आजकल रंग प्राकृतिक स्रोतों से नहीं बनाए जाते हैं. उन में रसायन, अभ्रक यहां तक कि सीसा भी मिला होता है, जो न केवल त्वचा में जलन पैदा करता है, बल्कि सिर की त्वचा में जम भी जाता है. चूंकि होली बाहर खेली जाती है, ऐसे में धूप का भी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है. धूप के कारण त्वचा की नमी खत्म हो जाती है, त्वचा शुष्क हो जाती है. उस में टैनिंग भी हो जाती है. इसीलिए होली के बाद त्वचा की खूबसूरती कम हो जाती है. धूप में जाने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं. सनस्क्रीन एसपीएफ 20 या इस से अधिक होना चाहिए. अगर आप की त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं, तो ज्यादा एसपीएफ चुनें. ज्यादातर सनस्क्रीन में मौइश्चराइजर भी होता है. अगर आप की त्वचा बहुत सूखी है, तो पहले सनस्क्रीन लगाएं, फिर कुछ मिनट बाद मौइश्चराइजर लगाएं. दिन में हलका मेकअप करें. आंखों के लिए आईपैंसिल या काजल और होंठों के लिए लिपग्लौस का इस्तेमाल करें.

होली खेलने के बाद त्वचा से रंग निकालना सब से मुश्किल होता है. अपने चेहरे को तुरंत साबुन से न धोएं, क्योंकि साबुन क्षारीय होता है, जो त्वचा के सूखेपन को और बढ़ाता है. इस के बजाय किसी क्लींजिंग क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें. चेहरे पर इस की मसाज करें और फिर गीली रुई से पोंछ लें. आंखों के आसपास के हिस्सों को भी हलके हाथों से साफ करें. क्लींजिंग लोशन रंगों को घोल कर उन्हें आसानी से निकाल देता है.

घर पर क्लींजर बनाने के लिए 1/2 कप ठंडे दूध में 1 चम्मच तिल, जैतून या सूरजमुखी का तेल मिला कर उस में रुई भिगो कर त्वचा को साफ करें.

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