टैटू बनवाने की परंपरा बहुत पुरानी है, पुराने जमाने की बात करें तो शादी के बाद अक्‍सर पति-प‍त्‍नी एक दूसरे का नाम गुदवाते थे. तो कुछ लोग अपने बच्‍चों के हाथों में अपने नाम का टैटू गुदवाते थे, जिससे यदि बच्‍चे गायब हो जाएं तो उन्‍हें पहचानने में आसानी रहे.

आजकल युवाओं के बीच फिर से ये ट्रेंड खासा लोकप्रिय हो रहा है. युवा नाम लिखवाने के साथ-साथ अलग-अलग तरह की डिजाइन्स भी अपने शरीर पर बनवाते हैं. यहां तक कि टैटू गुदवाना अब स्टाइल सिंबल बन गया है. लेकिन इसके कई खतरे भी हैं. टैटू कई तरह की संक्रामक बीमारियों का घर होते हैं. टैटू बनवाते समय सुरक्षा, सफाई और स्वास्थ्य को लेकर सावधानियां बरतनी जरूरी है.

इंक की क्‍वालिटी

टैटू आर्टिस्‍ट विकास और मिक्‍की मलानी के मुताबिक, आजकल छोटे और लो कॉस्ट आर्टिस्ट चाइनीज इंक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो काफी खतरनाक है. इससे बचने के लिए हमेशा अच्छे आर्टिस्ट से टैटू बनवाना चाहिए.

टीका लगवाएं

आपको जानकारी के लिए बता दें कि टैटू बनवाने से पहले लोगों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवा लेना चाहिए. इसके अलावा आपको किसी स्पेशलिस्ट से ही टैटू बनवाना चाहिए जो इस कला में माहिर हो. स्पेशलिस्ट उपकरण और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. जिस जगह पर टैटू बनवाएं वहां पर रोजाना एंटीबायोटिक क्रीम जरूर लगाते रहें.

टैटू बनाने के उपकरण

आपको यह भी देखना है कि टैटू आर्टिस्ट की दुकान साफ सुथरी हो, उसके पास टैटू से जुड़े जरूरी उपकरण हों, जैसे दस्ताने, मास्क, सुई और ये सभी स्टर्लाइज्ड भी हों. अगर आपको किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जैसे हृदय रोग, एलर्जी, डायबीटीज़ तब आप टैटू बनवाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह मश्विरा कर लें. अगर आपकी त्वचा में कल्यॉड जैसी एलर्जी होने की संभावना है तो आप परमानेंट टैटू नहीं बनवाएं.

स्‍थाई या अस्‍थाई टैटू

एक्‍पर्ट की मानें तो जो फैशन, स्टाइल के लिए टैटू बनवाने का शौक रखते हैं, उन्हें अस्थायी टैटू ही बनवाना चाहिए. ये आपकी त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं और इसे आप अपने मूड के मुताबिक बदल भी सकते हैं. इसी के साथ ये बात भी ध्‍यान रहे कि परमानेंट टैटू बनवाना जितना आसान लगता है उसे हटाना उतना ही मुश्किल हो जाता है.

बीमारियों से बचें

कॉस्‍मेटिक एक्‍सपर्ट की मानें तो टैटू से कई तरह के संक्रमण का खतरा होता है. इससे हेपेटाइटिस, एचआईवी, ग्रैनूलोमस और केल्यॉड जैसी बीमारियां फैल सकती हैं. एचआईवी और हेपेटाइटीस ए,बी,सी खून के संक्रमण से होने वाली बीमारियां हैं जो टैटू की एक ही सुई के कई लोगों पर बार बार इस्तेमाल होने से हो सकते हैं. ग्रैनूलोम्स टैटू के आस-पास शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया से होती है. इसी तरह टैटू से त्वचा पर केल्यॉड होने का भी खतरा होता है. केल्यॉड एक तरह का घाव है जहां त्वचा लाल हो जाती है और उसमें एलर्जी हो जाती है.

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