जाड़े का मौसम ठंडे तापमान के साथसाथ ठंडी और सूखी हवाएं भी साथ लाता है. फलस्वरूप त्वचा में पानी और पोषक तत्त्वों की कमी होने लगती है. त्वचा बेजान दिखने लगती है. कई बार तो सूखी त्वचा की वजह से त्वचा पर बारीक धारियां और झुर्रियां भी नजर आने लगती हैं. लेकिन थोड़ी देखभाल और मसाज आप की त्वचा और शरीर दोनों को खुशनुमा बना सकती है. इस बारे में हैदराबाद के आनंदा स्पा इंस्ट्टियूट की अंजाना मुस्ताफी, जो पिछले 11 वर्षों से इस क्षेत्र में हैं और मसाज एक्सपर्ट हैं, कहती हैं कि आम भारतीय महिलाएं अपनी त्वचा की देखभाल कम करती हैं, लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों में महिलाएं अपनी त्वचा और शरीर को फिट रखने के लिए समय और पैसे खर्च करना पसंद करती हैं.

सर्दियों में मसाज बहुत जरूरी होती है, क्योंकि इस मौसम में त्वचा रूखी हो जाती है और हड्डियों के जोड़ों में अकड़न हो जाती है. मांसपेशियां भी अकड़ जाती हैं. आयल मसाज से मांसपेशियों और हड्डियों के जोड़ों को गति मिलती है, जो शरीर के लिए लाभदायक होती है. मसाज के बाद ‘स्टीम’ लेना भी अच्छा रहता है. स्टीम से ‘ब्लड सरकुलेशन’ बढ़ता है. आक्सीजन और न्यूट्रीएंट्स कोशिकाओं के अंदर जा कर शरीर और त्वचा को पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं.

मसाज कई प्रकार की होती है, पर मुख्य 3 तरह की मसाज शरीर के लिए गुणकारी होती हैं-

आयल मसाज

इसे स्वीडिश मसाज भी कहा जाता है. इस में तिल और सनफ्लावर के तेल का प्रयोग कर मसाज की जाती है. इसे 60 मिनट तक किया जाता है.

हौट स्टोन मसाज

इस में लावा से निकले पत्थर का प्रयोग कर मसाज की जाती है. इस पत्थर में ‘हीट’ अधिक देर तक रहती है, जिस के प्रयोग से सर्दियों में मसाज करने पर जौइंट्स को काफी राहत मिलती है. इसे 90 मिनट तक किया जा सकता है.

अभ्यंगा मसाज

यह आयुर्वेदिक मसाज है. इस में अलगअलग तरीके के मेडिकेटेड तेलों को गरम कर मसाज की जाती है. इसे करने में 60 से 90 मिनट लगते हैं. इसे शरीर के अनुसार जांच कर प्रयोग किया जाता है, क्योंकि किसी के शरीर में वसा अधिक, तो किसी के शरीर में अधिक पित्त की शिकायत होती है. हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और उसी के अनुसार मसाज आयल का चुनाव किया जाता है. मसाज के बाद बौडी कांप्रैस से भी शरीर को काफी राहत मिलती है. अंजाना बताती हैं कि मसाज करने की कोई उम्र नहीं होती. हर उम्र में मसाज जरूरी है और आज की जीवनशैली में तो इस का खास उपयोग है, क्योंकि आजकल अधिकतर महिलाएं बाहर काम करती हैं, जहां उन्हें एक जगह बैठ कर अधिक समय तक काम करना पड़ता है. इसलिए सप्ताह में एक बार मसाज अवश्य करवाएं. मुंबई की ब्यूटी थेरैपिस्ट निर्मला शेट्टी बताती हैं कि तिल का तेल मसाज के लिए गुणकारी होता है. जाड़े में मसाज सभी के लिए जरूरी है, पर व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार मसाज करवानी चाहिए. रोजरोज मसाज पार्लर जाना संभव नहीं होता. इसलिए घर पर नहाने से पहले नियमित रूप से थोड़ी देर खुद ही मसाज करें. आधे घंटे बाद नहा लें या फिर नहाने के बाद मनपसंद महक वाले बौडी आयल का प्रयोग कर मसाज करें, जिस से त्वचा खिलीखिली दिखेगी.               

कुछ टिप्स सर्दियों के मौसम में

सनफ्लावर या तिल के तेल से अच्छी मसाज करें.

अगर शरीर में दर्द हो, तो पीड़ाहारी तेल को मिक्स कर उसे हलका गरम करें और शरीर की मालिश करें.

अगर त्वचा अधिक रुखी है, तो औलिव आयल की मालिश करना लाभदायक होता है.

ठंड में लोग पानी कम पीते हैं. रोज 2 लीटर पानी का सेवन अवश्य करें, जिस से शरीर के दूषित पदार्थ निकल जाएं.

सर्दियों में ‘ग्रीन टी’ अधिक पीएं.

खाने में प्रोटीन का अधिक प्रयोग करें. मछली, मांस, अंडे खाएं. जो शाकाहारी हैं वे अधिक सब्जियां, दालें, सोयाबीन आदि का सेवन करें.

मालिश करते वक्त जाड़े में स्टैप्स जोरदार होने चाहिए ताकि शरीर को गरमी मिले और शरीर की अकड़न कम हो. साधारणत: सप्ताह में एक बार और अगर बदन में दर्द हो, तो रोज मसाज करवानी चाहिए. अरोमा थेरैपी के बाद मत नहाएं.

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