हिंदी फिल्मों में एक हीरो की छवि अच्छे इंसान की होती है. फिल्मी इतिहास गवाह है कि फिल्म का हीरो बेहद अच्छा, रिश्तों को निभाने वाला, पौजिटिव, 10 गुंडों को अकेला पीटने वाला, दर्शकों का चहेता होता है और यही दर्शकों का प्यारा हीरो जब गुंडों से मार खाता है तो उस हीरो को प्यार करने वाले दर्शक अपने पसंदीदा हीरो को मार खाते हुए भी नहीं देख पाते. दर्शकों का प्यार ही होता है जो एक हीरो को सुपरस्टार के सफर तक ले जाता है.
लेकिन यही स्टार जिस में अपने अभिनय के जरीए कुछ अलग कर दिखाने की लालसा होती है तो वह अपनी इमेज से बाहर निकल कर खलनायक अर्थात ऐंटी हीरो बन कर भी दर्शकों को लुभाने आ जाता है.
अपने फैवरिट हीरो को खलनायक के रूप में देख कर भी दर्शक उस से नफरत नहीं कर पाते बल्कि एक ऐक्टर के तौर पर अलग तरह का किरदार निभाने के लिए उसे दर्शकों का और ज्यादा प्यार मिलने लगता है. जैसेकि हाल ही में प्रदर्शित रणबीर कपूर और बौबी देओल द्वारा अभिनीत फिल्म ‘ऐनिमल’ में दोनों ही हीरो नैगेटिव भूमिका में थे बावजूद इस के दर्शकों ने बतौर ऐंटी हीरो न सिर्फ रणबीर और बौबी को पसंद किया बल्कि इस फिल्म ने बौक्स औफिस पर सफलता के सारे रिकौर्ड भी तोड़ दिए.
इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि सच्चा कलाकार वही होता है जो किरदारों में विभिन्नता पेश करे. आज के दौर में कलाकारों में अच्छा किरदार निभाने की होड़ के चलते ज्यादातर हीरोज इमेज की कैद से बाहर निकल गए हैं और अलग तरह का किरदार निभाने के लिए नायक से खलनायक बनने को भी तैयार हैं. जैसेकि शाहरुख खान, संजय दत्त, बौबी देओल, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह आदि कई ऐसे ऐक्टर हैं जिन्होंने नायक से खलनायक बन कर ढेर सारी लोकप्रियता बटोरी है.