अकसर हम अपनी स्किन के प्रति लापरवाह बने रहते हैं जिस से स्किन जवानी में ही डल सी लगने लगती है. 20 से 30 साल की उम्र में स्किन को सब से ज्यादा केयर की जरूरत होती है. क्योंकि इस समय ही एजिंग की शुरुआत होती है और अगर ध्यान नहीं दिया जाता तो यह बढ़ सकती है.

आप ने एक विज्ञापन में ईरा दुबे को तो देखा ही होगा. सिर्फ ईरा दुबे ही नहीं बल्कि अधिकांश ऐक्ट्रैस का कहना है कि अभिनेत्री बनने से पहले वे अपनी स्किन पर बिलकुल ध्यान नहीं देती थी, लेकिन जब वे इस प्रोफैशन में आईं तब उन्हें पता चला कि उन के चेहरे पर ऐज स्पोट्स, फाइन लाइन्स वगैरा हैं जो एजिंग के साइन हैं, जिन्हें समय रहते कंट्रोल करना काफी जरूरी है.

ऐसे में नायका आप की एजिंग की समस्या को रोकने में मदद करेगा.

कैसे करें एजिंग से बचाव

रोकथाम के लिए केयर जरूरी

चेहरे पर फाइन लाइन्स दिखते ही आप हड़बड़ी में बोटैक्स और फिलर्स के लिए डर्मेटोलोजिस्ट के पास न पहुंच जाएं. आप को पहले अपने स्किन केयर रूटीन को बदलने की जरूरत है. इस के लिए जरूरत है धूप से बचाव, पौष्टिक खानपान और ध्रूमपान की आदत को छोड़ने की. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि किसी भी मौसम में सनस्क्रीन लगाए बिना न रहें.

इस के लिए नायका रिकमैंड करता है कि आप न्यूट्रोजीना अल्ट्राशीर डाई टच सनब्लौक एसपीएफ 50+, सीबेम्ड मल्टीप्रोटैक्ट सनस्क्रीन एसपीएफ 50 + या फिर काया स्वैट प्रूफ सनस्क्रीन एसपीएफ 30 + अपने स्किन टाइप के हिसाब से इस्तेमाल कर सकती हैं.

साथ ही आप मल्टीविटामिन जैसे इनलाइफ हेयर स्किन एंड नेल्स, जो हेयर, स्किन और नेल्स को हैल्दी रखने के लिए कंप्लीट मल्टीविटामिन (60 टैबलेट) हैं, का यूज कर सकती हैं.

यह बात भी सही है कि आमतौर पर ऐंटी एजिंग क्रीम्स 40+ के लिए ही होती हैं. लेकिन अगर आप शुरआत से ही स्किन केयर चाहती हैं तो इस के बारे में त्वचा विशेषज्ञ डा. धीमंत गोलेरिया का कहना है कि अकसर 20-30 वर्ष की आयु में महिलाओं को एजिंग की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसे में अगर आप शुरुआत से त्वचा की देखभाल करना शुरू कर देती हैं तो यह काफी फायदेमंद होता है.

सही क्रीम चुनें

अकसर हमें स्किन प्रौब्लम होती है तो हम बिना सोचेसमझे मार्केट से ढेरों प्रोडक्ट्स खरीद ले आते हैं जो जेब पर बोझ डालने के साथ साथ स्किन पर वो इफैक्ट नहीं डाल पाते जो डालना चाहिए. एजिंग को रोकने के लिए हमें ढेरों प्रोडक्टस खरीदने की जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसी क्रीम का चुनाव करने की जरूरत है जो स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने, उसे मौइश्चर प्रदान करने के साथ स्किन टोन को भी सुधारने का काम करे.

इस के लिए नायका का कहना है कि आप लौटस हर्बल्स व्हाइटग्लो स्किन वाइटनिंग एंड ब्राइटनिंग जैल क्रीम एसपीएफ 25 पीए +++ का प्रयोग करें. क्योंकि इस में मौजूद विटामिन व वाइटनिंग ऐक्टिव फार्मूला त्वचा की सतह को ठीक कर उसे दागधब्बों व डार्कनिंग से दूर कर उसे क्लीयर रखने का काम करता है.

यही नहीं बल्कि आप ओले टोटल इफैक्ट्स 7 इन 1 ऐंटी एजिंग डे क्रीम नौर्मल एसपीएफ 15 का इस्तेमाल कर सकती हैं. क्योंकि ये शुरुआती स्किन एजिंग जैसे काले धब्बे, त्वचा का लचीलापन खोना, फाइन लाइन्स, झुर्रियां, अनईवन टोन, खुले रोमछिद्रों की समस्या को रोकने में कारगर है. इसे आप दिन में 2 बार टोनिंग के बाद व मौइश्चर फाउंडेशन से पहले अप्लाई कर के बेहतर रिजल्ट पा सकती हैं.

रैटीनोल का संभल कर करें इस्तेमाल

अकसर हम एजिंग को रोकने के लिए रैटीनोल का ट्रीटमैंट लेते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि जो रैटीनोल का ट्रीटमैंट आप ले रही हैं, वह आप को सूट करेगा ही. क्योंकि जहां रैटीनोल सैल सायकल को बढ़ाने, रोमछिद्रों को छोटा करने व सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन की रक्षा करता है वहीं कई बार रैटीनोल से ऐकने की समस्या के साथ ड्राई स्स्नि की ड्राईनैस और बढ़ जाती है.

ऐसे में जरूरत है ऐसे प्रोडक्ट को खरीदने की जिस में रैटीनोल की मात्रा थोड़ी हो, साथ ही उस में अल्फा हाइड्रोसी एसिड और ऐंटीऔक्सीडैंट हो. इस के लिए नायका बताता है कि आप काया ब्राइटनिंग नाइट क्रीमलेक्मे यूथ इनफिनिटी स्किन स्कल्पटिंग डे क्रीम एसपीएफ 15++ का इस्तेमाल करें.

स्किन केयर रूटीन को बदलें

डा. गोलेरिया के अनुसार, प्रदूषण व सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी त्वचा की जीवित कोशिकाओं को डेमैज करने का काम करती हैं जो एजिंग का कारण बनती हैं. इस के लिए जरूरी है कि आप अपने दिन की शुरुआत ऐंटी औक्सीडैंट रिच पोशन जिस में पेपटिड्स और प्लांट स्टैम सैल्स हों, उस से करें, क्योंकि इस में एजिंग को रोकने के गुण जो हैं.

इस के लिए नायका बताता है कि हिमालय हर्बल्स क्लियर कौमप्लैक्शन वाइटनिंग डे क्रीम काफी बेहतर है क्योंकि इस में ऐलोवीरा, विंटर चेरी और इंडिया कीनो ट्री जैसे तत्त्व हैं. जो आप की स्किन को मौइश्चर व प्रदूषण से बचाने में कारगर है. या फिर आप फेब इंडिया विटामिन ई क्रीम डी पिगमैनटेशन का प्रयोग करें जिस में विटामिन ए, सी व ई मिला हुआ है, जो स्किन को यूवीए व यूवीबी किरणों से बचाने में कारगर है.

मौइश्चराइजिंग सनस्क्रीन सबसे बेहतर

सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी स्किन में टैनिंग की समस्या पैदा करती हैं. जिससे बचाव के लिए हम मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जरुरत है स्किन के लिए स्मार्ट मौइश्चराइजिंग सनस्क्रीन खरीदने की, जिस से आप की स्किन सौफ्ट भी रहे और सन बर्न से भी बचाव हो.

डा. गोलेरिया के अनुसार, “अकसर हम अपने चेहरे पर तो सनस्क्रीन अप्लाई करते हैं लेकिन बाकी जगहों पर नहीं जबकि आप को बता दें कि गर्दन, हाथों, पैरों पर इस का प्रभाव सब से अधिक दिखता है. इसलिए सनस्क्रीन सभी जगह अप्लाई करें.”

इस के लिए नायका बताता है कि ऐज लौक एसपीएफ 40 मल्टी विटामिन सबसे बेहतर है क्योंकि इस का डबल ऐक्शन फार्मूला धूप से बचाने के साथ साथ प्रदूषण से रक्षा कर स्किन पर नैचुरल ग्लो लाता है. या फिर आप नीविया मौइश्चराइजिंग सन लोशन एसपीएफ 50 का इस्तेमाल करें.

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