अक्षय कुमार और विद्या बालन अभिनीत फिल्म ‘मिशन मंगल’ को अंतरिक्ष के विषय पर बनने वाली भारत की पहली फिल्म माना जा रहा है. पर अब यह फिल्म किसी और वजह को लेकर भी चर्चा में है. दरअसल इस फिल्म पर कौपीराइट का आरोप लगा है. ‘मिशन मंगल’ पर कौपीराइट के उल्लंघन का दावा करते हुए एक महिला निर्देशक ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
राधा भारद्वाज ने इस फिल्म के निर्माण और इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. यह फिल्म भारत के मार्स और्बिटर मिशन (एमओएम) पर आधारित है. इसे मंगलयान कहा जाता है. इस महीने की शुरूआत में अभिनेता अक्षय कुमार ने घोषणा की थी कि वह फौक्स स्टार स्टुडियोज और केप औफ गुड होप फिल्म्स के साथ मिलकर मंगल मिशन पर आधारित फिल्म ‘मिशन मंगल’ का निर्माण करेंगे.
फिल्म का निर्देशन जगन शक्ति करेंगे. इसकी शूटिंग इसी महीने शुरू होगी. अक्षय कुमार और विद्या बालन के अलावा सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू और अन्य कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं. अपने मुकदमे में भारद्वाज ने दावा किया है कि फिल्म उनकी पटकथा ‘स्पेस एमओएमस’ की कौपीराइट का उल्लंघन करती है.
मुकदमे के अनुसार, भारद्वाज ने अपनी पटकथा 2016 में निर्माता अतुल कास्बेकर को दी थी. कास्बेकर की कंपनी ने भारद्वाज के साथ एक इसकी जानकारी किसी को नहीं देने के बारे में ‘नान डिस्क्लोजन एग्रीमेन्ट’ किया. इसके तहत भारद्वाज की लिखित अनुमति के बगैर वह किसी अन्य को इसके बारे में नहीं बता सकते हैं.
उन्होंने दावा किया है कि बाद में उन्हें पता चला कि कास्बेकर ने यह पटकथा विद्या बालन को दिखाई. इससे नाराज होकर भारद्वाज ने एनडीए रद्द कर दिया. मामले पर सुनवाई उचित समय पर होने की संभावना है.