प्यूबिक हेयर उगने को ले कर अकसर मन में कुछ गलतफहमियां होती हैं. मसलन, ये इन्फैक्शन से बचाते हैं या इन्फैक्शन की संभावना बढ़ाते हैं, सैक्स पर इन का अनुकूल या प्रतिकूल असर होता है, इन्हें न काटने से ये बढ़ते ही जाएंगे, इन से बदबू आती है बगैरा. इस दुविधा में जहां कुछ लोग प्यूबिक हेयर का न होना ही बेहतर समझते हैं तो वहीं कुछ इन का होना अच्छा मानते हैं.

प्यूबिक हेयर ग्रूमिंग

आमतौर पर देखा जाए तो इन बालों को छोटा यानी ट्रिम करना यों तो बहुत पहले से चला आ रहा है, पर वास्तव में आधुनिक हेयर ग्रूमिंग का चलन या फैशन 80 के दशक से आम लोगों खासकर महिलाओं में देखा गया है. इस का एक मुख्य कारण इंटरनैट और टीवी है. 80 के दशक में विकसित और पश्चिमी देशों में स्ट्रिप डांसर्स और पोर्न अभिनेत्रियों ने अपने बाल छोटे रखने या शेव करने की शुरुआत की. सैक्स ऐंड सिटी और अन्य ऐडल्ट टीवी सीरियलों में ऐसा देखने को मिला.

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एक अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार, प्लेबौय मौडल्स द्वारा हेयर ग्रूमिंग कर के दिखाया जाना भी ग्रूमिंग का एक कारण है. इस के बाद मौडल्स, ऐक्ट्रैस, फिर संभ्रांत महिलाएं और फिर आम महिलाओं ने इस का अनुकरण किया. अब तो प्यूबिक हेयर ग्रूमिंग से कौस्मैटिक इंडस्ट्रीज को अच्छीखासी कमाई होने लगी है. ग्रूमिंग के लिए शेविंग, वैक्सिंग, लेजर और इलैक्ट्रोलिसिस तरीकों से बिजनैस में खूब पैसा आ रहा है.

प्यूबिक हेयर ग्रूमिंग पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक कराती हैं. एक शोध के अनुसार, प्यूबिक हेयर ग्रूमिंग के लिए महिलाएं निम्नलिखित कारण बताती हैं:

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