प्रकृति ने नारी को नैसर्गिक रूप सौंदर्य से मालामाल किया है. लेकिन जैसेजैसे महिलाएं जिंदगी में आगे बढ़ती जाती हैं वैसेवैसे स्ट्रैस, उम्र आदि भी बढ़ती जाती है. इन सब की वजह से महिलाएं धीरेधीरे अपना नैसर्गिक सौंदर्य खोने लगती हैं और कई स्किन प्रौब्लम्स उन्हें घेर लेती हैं. फिर वे शौर्टकट अपना कर ब्यूटीपार्लर, हेयर सैलून, स्पा आदि का रुख करती हैं, जिस में बेशकीमती समय और मेहनत से कमाया धन तेजी से उड़ जाता है, पर अफसोस उतनी तेजी से उन का खोया सौंदर्य वापस नहीं मिलता. कुछ ऐसी बातें, आदतें हैं, जिन्हें महिलाएं अपने डेली रूटीन में शामिल कर लें, तो कई स्किन प्रौब्लम्स से बच सकती हैं:

1. डार्क कुहनियां और घुटने

यदि बैलेंस डाइट और नियमित ऐक्सरसाइज से आप ने खूबसूरत फिगर पा लिया तो भी आप हौट, सैक्सी शौर्ट या स्कर्ट नहीं पहन पाएंगी. न ही सुडौल, संगमरमरी बांहों का जादू जगाती स्लीवलैस ड्रैसेज पहन पाएंगी, अगर आप के घुटने और कुहनियां डार्क और रूखीसूखी हैं.

कुहनियां और घुटने अकसर उपेक्षित रह जाते हैं. डैड स्किन यहां जमा होती जाती है, जिस से ये गहरे रंग के हो जाते हैं. कहीं भी कुहनी टिका कर खड़े होने की आदत से भी यहां की त्वचा रूखी व सख्त हो जाती है. इस से बचने के लिए कहीं भी कुहनी टिकाने की आदत बदलें. इस के अलावा रोज नीबू को काट कर घुटनों और कुहनियों पर थोड़ी देर रगड़ें. फिर पानी से अच्छी तरह धो कर तुरंत तिल या बादाम का तेल मलें और 5 मिनट तक मसाज करें. ऐसा करने से त्वचा नर्म व लाइट होती जाएगी

2. एजिंग/सैगिंग नैकलाइन

अकसर महिलाएं चेहरे पर तरहतरह की क्रीम, लोशन, मौइश्चराइजर अप्लाई करती हैं ताकि चेहरा दमकता रहे और वे कमसिन नजर आएं, मगर गरदन की उपेक्षा करती हैं, जबकि गरदन को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि उस की त्वचा चेहरे से भी ज्यादा पतली होती है और फैटी टिशूज भी यहां कम होते हैं. यही वजह है कि बढ़ती उम्र के साथ गरदन की त्वचा की इलास्टिसिटो कम होती जाती है. परिणाम प्रीमैच्योर एजिंग, फाइन लाइंस व डिसकलरेशन के रूप में सामने आता है और फिर यही गरदन उन उन की बढ़ती उम्र की सब से मुखर गवाह बन जाती है.

इन सारी प्रौब्लम्स से बचने के लिए गरदन की त्वचा को नियमित ऐक्सफौलिएट करें. जो भी क्रीम व्हाइटनिंग या ऐंटीएजिंग चेहरे पर लगाएं, उसे गरदन पर भी जरूर लगाएं. डेली मौइश्चराइजर लगाएं. नीचे से ऊपर की ओर हलके हाथों से स्ट्रोक्स देते हुए बादाम के तेल से मसाज भी करें.

3. एजिंग हैंड्स

हाथों को चेहरे से भी ज्यादा देखभाल चाहिए. बहुत ज्यादा काम करने और हार्ड डिश वाशर, डिटर्जैंट के इस्तेमाल से हाथों की नसें उभर आती हैं. त्वचा रूखी, सख्त, सांवली हो जाती है, हाथों पर उम्र के निशान साफ नजर आते हैं, जो बड़ी मुश्किल से जाते हैं.

इस से बचने के लिए नहाने के बाद नम हाथों में हैवी क्रीमी मौइश्चराइजर अच्छी तरह मसाज करते हुए लगाएं. तुरंत लगाने से त्वचा में मौजूद नमी अंदर लौक हो जाएगी. साथ ही, जब भी हाथ धोएं लोशन को रीअप्लाई करें. घर से बाहर निकलते वक्त एसपीएफ 15 का सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं. घर का सारा काम खत्म होने के बाद नारियल तेल से हाथों की मालिश करें. ब्रैंडेड, महंगे क्रीम, लोशन ज्यादा प्रभावी होते हैं. ये त्वचा में जज्ब हो कर हाथों को मुलायम बनाते हैं. रात में क्रीम से मसाज कर कौटन ग्लब्स पहनना भी फायदेमंद रहता है. हफ्ते में 1 बार स्क्रब व हैंडपैक भी अप्लाई करें.

4. धूप में संवलाएं पैर

पूरे शरीर का भार उठाने वाले पैर सब से ज्यादा उपेक्षित होते हैं. फटी एडि़यां, डैड सैल्स का जमाव, रूखी काली त्वचा की मौजूदगी पैरों को बदसूरत बना देती है. डैड स्किन सैल्स को हटाने के लिए हर दूसरे दिन प्यूमिक स्टोन या लूफा इस्तेमाल करें. स्क्रब करें. सी साल्ट में थोड़ा सा औयल मिला कर घर में ही अच्छा स्क्रब बना सकती हैं. पैरों को अच्छी तरह पोंछ कर हैवी मौइश्चराइजर लगाएं. किसी तरह का फंगल इन्फैक्शन हो तो तुरंत इलाज करें. नंगे पैर न रहें,  आरामदायक फुटवियर पहनें. बाहर से घर आने पर पैरों को धो कर लोशन लगाएं व हाइजीन का विशेष ध्यान रखें.

5. डार्क सर्कल्स

मृगनयनी आंखों का जादू भी तब फीका पड़ जाता है जब डार्क सर्कल्स अपनी मौजूदगी का मुखरता से एहसास कराते हैं. पूरी नींद न सोना, हैल्दी डाइट की कमी और तनाव व मानसिक अवसाद से डार्क सर्कल्स होते हैं.

‘प्रिवैंशन इज बैटर दैन क्योर’ डार्क सर्कल्स के मामले में यह बात शतप्रतिशत सच है. प्रौपर डाइट व ब्यूटी स्लीप लेने की कोशिश करें. डेली रेटिनोल युक्त आई क्रीम रात में लगाएं. पेट के बल न सोएं. लैपटौप, मोबाइल में आंखों को गड़ाए रखना कम करें. दिन में एक बार रोजवाटर में कौटन डुबो कर आंखों पर 15-20 मिनट रखें. आंखों के आसपास की त्वचा बेहद पतली होती है. फाइनलाइंस जल्दी पड़ती हैं. डेली केयर के साथ ही आंखों की ऐक्सरसाइज भी जरूरी है.

6. फ्रिजी हेयर

अत्यधिक प्रदूषण व हवा में नमी की कमी के चलते बाल फ्रिजी हो जाते हैं. ऐसे बालों को मैनेज करना समस्या बन जाती है. फ्रिजी बालों का इलाज संभव है अगर आप हफ्ते में 1 बार डीप कंडीशनिंग करें. होममेड कंडीशनर बेहतर होते हैं. इस के अलावा हेयर मास्क का प्रयोग भी प्रभावी होता है. रैडीमेड मास्क के अलावा एगयौक व औलिव औयल को मिक्स कर भी अच्छा मास्क घर में बना सकती हैं.

7. हेयर फाल

हमारे सिर का ताज यानी हमारे बाल खास केयर चाहते हैं वरना सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें और रोज के प्रदूषण से बाल डैमेज होते जाते हैं और फिर हेयर फाल शुरू हो जाता है. प्रोटीन डाइट की कमी भी इस की एक वजह है. हेयर लौस को ट्रीट करने के लिए हफ्ते में 2 बार बालों की औयलिंग कर हेड मसाज करें. इस के लिए नारियल तेल तो अच्छा है ही लेकिन बेहतर परिणाम पाने के लिए नारियल+बादाम+जैतून के तेल को बराबर मात्रा में ले कर कुनकुना कर रुई की सहायता से जड़ों में लगाएं. मसाज कर, हेयर कैप (शौवर कैप) लगा कर सोएं. सुबह शैंपू करें. बालों में कभी पसीना, गंदगी जमा न होने दें. धूप से भी बचाएं. स्कार्फ बांध कर बाहर निकलें.

 

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