गरमी के मौसम में जरा सी भी लापरवाही त्वचा से संबंधित गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है. डीहाइड्रेशन, तैलीय त्वचा पर मुंहासे, पसीना व गंदगी के कारण फंगल इन्फैक्शन और खुजली जैसी समस्याएं होना इस मौसम में आम बात है. रहीसही कमी को प्रदूषित वातावरण पूरी कर देता है. गरमी के मौसम का आप की त्वचा पर बुरा असर न पड़े, इस के लिए कुछ बातों को अवश्य ध्यान में रखें:
हाइपरहाइड्रोसिस यानी शरीर के कुछ अंगों जैसे हथेलियों, तलवों में ज्यादा मात्रा में पसीना आना आप को असहज महसूस करा सकता है. इस स्थिति में आप डर्मेटोलौजिस्ट की सलाह से ऐंटीपर्सपाइरैंट क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के अलावा हाथों व पैरों को ज्यादा से ज्यादा धोने की कोशिश करें. हाइजीन को ध्यान में रखते हुए हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
गरमी में अंडरआर्म्स को साफसुथरा रखने के लिए मुलतानी मिट्टी के लेप का प्रयोग कर सकती हैं. विटामिन ई युक्त या नारियल तेल से मसाज करने से अंडरआर्म्स की पसीने की बदबू को भी कम किया जा सकता है.
तपिश भरे मौसम में वेट वाइप्स या कौटन का रूमाल अपने साथ अवश्य रखें ताकि पसीना साफ करते समय त्वचा पर रैशेज न आएं. खुजली की वजह से भी त्वचा पर रैशेज बनते हैं और फिर फंगस भी हो सकता है. रैशेज या लाल धब्बे हो जाने पर गुलाबजल से साफ करें और उस हिस्से पर नारियल का तेल लगाएं.
कई लोग पूरे साल गरम पानी से नहाते हैं. ऐसा नहीं करें. यदि फिर भी आदत से मजबूर हैं तो ज्यादा देर तक नहीं नहाएं, क्योंकि गरम पानी के इस्तेमाल से आप की त्वचा की नमी को बनाए रखने वाले औयल में कमी हो जाती है. नतीजा, त्वचा रूखी हो जाती है.