पैर शरीर का अभिन्न अंग हैं. इन की देखभाल बेहद जरूरी है. मगर बारिश के मौसम में इन की देखभाल की अधिक जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में पैर अधिक समय तक गीले रहते हैं, जिस से कई प्रकार की बीमारियों के होने का डर रहता है.

इस बारे में डर्मैटोलौजिस्ट डा. सोमा सरकार बताती हैं कि अधिक समय तक पैर गीले रहने और समय पर सफाई न करने से उन में फंगस लग जाता है, जिस के कारण इन्फैक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. फिर उचित देखभाल के न होने से पैर बदसूरत भी लग सकते हैं.

पेश हैं, पैरों की देखभाल से संबंधित

कुछ सुझाव:

– पैरों की नियमित सफाई जरूरी है. बाहर से जब घर लौटें तो मैडिकेटेड साबुन से पैरों को धो कर सुखा लें. ऐंटीफंगल पाउडर का प्रयोग रोज करें.

– मौनसून में पैरों में कैंडीडायोसिस नामक बीमारी का अधिक होना देखा गया है. इस की वजह नमीयुक्त वातावरण, बारबार पैरों का गीला होना, जूतों में पानी रुकना आदि है. ऐसा होने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है.

– नियमित पैडीक्योर करवाने से पैर मुलायम और नमीयुक्त रहते हैं. इस में पैरों की उंगलियों की सफाई के साथसाथ टूल्स के द्वारा पैरों का व्यायाम भी करवाया जाता है.

– पैरों के नाखूनों को समयसमय पर कर्व शेप में काटें ताकि उन में गंदगी न रहे. नाखून काटते समय क्यूटिकल न काटें, क्योंकि यह नाखून के कठोर भाग को मुलायम बनाता है, जिस से संक्रमण की आशंका कम रहती है.

– हमेशा अच्छा फुटवियर पहनें, जो हवादार हो ताकि पैर सूखे रहें.

– आजकल बंद फुटवियर भी बारिश को ध्यान में रख कर बनाया जाता है, जो थोड़ा स्टाइलिश भी होता है. इस में गम बूट, स्ट्रैपर, बैलेरिनास, रबड़ के जूते आदि लोकप्रिय हैं.

– जूते हमेशा छोटी हील वाले पहनें ताकि फिसलने का डर न रहे.

त्वचारोग विशेषज्ञा डा. सरोज सेलार बताती हैं कि अगर आप वर्किंग हैं, तो औफिस जा कर अपने गीले पैरों को कपड़े से सुखा लें. जूतों को भी सुखा कर फिर पहनें. घर पहुंच कर सब से पहले हलके गरम पानी में 1 चम्मच सिरका मिला कर आधे घंटे तक पैरों को उस में डुबोए रखें. उस के बाद पैरों को साफ तौलिए से पोंछ कर उन पर क्रीम लगा लें.

– फंगस से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह पीएच बैलेंस करने में मदद करता है. इस का पेस्ट बना कर लगाया जा सकता है या फिर जूतों में भी बुरका जा सकता है.

– किसी भी प्रकार के इन्फैक्शन से बचने के लिए एक टब में 2 बडे़ चम्मच नमक डाल कर करीब 15 मिनट तक पैरों को उस में डुबोए रखें. ऐसा रोज करने से संक्रमण नहीं होगा. यह सब से अच्छा ऐंटीसैप्टिक है.

– पानी में थोड़ी हलदी मिला कर इन्फैक्शन वाली जगह लगाने से राहत मिलती है.

– नारियल या नीम का तेल लगाने से भी फंगस कम होता है, साथ ही उस से होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है.

– अगर आप डायबिटीज की मरीज हैं, तो पैरों का और अधिक ध्यान रखना आवश्यक है. नायलौन के मौजों की जगह कौटन के मौजे पहनें. गीले मौजों को बदलने में देरी न करें. हमेशा 1 जोड़ी सूखे मौजे साथ रखें. इस मौसम में नंगे पांव बिलकुल न चलें.

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