फूलों सी नाजुक त्वचा पर जब पतली धारियां और झुर्रियां नजर आने लगती हैं तो दिल का एक हिस्सा जैसे सहम उठता है. झुर्रियां यानी बुढ़ापे की ओर बढ़ते कदम. आमतौर पर झुर्रियां त्वचा की उम्र बढ़ने का पहला स्पष्ट संकेत होती हैं. त्वचा में ढीलापन वौल्यूम के लौस होने का संकेत है. प्रयास किया जाए और कुछ बातों का खयाल रखा जाए तो हम समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने से रोक सकते हैं.
हमारी त्वचा की एजिंग के कई कारण होते हैं. कुछ चीजें ऐसी हैं, जिसे ले कर हम कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन अन्य कारकों को हम प्रभावित कर सकते हैं.
एक चीज जिसे हम नहीं बदल सकते, वह है उम्र बढ़ने की स्वाभाविक प्रक्रिया. इस की अहम भूमिका होती है. समय के साथ हम सभी को अपने चेहरे पर बारीक रेखाएं दिखने लगती हैं. यह स्वाभाविक प्रक्रिया है.यौवन ढलने के साथ हमारी त्वचा पतली और सूखी होने लगती है. जब ये परिवर्तन होते हैं तो हमारे जीन बड़े पैमाने पर इसे नियंत्रित करते हैं. इस प्रकार की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को चिकित्सकीय भाषा में "इन्ट्रिंसिकएजिंग" कहा जाता है. इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता.
हमारी त्वचा पर असर डालने वाले अन्य एजिंग कारकों को हम प्रभावित कर सकते हैं. हमारा पर्यावरण और जीवनशैली हमारी त्वचा को समय से पहले उम्रदराज बना सकते हैं. इस तरह की एजिंग को चिकित्सकीय भाषा में "एक्स्ट्रिंसिकएजिंग" कहा जाता है. कुछ खास कदम उठाकर हम अपनी त्वचा के इस प्रकार की उम्र बढ़ने के प्रभाव को धीमा कर सकते हैं.