स्ट्रैच मार्क्स यानी त्वचा पर खिंचाव के निशान. यों तो महिलाओं में गर्भावस्था के बाद होने वाली यह एक आम परेशानी है, लेकिन कई बार देखा गया है कि वजन कम करने के बाद भी इस तरह के निशान त्वचा पर देखे जाते हैं. यही नहीं महिलाओं के साथसाथ पुरुषों में भी स्ट्रैच मार्क्स एक आम समस्या बनते जा रहे हैं. स्टैच मार्क्स कई तरह के होते हैं, जिन के होने की कुछ अलगअलग वजहें हो सकती हैं. लेकिन इन से घबराने की जरूरत नहीं है.
महिलाएं और पुरुष इस तरह के निशानों को कुछ साधारण घरेलू उपायों से दूर कर सकते हैं. इस के अलावा कुछ खास क्रीमों और औयल आदि की नियमित मालिश से भी इन निशानों से छुटकारा पाया जा सकता है.
क्यों होते हैं स्ट्रैच मार्क्स
शरीर के अलगअलग हिस्सों पर हमारी त्वचा अलगअलग प्रकार की यानी कहीं सख्त तो कहीं मुलायम होती है. लेकिन मुख्य तौर पर त्वचा की 3 परतें होती हैं- पहली परत यानी बाहरी त्वचा को ऐपिडर्मिस, दूसरी परत को डर्मिस और सब से निचली यानी अंतिम परत को हाइपोडर्मिस कहते हैं.
शरीर पर दिखाई देने वाले खिंचाव के निशान हमारी त्वचा की बीच की परत में होते हैं, जो किसी तंतु या कोशिका में होने वाले खिंचाव की वजह से पैदा होते हैं.
आमतौर पर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान या डिलिवरी के बाद शरीर के निचले हिस्सों यानी पेट, कमर या साइड में स्ट्रैच मार्क्स हो जाते हैं, लेकिन शोध बताते हैं कि खिंचाव के ये निशान आनुवंशिक कारणों से भी हो सकते हैं.
80 फीसदी से ज्यादा मामलों में पाया गया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या डिलिवरी के बाद स्ट्रैच मार्क्स हुए, पूर्व में उन की मां को भी इसी तरह के खिंचाव के निशान अपनी प्रैगनैंसी के दौरान हुए थे. नौर्मल डिलिवरी के अलावा सिजेरियन मामलों में भी ऐसे निशान हो सकते हैं.
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