़ा कठिन हो जाता है. अत: जांचें कि सभी टूल्स संक्रमण रहित हों. अगर जरूरत हो तो उन्हें अपने सामने ऐसा करने को कहे.

-डा. अनूप धीर

अपोलो हौस्पिटल, नई दिल्ली

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