आज के बिजी लाइफस्टाइल में बालों की देखभाल करना काफी मुश्किल हो गया है. इसलिए आजकल अधिकांश महिलाएं बालों की खूबसूरती बरक़रार रखने के लिए रिबॉन्डिंग की मदद ले रही हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं दिल्ली के गेट सेट यूनिसेक्स सैलून के मैनेजर एंड हेयर एक्सपर्ट समीर से. उनका कहना है कि आपके बाल छोटे, घुंघराले या डल हैं और आप चाहती हैं कि यह ज्यादा चमकदार और सुंदर दिखें तो इसका समाधान मौजूद है. विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जिनके बाल डल हैं और उन्हें संभालना मुश्किल है. हेयर रिबॉन्डिंग ऐसी हेयर ट्रीटमेंट तकनीक है, जो आपके बालों को कोमल और चमकदार बना देगी.
क्या है हेयर रिबॉन्डिंग ट्रीटमेंट
स्टेटनिंग रिबॉन्डिंग में ज्यादा फर्क नहीं है. लेकिन हेयर रिबॉन्डिंग स्टेटरिंग की ही स्पेशल तकनीक है. इसे परमानेंट स्ट्रैट हेयर केयर भी कहते हैं, लेकिन जब बालों की नेचुरल ग्रोथ आनी शुरू हो जाती है तो बाल दोबारा अपनी पहली पोजीशन पर धीरेधीरे आने शुरू हो जाते हैं. अगर आपके बाल काफी घने व मोटे हैं तो आप इस ट्रीटमेंट को चुनें. इसमें पहले स्टेट्ररनेर की मदद से हेयर स्ट्रक्चर और नेचुरल बांड को तोड़ा जाता है. दरअसल हमारे बाल अमीनो एसिड से बने होते हैं और ये प्रोटीन ऐसे बांड्स से बने होते हैं, जो हमारे बालों का स्ट्रक्चर पता लगाने में मदद करते हैं. यानि हमारे बाल घुंघराले हैं , वेवी हैं या फिर सीधे. रिबॉन्डिंग प्रक्रिया में केमिकल्स की मदद से इन्हीं बांड्स को तोड़ा जाता है, ताकि बालों के स्ट्रक्चर में मनमुताबिक परिवर्तन किया जा सके. इसके बाद हेयर न्यूट्रीलाइजर से हेयर बांड को फिक्स किया जाता है. इसे करने में कम से कम 4 से 5 घंटे का समय लगता है. इसमें केमिकल्स आपके बालों की अंदरूनी लेयर तक जाता है . इस ट्रीटमेंट में काफी स्ट्रोंग केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. ये बाकी ट्रीटमेंट की तुलना में महंगा होता है. इसमें बाल काफी कमजोर हो जाते हैं, इसलिए इस ट्रीटमेंट के बाद बालों की काफी केयर करने की जरुरत होती है. इसके बाद बाल काफी सॉफ्ट व स्मूद हो जाते हैं.