क्या आप भी 35 की उम्र में 45 की नजर आने लगी हैं? क्या झुर्रियों ने आप के चेहरे की खूबसूरती छीन ली है? अगर हां, तो अब आप बढ़ती उम्र के इन निशानों को हाईफु ऐंटीएजिंग स्किन ट्रीटमैंट के जरीए कम कर सकती हैं. यह तकनीक न सिर्फ ढीलीढाली त्वचा में कसाव लाती है, बल्कि उसे पहले की तरह यंग और फ्रैश लुक भी देती है.
डर्मैटोलौजिस्ट, डा. डिंपल भंखारिया के अनुसार, ‘‘तेज धूप, प्रदूषण, मौसम में बदलाव के साथसाथ स्ट्रैस, स्मोकिंग, अलकोहल जैसी बुरी लतों का असर सब से पहले त्वचा पर ही दिखाई देता है. त्वचा रूखी, ढीली और डल नजर आती है. दिनबदिन त्वचा से फैट कम होने लगता है. नतीजतन वह पतली और कमजोर हो जाती है, जिस से महीन रेखाएं, झुर्रियां, लटकन जैसी त्वचा संबंधी परेशानियां होने लगती हैं. इन्हें कम करने के लिए सनस्क्रीन, ऐंटीएजिंग क्रीम और जैंटल मौइश्चराइजर का इस्तेमाल और ऐक्सरसाइज के अलावा हाईफु ऐंटीएजिंग स्किन ट्रीटमैंट का सहारा भी लिया जा सकता है.’’
क्या है हाईफु
‘हाई इंटैंसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड’ को हाईफु स्किन टाइटनिंग ट्रीटमैंट के नाम से जाना जाता है. यह एक तरह का ऐंटीएजिंग ट्रीटमैंट है, जो नौनसर्जिकल तकनीक है. इस के जरीए चेहरे व गले के साथसाथ शरीर के अन्य हिस्सों की ढीलीढाली त्वचा को टाइट किया जाता है, जिस से त्वचा टाइट और हमेशा जवां नजर आती है.
कहां करता है हाईफु काम
हाईफु की सहायता से आईब्रोज, फोरहैड, गालों, ठुड्डी, गले, पेट आदि की ढीलीढाली त्वचा को टाइट किया जाता है. इस से आंखों, होंठों, माथे, नाक आदि के आसपास उभर आईं फाइन लाइंस को भी हटाया जा सकता है. यह खुले पोर्स को भी कम करता है. इस तकनीक के जरीए स्किन टाइटनिंग के साथसाथ स्किन लिफ्टिंग भी की जा सकती है जैसे अगर जौ लाइन या आईब्रोज अपनी जगह से लटक गई है तो उसे जौ लिफ्टिंग और आईब्रोज लिफ्टिंग के जरीए फिर से अपनी जगह सैट किया जाता है.