जब स्किन में सेबेसियस ग्लैंड्स (जो त्वचा में तेल का उत्पादन करती हैं) अधिक सक्रिय होती हैं तो हमारी स्किन औयली कहलाती है यानी त्वचा के रोमछिद्रों से अधिक तेल निकलने के कारण स्किन औयली हो जाती है. ऐसी स्किन पर अधिकतर बड़ेबड़े छिद्र (ओपन पोर्स) और दाने होते रहते हैं और यह बेजान, चिकनी और धब्बेदार लगती है.
बदलता मौसम औयली स्किन का प्रमुख कारण होता है. अत्यधिक नमी की वजह से भी स्किन से पसीना अधिक निकलता है जो उसे औयली बनाता है. इस समस्या से निबटने के लिए त्वचा की सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.
औयली स्किन के संभावित कारण
आनुवंशिकता
औयली स्किन आनुवंशिकता के कारण भी होती है. यदि मातापिता में से किसी की भी स्किन औयली है या परिवार में किसी और की स्किन औयली है तो आप की स्किन के औयली होने की संभावना बढ़ जाती है.
अधिक मेकअप करना
कुछ महिलाएं ओपन पोर्स और दागधब्बों को छिपाने के लिए मेकअप का बहुत इस्तेमाल करती हैं. लेकिन अधिक मेकअप प्रोडक्ट्स यूज करने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है. खूबसूरत त्वचा की चाह में कौस्मैटिक्स का अधिक इस्तेमाल बाद में त्वचा को नुकसान पहुंचाता है.
हारमोनल बदलाव
शरीर में होने वाले हारमोनल परिवर्तन भी औयली स्किन के लिए जिम्मेदार होते हैं. महिलाओं में ऐंड्रोजन हारमोन घटताबढ़ता रहता है. यह सेबेसियस ग्लैंड्स को ऐक्टिवेट करता है. हारमोनल असंतुलन पुरुषों में भी टेस्टोस्टेरौन हारमोन को बहुत अधिक सक्रिय कर देता है, जिस के कारण उन की स्किन भी औयली हो सकती है.
औयली त्वचा से बचाव
1.अपने चेहरे को सही तरीके से धोएं
दिन में कम से कम 2 बार चेहरा जरूर धोएं. 1 बार सुबह और 1 बार रात को सोने से पहले. लेकिन इस से ज्यादा नहीं क्योंकि ज्यादा सफाई करने से त्वचा रूखी हो सकती है. गरम या कुनकुने पानी का उपयोग भी त्वचा में रूखापन ला सकता है. स्किन की सफाई करने के लिए सल्फर, सैलिसिलिक ऐसिड या टीट्री औयल युक्त क्लींजर का उपयोग करें.