गरमियों में धूप के प्रकोप से बचने के लिए सावधानी न बरती जाए, तो त्वचा को नुकसान बहुत होता है. हम आप को बता रहे हैं इस के बारे में कुछ ऐसी बातें, जिन के प्रति आप को इस मौसम में सजग रहना जरूरी है:

धूप में ज्यादा देर तक रहना खतरनाक होता है. गरमियों के मौसम में दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर रहने से बचें. यदि जाना ही पड़े तो छतरी, स्कार्फ या टोपी के साथसाथ सनब्लौक आदि का इस्तेमाल करें.

दिन ढल रहा हो तो भी त्वचा को अच्छे सनस्क्रीन लोशन की सुरक्षा दें. अल्ट्रावायलेट रेडिएशन से बचाव के लिए एसपीएफ 30+, यूवीए++ या कोई बेहतर तरीका आजमाएं.

धूप में निकलने से करीब 1/2 घंटा पहले सनस्क्रीन की परत त्वचा के खुले हिस्सों पर लगाएं. प्रतिदिन इस का 3-4 घंटे पर इस्तेमाल करें. अल्ट्रावायलेट रेडिएशन की यूवीए त्वचा को लगातार काला करती है, जिस से उस पर भूरे धब्बे पड़ जाते हैं और त्चचा मुरझाने भी लगती है, तो यूवीबी सनबर्न और टैनिंग की समस्या पैदा करती है.

यूवीबी प्रोटैक्शन को एसपीएफ (सन प्रोटैक्शन फैक्टर) और यूवीए प्रोटैक्शन को पीपीडी (परसिस्टैंट पिग्मैंट डार्कनिंग) से मापा जाता है. सनस्क्रीन से यूवीए और यूवीबी दोनों की रोकथाम होनी चाहिए. ऐसे सनस्क्रीन को ब्रौड स्पैक्ट्रम सनस्क्रीन कहते हैं. तैलीय त्वचा वालों को जैल या तरल आधारित सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए और सूखी त्वचा वालों को क्रीम या मौइश्चरयुक्त सनस्क्रीन लगाना चाहिए. तैराकी या अन्य किसी वाटर स्पोर्ट्स से पहले और उस के दौरान प्रति घंटा वाटर रैजिस्टैंट सनब्लौक लगाना चाहिए. सनब्लौक हमें सूरज की तेज धूप से बचाता है और हमारी त्वचा की आगे बताई जा रहीं कई समस्याओं से रक्षा करता है.

सनबर्न: प्रात: 10 से शाम 4 बजे तक सनबर्न का सब से अधिक खतरा रहता है. तेज धूप वाले दिन इस का खतरा अधिक होता है, क्योंकि धूप से पराबैंगनी किरणों का असर बढ़ जाता है. वैसे सर्दियों में भी सूरज की धूप से बचना जरूरी होता है. बर्फबारी के क्षेत्र में बर्फ भी सूर्य की 80% किरणों को प्रतिबिंबित कर के खुली त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है. यदि आप की त्वचा पर धूप का देर तक असर पड़ता है, तो सनबर्न का खतरा हो सकता है.

टैनिंग: पराबैंगनी किरणों के त्वचा पर टकराने से टैनिंग होती है और त्वचा अपना रंग बदल कर या मेलानिन से अपनी रक्षा करती है.

ऐजिंग: बिना सुरक्षा ज्यादा देर तक धूप सेंकने वाले लोग अन्य लोगों की अपेक्षा जल्दी उम्रदराज लगने लगते हैं. यहां तक कि धूप में कुछ देर घूमने पर भी कई लोगों की त्वचा पर झुर्रियां या झांइयां पड़ने लगी हैं. हालांकि यह परिवर्तन एक बार में ही नहीं दिखने लगता, बल्कि वर्षों धूप में घूमने पर नजर आता है.

गरमियों में सनब्लौक्स बहुत कामयाब होते हैं. ये हमारी सूरज की किरणों से रक्षा करते हैं. लेकिन सन प्रोटैक्टर इस्तेमाल करने का यह मतलब भी नहीं कि आप धूप से बचाने वाले जरूरी तरीकों को न अपनाएं. आइए जानें कि वे तरीके कौन से हैं: ज्यादा देर तक धूप में रहना खतरनाक हो सकता है. इस के लिए शेड्स का इस्तेमाल करें. दिन के सब से गरम रहने वाले वक्त में बाहर न निकलें.

अपनी त्वचा के अनुसार ही सनस्क्रीन चुनें. उसे बाहर निकलने से पहले ठीक से लगाएं और दिन में 3-4 बार उस का इस्तेमाल करें.

एक अच्छे सनस्क्रीन में निम्न विशेषताएं होनी चाहिए:

इस में यूवीबी किरणों से बचाने वाला सन प्रोटैक्शन फैक्टर (एसपीएफ) हो.

इस में यूवीए किरणों से बचाने की क्षमता हो.

इस का टैक्स्चर अच्छा हो. यह आसानी से घुल जाए और इस की कौस्मैटिक अपील भी अच्छी हो.

इस पर पानी और पसीने का असर न हो.

इस से कोई ऐलर्जी न हो.

आइए अब जानिए कुछ ऐसे घरेलू नुसखों के बारे में जो टैनिंग के उपचार के लिए बेहद कारगर हैं:

शहद और नीबू का रस: शहद और नीबू के रस को मिला कर उस स्थान पर लगाएं जहां टैनिंग का असर हुआ है. इसे 10 से 15 मिनट तक लगा रहने दें फिर धो दें. नीबू में प्राकृतिक ब्लीचिंग गुण होते हैं जिस से टैनिंग का असर घटता है.

योगर्ट: योगर्ट को उस जगह लगाएं जहां धूप का असर हुआ है और यदि जल्द असर चाहती हैं, तो स्नान से पहले उस में टमाटर और खीरा का रस मिला कर लगाएं.

ऐलोवेरा: रात को सोने से पहले ऐलोवेरा लगाएं और सुबह उसे साफ कर दें.

कच्चे आलू में विटामिन सी बड़ी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए वह टैनिंग के उपचार में कारगर रहता है. आलू का पेस्ट बनाएं और उसे उस स्थान पर लगाएं जहां धूप का असर हुआ है. 1/2 घंटे बाद उसे साफ कर दें.

चने का आटा: यह धूप से झुलसी त्वचा के उपचार और डैड सैल्स को हटाने में बहुत कारगर होता है. त्वचा पर 1/2 घंटे तक चने का आटा लगाएं और फिर उसे धो दें.

आहार का भी टैनिंग पर असर पड़ता है, इसलिए उस पर भी ध्यान दें:

नियमित खुराक लें.

फलसब्जियां अधिक मात्रा में खाएं.

ग्रीन टी, मूंगफली आदि जैसे ऐंटीऔक्सीडैंट भी लें.

प्रतिदिन 8 गिलास पानी पीएं.

इस के अलावा इन बातों को भी समझें:

सनब्लौक का इस्तेमाल जरूर करें.

प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे की नींद लें.

रात में चेहरे को नियमित रूप से साफ करें.

नियमित रूप से व्यायाम करें.

– डा. नवीन तनेजा, द नैशनल स्किन सैंटर

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