संजय लीला भंसाली ने जब फिल्म ‘‘पद्मावत’’ की शुरूआत की थी, तब से इस फिल्म को लेकर विवाद ही विवाद उठते आए हैं. विवादों के ही चलते फिल्म एक दिसंबर को प्रदर्शित नहीं हो पायी. अब जब यह फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली है, तो भी विवाद थमे नहीं है. बिना फिल्म देखें फिल्म में रानी पद्मावती को गलत ढंग से चित्रित करने का आरोप लगा रही राजपूत करणी सेना का विरोध उग्र होता जा रहा है. जबकि फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और इस फिल्म से जुड़े कलाकर लगातार ऐलान कर रहे हैं कि फिल्म में राजपूतों की वीरता को ही चित्रित किया गया है. पद्मावती को महान बताया गया है.

फिल्मकार का दावा है कि उन्होंने इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं की. इसके अलावा वह यह भी कह रहे हैं कि उनकी फिल्म सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की किताब पर आधारित है, जो कि काल्पनिक रचना है.

फिर भी बिगड़े हुए हालातो के मद्दे नजर आज यानी कि 22 जनवरी की सुबह सुबह राजस्थान और माध्यप्रदेश की सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी हैं. यह सरकारें चाहती हैं कि उनके राज्य में फिल्म ‘पद्मावत’ पर बैन लगा रहे. सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकारों की इस याचिका पर कल 23 जनवरी को सुनावाई करेगा. उधर खबरें यह भी हैं कि जिस तरह से राजस्थान में करणी सेना का विरोध हिंसात्मक होता जा रहा है, उसे देखते हुए ‘पद्मावत’ की निर्माण कंपनी ‘वायकाम 18’ ने अपनी फिल्म को राजस्थान में प्रदर्शित न करने का मन बना लिया है. वैसे भी अब तक इस फिल्म को राजस्थान में वितरक नहीं मिले हैं. सभी डरे हुए हैं.

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