गोरी काया हर स्त्री की चाहत होती है. पहले महिलाएं अपने कामकाज से समय निकाल कर बेसन, चंदन, हलदी व मुलतानी मिट्टी के लेप बना कर अपनी त्वचा पर लगाती थीं, परंतु आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में इतना समय कहां. शरीर में चेहरे की त्वचा सब से ज्यादा संवेदनशील होती है और भागमभाग से भरपूर दिनचर्या का सब से ज्यादा बुरा असर इसी पर पड़ता है. यदि सही देखभाल न की जाए तो हवा के थपेड़ों व धूप की तपिश से चेहरे की त्वचा अपनी आभा खोने लगती है.
त्वचा के प्रकार
यदि 2 से 4 घंटों के अंतराल पर आप को अपनी त्वचा चिपचिपी प्रतीत होती है तो त्वचा का स्वभाव तैलीय है और इस प्रकार की त्वचा के रखरखाव की ज्यादा जरूरत होती है.
घर से बाहर निकलने के कुछ समय बाद ही यदि आप त्वचा में खिंचाव महसूस करती हैं तो आप की त्वचा रूखी है.
यदि धूप और हवा का असर त्वचा पर तुरंत नजर आने लगे तो आप की त्वचा अति संवेदनशील है.
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सांवलेपन का कारण
त्वचा का सीधे तेज धूप में संपर्क में आना, सांवलेपन का प्रमुख कारण है. सूर्य की पराबैगनी किरणें और तपिश त्वचा के बाहरी आवरण को नुकसान पहुंचाती हैं. त्वचा पर जमा होती गंदगी त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देती है और इन से निकलने वाले पोषक तत्त्व निष्क्रिय हो जाते हैं. इन कारणों से ब्लैक स्पौट, पिगमैंटेशन व सांवलेपन की समस्या पैदा हो जाती है.
त्वचा का रखरखाव
ब्यूटी सोप त्वचा की देखभाल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथसाथ आप को तरोताजा भी रखता है. परंतु ब्यूटी सोप का चुनाव करते समय सावधानी बरतना जरूरी है. इसे खरीदने से पहले प्रोटीन फार्मूला व सौंदर्य निखारने वाले अन्य तत्त्वों की जानकारी अवश्य लें. ध्यान रखें कि सोप में कैमिकल की मात्रा ज्यादा न हो, क्योंकि यह त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है.