साल 2011 में धारावाहिक ‘बालवीर’ में मेहर की भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री अनुष्का सेन झारखण्ड की हैं. बचपन से ही उसे अभिनय का शौक था, जिसमें साथ दिया उनकी मां राजरूपा सेन और पिता अनिर्बान सेन ने. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और 16 वर्ष की उम्र से उनके करोड़ों फोलोवर्स हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कई विज्ञापनों और फिल्मों में भी काम किया है. उन्हें नई भूमिका और नयी कहानियों में काम करना बेहद पसंद है. उसे कई अवार्ड मिल चुके हैं. साल 2018 में 20 टौप यंग अचीवर्स का अवार्ड भी मिल चुका है. इसके अलावा उन्हें डांस बहुत पसंद है और शामक डावर के डांस क्लास में नृत्य भी सीख चुकी हैं. स्वभाव से नम्र और चुलबुली अनुष्का अभी कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाली शो ‘झांसी की रानी’ में ‘मणिकर्णिका’ की भूमिका निभा रही हैं. उनसे बात हुई, पेश है कुछ अंश.
इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
डांस मेरा पैशन है, इसलिए मैंने बहुत कम उम्र से ही शामक डावर के डांस क्लास में नृत्य सीखना शुरू कर दिया था. वहां टीवी के लिए कभी-कभी औडिशन होता है, जिसमें मुझे मौका मिला और मैं 7 साल की उम्र में पहली धारावाहिक ‘बालवीर’ के लिए चुनी गयी और काम करना शुरू कर दिया. मैं अभिनेत्री कंगना रनौत से बहुत प्रेरित हूं, क्योंकि बाहर से आने के बावजूद उन्होंने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनायीं है. उनकी फिल्में मैं हमेशा देखना पसंद करती हूं.
झांसी की रानी धारावाहिक में अपनी भूमिका के लिए आपको कितनी मेहनत करनी पड़ी?
जब मुझे इसका औफर मिला, तो मैं बहुत खुश हुई, क्योंकि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मुझे मिल रही थी. रानी लक्ष्मीबाई ने सालों पहले महिला सशक्तिकरण की दिशा में अपनी शक्ति दिखाई थी. लड़की होते हुए भी उन्होंने इतनी मुश्किल लड़ाई अंग्रेजों से लड़ी थी.
इसके लिए मैंने कई वर्कशौप अटेंड किये. 10 दिन तक सोर्ड फाइटिंग, हैण्ड फाइटिंग, उसके चाल चलन, जोश, लुक आदि विषयों पर काम किया, ताकि अभिनय रियल लगे. अभी इसका सेट आमगांव में है, जहां मैं कई दिनों तक रहकर शूट करती हूं.
झारखण्ड से मुंबई कैसे आना हुआ?
मैं 11 साल से मुंबई में हूं. मेरे पिता की नौकरी के साथ-साथ हम सभी अलग-अलग शहरों में शिफ्ट हुआ करते थे. ऐसा करते-करते मुम्बई पहुंची और मुझे यहां मेरे कला को मुकाम मिला.
पहला ब्रेक कैसे मिला? कितना संघर्ष था?
मुझे अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ा. मैं जब डांस सीख रही थी वहां एक एजेंसी आई और एक म्यूजिक वीडियो के लिए औडिशन हुआ, जिसके निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा थे. जिसमें मैं चुनी गयी और ये मेरा पहला प्रोजेक्ट था. इसके बाद धारावाहिक, मूवी और दक्षिण की एक फिल्म में काम किया. ऐसे मेरी जर्नी शुरू हो गयी. अभी संघर्ष अच्छे काम के मिलने का रहता है.
आप अभिनय के साथ-साथ पढ़ाई कैसे करती हैं?
मेरे इस काम में मेरे दोस्त और अध्यापिकाएं बहुत सहायता करती हैं. मैं अभिनय के साथ उसे भी करती हूं. समय मिलने पर स्कूल भी जाती हूं. वहां मैं एक आम छात्रा की तरह ही अपनी पढ़ाई पर फोकस्ड रहती हूं. मैं सुबह और रात में अपनी पढ़ाई पूरी करती हूं. 12 वीं के बाद मैं मास मीडिया पढ़ना चाहती हूं और आगे चलकर निर्देशक बनना चाहती हूं.
पहली कमाई से आपने क्या किया?
पैसे का मुझसे कुछ लेना देना नहीं है, वह सब मेरे माता-पिता ही करते हैं. मुझे जो चाहिए वे सब दिला देते हैं. इतना जरुर है कि जब मैंने अपने आपको पहली बार टीवी पर देखा था या फिर मेरा होर्डिंग क्रिकेटर एम् एस धोनी के साथ देखा, तो बहुत खुशी हुई थी.
पहली बार कैमरा फेस करने का अनुभव कैसा था?
मैंने जब कैमरा फेस किया था, तब मैं बहुत छोटी थी. डांस करुंगी इस बात पर ही मैं खुश थी. कैमरे के बारें में कुछ पता नहीं था. जहां खड़ा कर दिया वहीं अभिनय कर लेती थी. जब मैं बड़ी हुई, तो अब इस बारें में पता चलता है. मैंने काम के दौरान ही अभिनय सीखा है.
आपके यहां तक पहुंचने में माता-पिता कितना सहयोग करते हैं?
मां हमेशा मेरे साथ रहती हैं और पिता मुझे साहस देते हैं. रानी लक्ष्मीबाई की शूटिंग के दौरान पिता ने ही मुझे कई बार घुड़सवारी, तलवारबाजी आदि में हौसला दिया, क्योंकि ये सब मेरे लिए करना आसान नहीं था.
आप कितनी फैशनेबल हैं?
मुझे फैशन अच्छा लगता है. मैं एक फैशन ब्लागर भी हूं और नए-नए फैशन को पोस्ट भी करती हूं. हर तरह के परिधान मुझे पसंद हैं.
कितनी फूडी हैं?
मछली, चिकन बर्गर, पिज्जा, बिरयानी आदि सब कुछ मुझे पसंद है. मैं बहुत फूडी हूं और डाइट बिल्कुल भी नहीं करती. मां के हाथ की बनी हुई मछली, भिन्डी, पालक, चिकन आदि सब मुझे पसंद है.
समय मिले तो क्या करती हैं?
मैं मुंबई आकर मेरी डौगी सिंड्रा के साथ खेलती हूं. वह मुझे रोज सुबह जगाती है.
मेकअप कितना पसंद करती हैं?
मुझे साधारण रहना पसंद है. कैमरे के आगे सिर्फ मेकअप लगाती हूं.
आप किसे नापसंद करती हैं?
जो अहंकार करते हैं, उन्हें मैं पसंद नहीं करती.
ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?
वुमन सेंट्रिक रोल, जिसमें बिना हीरो के काम करने का अवसर मिले, उस फिल्म में मैं अभिनय करना चाहती हूं.