80 और 90 के दशक में चर्चित अभिनेत्री माधुरी दीक्षित किसी परिचय की मोहताज़ नहीं. सफल अभिनेत्री के अलावा वे एक डांसिंग दिवा के रूप में भी जानी जाती हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में  बेहतर फिल्में करने की वजह से उन्हें 4 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार और पद्मश्री की उपाधि से भी नवाजा गया. शांत और हंसमुख स्वभाव की माधुरी दीक्षित बचपन में डाक्टर बनना चाहती थीं,लेकिन अभिनेत्री बन गई जिसे वह अपनी डेस्टिनी मानती हैं.

काम के दौरान उन्होंने डाक्टर श्रीराम नेने के साथ शादी की और दो बच्चों की मां बनीं. शादी के बाद कुछ दिनों का ब्रेक लेकर अमेरिका में माधुरी अपने पति के साथ रही और फिर साल 2006 में वह वापस मुंबई आईं और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ गई. अनिल कपूर के साथ कई सालों बाद वह फिल्म ‘टोटल धमाल’ में अभिनय कर रही हैं. पेश है इनसे बातचीत के अंश.

आपके घर में टोटल धमाल कब होता है?

जब बच्चे घर में होते है, तब खूब धमाल होता है.

अभी आप की जर्नी कैसी चल रही है?

अच्छी चल रही है,क्योंकि मैंने कई फिल्में प्रोड्यूस भी की है. इसके अलावा कई फिल्मों में अभिनय भी कर रही हूँ. बहुत सारे काम कर रही हूं ,पर मैं इसे एन्जौय कर रही हूं.

आपने पहले काम किया, अब फिर से दुबारा इंडस्ट्री से जुड़ चुकी है, कितना अंतर पहले और आज में देखती है?

पहले फिल्म जो बनती थी इंडस्ट्री कम अनुशासित थी. केवल बड़े-बड़े जो प्रोडक्शन हाउस थे वे अच्छा काम करते थे, पर बाकी में अनुसाशन की कमी थी. ऐसे में आर्टिस्ट के लिए काम करना आसान हो गया है. सोचना नहीं पड़ता है कि सेट पर कभी-कभी फिल्में शुरू होकर बंद हो जाया करती थी. कई बार हम सेट पर होते थे संवाद लिखे नहीं होते थे. सब इंतज़ार करते थे, लेकिन आज सब समय पर होता है. आज कल पहले बजट बनता है,फिर सब काम धीरे-धीरे होता है. जाकर क्या करुंगी. समय सीमा भी होती है, पर कई बार लोकेशन की वजह से देर तक काम करना पड़ता है. उसे हम जानते है.

पहले आपने हमेशा हर फिल्म में लीड रोल निभाई और आज भी कहानी आपके इर्द-गिर्द ही घूमती हुई होती है, क्या आप ऐसी ही फिल्में करना पसंद करती है? किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का ध्यान रखती है?

ये हर किसी के चुनाव पर निर्भर करता है कि वह कैसी फिल्म में काम करें. इस फिल्म में मैं अकेली हूं, पर सभी कलाकारों की अपनी जगह है और पूरी फिल्म सबमें बंट गयी है. इसमें पूरा धमाल है और इसमें कामेडी है, जिसे मैं एन्जौय कर रही हूं. कई लोगों के साथ मैं सालों बाद काम कर रही हूं. फिर से सबके साथ काम करना और जुड़ना मुझे अच्छा लग रहा है. इसमें सबने बहुत मस्ती की है.

आजकल गानों का रिमिक्स बहुत होता है, आप इससे कितनी सहमत है?

रिमिक्स कई बार अच्छी होती है, क्योंकि इससे नए जेनरेशन को उस गाने को सुनने का मौका मिलता है. ये सही है कि कुछ को रिमिक्स पसंद नहीं होता है ,तो कुछ को पसंद भी आती है. सही तरह से किया गया रिमिक्स मुझे भी अच्छा लगता है.

इतने सालों में आपकी परफौर्मेंस में क्या बदलाव आया?

मुझे लगता है कि जीवन के अनुभव के साथ-साथ ठहराव और मैच्युरिटी आती है और जब आप परफौर्म करते हैं, तो वह आपको दिखाई पड़ती है. वही मुझमें आया है.

आप एक अच्छी डांसर है, अभी भी परफौर्म कर रही हैं, आज के जेनरेशन में किसके डांस को आप पसंद करती है?

मैंने 3 साल की उम्र से कत्थक सीखना शुरू किया और 9 साल की उम्र में सीख भी लिया था,लेकिन फिल्मों में जब डांस करती थी तो मुझे लगता था कि कुछ गड़बड़ कर रही हूं, क्योंकि बौलीवुड डांस बहुत अलग होता है. यहां कैमरे के साथ आई कांटेक्ट बनाना पड़ता है. ये समझने में देर लगी. कई बार परेशान भी हुई,लेकिन फिल्म तेज़ाब के गाना ‘एक दो तीन…’ के समय सरोज खान ने मुझे रिहर्सल करने को कही. तब मैंने इसे सीखी और आगे बढ़ी. मैंने सभी कोरियोग्राफर से कुछ न कुछ सीखा है. डांस में कैमरा और निर्देशक का बहुत बड़ा हाथ होता है जब सब मिलकर सही काम करते है, तो गाना आइकोनिक बन जाता है. इस जेनेरेशन की कैटरीना कैफ,सोनाक्षी सिन्हा,दीपिका पादुकोण,प्रियंका चोपड़ा,आलिया भट्ट आदि ऐसे कई है, जो अच्छा डांस करती है.

क्या आज की कुछ डांस फार्म को आप सीखना चाहती है?

आज की डांस में क्राम्पिंग, बैली डांस आदि कई अलग फार्म है,जिसे मैं सीखना चाहती हूं.

क्या आज आप ‘चूजी’ हो चुकी है?

नहीं, अगर आपको अभिनय करते रहना है, तो अलग-अलग भूमिकायें निभानी पड़ेगी. तभी आप हमेशा एक फ्रेश काम दे सकते है. मैंने आजतक 78 फिल्मों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाई है.

महिला दिवस पर महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं?

महिलाओं ने अभी बहुत तरक्की की हैं और वे अच्छा कर भी रही हैं. काम के साथ-साथ हमेशा उन्हें परिवार को भी देखने की जरुरत होती है. मेरे घर में बहुत हेल्प है,जिससे काम करने में असुविधा नहीं होती. आम कामकाजी महिला को ये नहीं होता, इसलिए परिवार का पूरा सहयोग उन्हें हो,ताकि वे अच्छा काम कर सकें.

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