तनाव भरी जीवनशैली एक महिला की सेहत और उस के सौंदर्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है. आधुनिक और तेजी से दौड़ती जीवनशैली के प्रभाव को कम करने के लिए स्पा ट्रीटमैंट मनमस्तिष्क की शांति पाने और सेहतमंद बने रहने में मददगार हो सकता है. स्पा का मतलब होता है मसाज और प्राकृतिक सौंदर्य का मेल, जिस से मांसपेशियां खुलती हैं और त्वचा भीतर से दमक उठती है.
मौसम में होने वाले बदलाव भी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. सर्दी के महीनों में ठंडी हवाओं में नमी की कमी के कारण त्वचा रूखी होने लगती है. यह कड़ाके की सर्दी के महीनों में आम बात है, जब आप घर पर ज्यादा समय बिताती हैं. ऐसे में घर के भीतर की ऊष्मा त्वचा की प्राकृतिक नमी को सोख कर उसे रूखा बनाती है.
मगर अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. सर्दी के महीनों में भी अपनी दमकती त्वचा को सेहतमंद बनाए रखने के लिए स्पा के कुछ परंपरागत तरीके हैं, जिन्हें घर पर ही आजमाया जा सकता है:
शरीर और चेहरे पर साबुन लगाने से बचें
साबुन में मौजूद रसायन चेहरे के धूलकणों के साथ उस की चिकनाहट को भी खत्म कर देते हैं. चूंकि त्वचा को प्राकृतिक रूप से ही एक सुरक्षात्मक तेल की परत की जरूरत होती है खासतौर पर सर्दी के महीनों में, इसलिए साबुन का इस्तेमाल करना अपनी त्वचा की प्राकृतिक नमी को खोना है. इन दिनों साबुन के बजाय नर्म क्लींजिंग लोशन या क्लींजिंग क्रीम का इस्तेमाल करें. नहाने के बाद त्वचा के पोषण के लिए मौइश्चराइजर जरूर लगाएं. जोजोबा तेल, शी बटर या कोकोआ बटर आधारित मौइश्चराइजर बेहतर काम करता है.