सदी के महानायक और बौलीवुड इंडस्ट्री कें ‘शहंशाह’ कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को देश के सबसे प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया. अमिताभ बच्चन ने अपनी दमदार आवाज और एक्टिंग के दम पर पिछले 4-5 दशकों से सिने प्रेमियों को दीवाना बनाए हुए हैं. अमिताभ को उनके करियर के शुरुआती दिनों में वह दिन भी देखना पड़ा था, जब उनकी आवाज को लोगों ने नकार दिया था. फिल्म जगत में आने से पहले अमिताभ बच्चन ने कई रेडियो चैनल में आवेदन किया था लेकिन वहां उनको भारी आवाज के कारण काम नहीं मिला.
कुछ यूं शुरू हुआ था ‘शहंशाह’ का सफर
11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत कोलकाता की एक कंपनी में बतौर सुपरवाइजर से की थी. 1968 में ये जॉब छोड़ने के बाद अमिताभ मुंबई आ गये थे. अमिताभ बचपन से दिलीप कुमार को काफी पसंद करते थे और उनकी तरह अभिनेता बनना चाहते थे. उनका ये सपना पूरा हुआ और वर्ष 1969 में उन्हें ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ में पहली बार काम करने का मौका दिया. हालांकि यह फिल्म फ्लौप हो गई और अमिताभ दर्शकों के बीच कुछ खास पहचान नहीं बना पाये.
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राजेश खन्ना के साथ किया था काम
वर्ष 1971 में अमिताभ बच्चन को राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘आनंद’ में काम करने का मौका मिला. इस फिल्म से अमिताभ ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इस फिल्म के लिए उन्हे सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड दिया गया. इसके बाद फिल्म ‘जंजीर’ अमिताभ बच्चन के सिने कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई. फिल्म की सफलता के बाद बतौर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए. जंजीर फिल्म के निमार्ता प्रकाश मेहरा थे और अमिताभ बच्चन को इस फिल्म में काम करने का मौका सौभाग्य से ही मिला था. प्रकाश मेहरा ‘जंजीर’ के लिए अभिनेता की तलाश कर रहे थे. पहले तो उन्होंने देवानंद से गुजारिश की और बाद में अभिनेता राजकुमार से काम करने की पेशकश की. लेकिन किसी कारणवश दोनों अभिनेताओं ने काम करने से मना कर दिया. बाद में अभिनेता प्राण ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनको अमिताभ की फिल्म ‘बांबे टू गोवा’ देखने की सलाह दी. फिल्म को देखकर प्रकाश मेहरा काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अमिताभ बच्चन को बतौर अभिनेता चुन लिया.
‘एंग्री यंग मैन’ के नाम से हुए फेमस
‘जंजीर’ की सफलता के बाद अमिताभ बच्चन की गिनती अच्छे अभिनेता के रूप में होने लगी और वह फिल्म उद्योग में ‘एंग्री यंग मैन’ कहे जाने लगे. वर्ष 1975 मे यश चोपड़ा के निदेर्शन मे बनी फिल्म ‘दीवार’ ने अमिताभ बच्चन की पिछली सभी फिल्मों के रिकौर्ड तोड़ दिए और ‘शोले’ की सफलता के बाद तो उनके सामने सारे कलाकार फीके पड़ने लगे. सुपर स्टार के रूप में अमिताभ बच्चन किस उंचाई पर पहुंच चुके थे इसका सही अंदाज लोगों को तब लगा जब 1982 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए. उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि बात उनकी मौत की कगार पर पहुंच गई थी. इसके बाद देश के हर मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में लोगों ने उनके ठीक होने की दुआएं मांगी. लोगों की दुआएं रंग लाईं और अमिताभ जल्द ही ठीक हो गए.
पौलिटिक्स में किया था प्रवेश
वर्ष 1984 में अमिताभ बच्चन ने राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा और जीत गए. हालांकि अमिताभ बच्चन को ज्यादा दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और सांसद के रूप मे तीन वर्ष तक काम करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद फिर से अमिताभ बच्चन फिल्मी दुनिया में सक्रिय हो गये. 90 के आखिरी दशक में उनकी कुछ फिल्में असफल होने लगीं जिसके बाद उन्होंने 1997 तक अपने आप को अभिनय से अलग रखा. 1997 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म निमार्ण के क्षेत्र में कदम रखा. उन्होंने एबीसीएल बैनर का निमार्ण किया और साथ ही अपने बैनर की निर्मित पहली फिल्म ‘मृत्युदाता’ के जरिए अमिताभ ने एक बार फिर से अभिनय करना शुरू किया. इसके बाद वर्ष 2000 में अमिताभ बच्चन को टीवी प्रोग्राम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में काम करने का मौका मिला. कौन बनेगा करोड़पति की कामयाबी के बाद अमिताभ बच्चन एक बार फिर से दर्शकों के चहेते कलाकार बन गए.
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7 बार फिल्म फेयर अवार्ड से जा चुका है नवाजा
अमिताभ बच्चन को 7 बार फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया है. अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मों में गाने भी गाये हैं, उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1979 में आई फिल्म मिस्टर नटवर लाल में ‘मेरे पास आओ-मेरे दोस्तो’ गाने को गाया था. बॉलीवुड जगत में अमिताभ बच्चन के आने के साथ उनके साथ काम करने वाले अभिनेताओं की चमक या तो धुंधली पड़ गई या वे गुमनामी के अंधरे में खो गये थे. लेकिन अमिताभ बच्चन अपने बेमिसाल अभिनय के दम पर आज भी फिल्म इंडस्ट्री में उसी तरह सक्रिय हैं जब उन्होंने अपने सिने करियर का सफर शुरू किया था.
2016 में आईं ये फिल्में
वर्ष 2016 में अमिताभ बच्चन की वजीर, तीन और पिंक जैसी फिल्में आईं. फिल्म पिंक के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2017 में अमिताभ की ‘सरकार तीन’ और 2018 में 102 नॉट आउट और ठग्स ऑफ हिंदुस्तान सिनेमाघरों में आई. अमिताभ की 2019 में फिल्म ‘बदला’ रिलीज हुई जो सुपरहिट साबित हुई है. इन दिनों अमिताभ बच्चन न सिर्फ बडे परदे बल्कि छोटे पर्दे पर भी जौहर दिखा रहे हैं. वह ‘कौन बनेगा करोड़पति’ को होस्ट कर रहे हैं.