रेटिंगः तीन स्टार

निर्माताः यूडली फिल्मस
पटकथा लेखकः विजय नारायण वर्मा और अविनाश सिंह
निर्देशकः अशीश आर शुक्ला
कलाकारः राघव जुआल, अभिषेक चैहाण, संजय मिश्रा, राम कपूर, निधि सिंह.
अवधिः दो घंटे पांच मिनट
ओटीटी प्लेटफार्म: हॉटस्टार डिज़नी

फिल्म ‘प्राग’के अलावा ‘अनदेखी’ सहित कुछ वेब सीरीज निर्देशित कर चुके अशीश आर शुक्ला इस बार ‘पूंजीवाद, भारतीय लोकतंत्र, भ्रष्ट नेताओं, स्वघोषित फर्जी भगवान, संत या धर्म गुरू के नाम पर उद्योगपति बन चुके लोगों, चरमपंथी विचारधारा पर जबदस्त कटाक्ष करने के साथ ही उच्च शिक्षित बेरोजगारों की स्थिति को लेकर एक हास्यप्रद फिल्म‘‘बहुत हुआ सम्मान’’ लेकर आए हैं. जिसे दो अक्टूबर से ओटीटी प्लटफार्म ‘‘हॉटस्टार डिजनी’’ पर देखा जा सकता है.

कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में वाराणसी मेकेनिकल इंजीनियरिंग के दो छात्र बोनी(राघव जुआल) और फंडू(अभिषेक चैहाण)हैं, जिनके परीक्षा में खराब नंबरों के चलते सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे की नौकरी का सपना बिखर जाता है. इनके साथ जुड़ते हैं स्व घोषित मार्क्सवादी क्रांतिकारी बकचोद बाबा (संजय मिश्रा), जो कि इन लड़कों को अपनी आंतरिक प्रतिभा व शक्ति को एकत्र कर एक नई दिशा में काम करते हुए कॉलेज परिसर में स्थित ‘एमसीबीसी बैंक’ को लूटकर पूंजीवाद को नष्ट करें. एक लंबे और जटिल ऑपरेशन के बाद यह दोनों लुटेरे अंततः बैंक की तिजोरी तक प्रवेश करते हैं, तो पाते है कि बैंक की तिजोरी से कीमती सामान पहले से ही कुछ बदमाशों द्वारा चुरा लिए गए हैं. यह वही बदमाश हैं जो कि खुद बंद सर्किट कैमरों द्वारा इन लड़कों को तिजोरी तक पहुंचते हुए देखते हैं. अपराधी को र्थड डिग्री यातना देकर अपराध के खात्मे के लिए दृढ़ संकल्प सुपर-कॉप बॉबी तिवारी (निधि सिंह)तक इन दो लड़को को बंदी बनाकर पेश किया जाता है. जो कि 32 वर्ष की उम्र में भी मां नही बन पायी है और अपने हताश पति रजत (नमित दास) द्वारा सुझाए जाने वाले सेक्स करने के नए नए तरीकों को अनसुना कर अपने काम में मन लगाए रहती हैं. वह इन लड़कों से बातचीत कर किसी बड़े अपराध को सूंघ लेती है. उधर बकचोद बाबा एक बड़ा वकील कर बोनी व फंदू की जमानत करा देते हैं. उधर राजनेता अजय सिंह परमार ने अपने मतलबी व अपने पैसों पर पलने वाले अपराधी लवली सिंह (राम कपूर)को पेरोल छुड़ाया है. क्योंकि बैंक से एक कीमती किताब गायब हो गयी है, जिसमें कई महत्वपूर्ण फार्मुले हैं, जिनसे स्वघोषित बाबा गुरू आनंद बलराम महाराज(दिव्येंदु भट्टाचार्य)ने ‘पतंजली’ की तरह हर तरह के उत्पाद बनाकर बेच रहे हैं. उन्होने ‘अखंड भारत पंथ’चला रखा है. उनके चेलो में नेता जी भी है. वह हर उत्पाद में एक ऐसा पदार्थ मिला रहे हैं, जिससे पूरे देश के लोगों की सोचने समझने की शक्ति धीरे धीरे खत्म हो जाए. मजेदार बात यह है कि बैंक से चोरी करने वाले दोनों डाकू राजू व भोलू नर्तकी सपना (फ्लोरा सैनी) के प्रेमी हैं. लवली सिंह अब राजेनता के इशारे पर बैंक से चोरी की किताब की तलाश कर रहे हैं. मगर राजू व भोलू के चंगुल से बोनी, फंडू व बकचोद बाबा ने वह किताब हासिल कर पुलिस इंस्पेक्टर बौबी तिवारी को सौंप दी है. इन्हे पता चलता है कि गुरू आनंद बलराम महाराज ने अपनी लैब गोरखपुर में बना रखी है, तो अब पुलिस इंस्पेक्टर बौबी अपने साथ बोनी, फंदू और बकचोद बाबा को लेकर गोरखपुर में उस लैब में पहुंचती हैं, जहां लवली सिंह भी पहुंचता है. गोलियां चलती हैं. अंततः लवली सिंह और पूरी लैब को आग के हवाले करने में यह इंजीनियरिंग के दोनों लड़के, बकचोद बाबा व बौबी सफल होते हैं.

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